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यहां भक्त शिवलिंग पर चढ़ाते हैं खास पानी, जानिए वजह

मध्य प्रदेश का ऐसा शिवमंदिर जहां भक्त शिवलिंग पर चढ़ाते हैं खास पानी। Shiv temple in Madhya Pradesh, where the devotees offer special water to Shivlinga.

भारत में अलग-अलग धर्मों का अनुसरण किया जाता है। इसलिए यहां आस्था की पकड़ सबसे गहरी मानी जाती है। खासकर हिन्दू धर्म से जुड़ी आस्था व मान्यताएं सबसे जटील हैं। हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों की भक्ति किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकती हैं। जीवन काल से जुड़े कर्मकाण्डों से लेकर विभन्न रीति रिवाज इसे विश्व के अन्य प्राचीन धर्मों से अलग बनाते हैं। इसलिए भारत विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र भी माना जाता है।

हिन्दू धर्म से जुड़ी कुछ ऐसी भी परंपरा और मान्यताएं हैं जो किसी को भी एक पल के लिए सोचने पर मजबूर कर सकती हैं। आज हमारे साथ जानिए भारत स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां शिव जी को आम पानी नहीं बल्कि 'आरो' का पानी चढ़ाया जाता है। जानिए इसके पीछे की दिलचस्प कहानी।

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर

PC- Gyanendra Singh Chau

मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन शिव मंदिर है। जिसका विवरण हिन्दू महाकाव्यों व पुराणों में भी मिलता है। शिवलिंग के रूप में भगवान शिव यहां साक्षात प्रकट हुए थे, इसलिए इस मंदिर का महत्व हिन्दू धर्म में ज्यादा है। मान्यता है कि यहां शिव के दर्शन मात्र करने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। हर साल महाकुंभ से पहले इस भव्य मंदिर को खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान यहां भक्तों का जमावड़ा लगता है।

बाहरी शक्तियों का आक्रमण

बाहरी शक्तियों का आक्रमण

PC- Sunil Ujjain

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर बाहरी शक्तियों का आक्रमण भी झेल चुका है। यह मंदिर शम्सुद्दीन इल्तुतमिश (ग़ुलाम वंश का शासक) द्वारा ध्वस्त किया जा चुका है। जिसका पुन: निर्माण व सौन्दर्यीकरण बाद से शासकों ने करवाया। कहा जाता है उज्जैन पर कभी यवनों का शासन था। इस दौरान बहुत सी प्राचीन धरोहरों को नष्ट किया गया। लेकिन इसी बीच मालवा पर मराठों के आधिपत्य हो गया। जिस कारण उज्जैन को अपना खोया हुआ गौरव मिल सका। मराठा शासनकाल के दौरान यहां महाकालेश्वर मंदिर का पुन: निर्माण करवाया गया । जिसके बाद राजा भोज ने इस मंदिर का विस्तार किया।

मंदिर की संरचना

मंदिर की संरचना

PC- Gyanendra Singh Chau

महाकालेश्वर मंदिर खूबसूरत वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है। जिसकी भव्यता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर के गर्भगृह तक सीढ़ीदार रास्ते के सहारे पहुंचा जाता है। जिसके ठीक ऊपरी कक्ष में ओंकारेश्वर शिवलिंग का स्थान है। श्रावण के दौरान यह मंदिर भक्तों से भरा रहता है, जिसके हर सोमवार को भव्य आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में निकासी के लिए खूबसूरत द्वार मौजूद हैं। मंदिर के पास एक छोटा जलाशय (कोटितीर्थ) भी मौजूद हैं।

चढ़ाया जाता है आरो का पानी

चढ़ाया जाता है आरो का पानी

महाकालेश्वर मंदिर सालभर श्रद्धालुओं से भरा रहता है। अपनी-अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भक्त दूध, जल, धतूरा आदि शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। जिसके बाद कोर्ट में यह अर्जी दायर की गई है कि चढ़ाई जाने वाली चीजों से शिवलिंग को नुकसान पहुंच रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि शिवलिंग पर अब 'आरो का पानी' ही चढ़ाया जाए। जल चढ़ाने के लिए भक्तों के केवल आधा लीटर ही आरो का पानी मिलेगा। जिसे वे शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा किसी और चीज़ से शिवलिंग का अभिषेक नहीं किया जाएगा।

अदालत में दायर याचिका

अदालत में दायर याचिका

PC-Arian Zwegers

कोर्ट के इस आदेश के बाद महाकालेश्वर भारत स्थित एक ऐसा शिवमंदिर बन गया है, जहां शिवलिंग पर आरो का पानी चढ़ाया जाता है। दायर की गई याचिका में भक्तों द्वारा की जाने वाली गंदगी का भी जिक्र किया गया। दायर याचिका में ये भी कहा गया था कि भक्तों को गर्भ गृह तक जाने की इजाजत न दि जाए, क्योंकि इससे ज्यादा गंदगी फैलती है।

 कैसे पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर

कैसे पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर

PC- Bernard Gagnon

उज्जैन आप तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर स्थित 'देवी अहिल्याबाई होल्कर' एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप उज्जैन रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप सड़क मार्ग से भी यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों के द्वारा उज्जैन मध्य प्रदेश के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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