विविधता में एकता प्रदर्शित करते भारतीय राज्य अपनी अनूठी संस्कृति के साथ-साथ भौगोलिक विशेषताओं के लिए भी दुनियाभर में मशहूर हैं। घने जंगल, बर्फ की चादर ओढ़े हिमालयी पर्वत श्रृंखला, पहाड़ों से आती नदियां, ये कुछ ऐसे आकर्षण हैं, जिनकी एक झलक पाने के लिए सैलानी भौगोलिक सीमाओं तक की परवाह तक नहीं करते हैं। आत्मिक व मानसिक शांति के खोजी यहां प्रकृति की गोद में आकर खुद को काफी सुरक्षित महसूस करते हैं।
वैसे देखा जाए तो अलग-अलग पर्यटकों की रूची भी एक दूसरे से काफी भिन्न होती हैं, किसी को सागर की लहरों पर अठखेलियां करना पसंद होता है, तो किसी को घने जंगलों की सैर करना, कोई प्रकृति को करीब से देखना चाहता है, तो कुछ पर्यटक ऐसे भी हैं, जो अनंत सफर की सैर में निकले बादलों को करीब से देखना या यूं कहें उन्हें छूना चाहते हैं। 'नेटिव प्लानेट' की 'ट्रैवल सफारी' आज आपको भारत के एक ऐसे राज्य की सैर कराने जा रही है, जिसे बादलों का घर कहा गया है।
बादलों का निवास स्थान
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मेघालय भारत के पूर्वोत्तर में स्थित एक बेहद खूबसूरत पहाड़ी राज्य है। वर्षा का स्तर अधिक होने के कारण इसे भारत का सबसे 'नम' राज्य भी कहा जाता है। मेघालय अपनी जलवायु विशेषताओं के चलते प्रर्यटकों के मध्य काफी प्रसिद्ध है, यही कारण है, यहां सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। मेघालय अपनी हरी भरी वादियों के साथ बादलों से ढकी पहाड़ियों को लिए भी जाना जाता है। जैसा की इसका शाब्दिक अर्थ है मेघालय, यानी 'मेघो का घर'। यहां आकर न सिर्फ बादलों को करीब से देखा जा सकता है, बल्कि इन्हें महसूस भी किया जा सकता है।
पूर्व का स्कॉटलैंड
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घने जंगलों के मामले में सबसे समृद्ध माना जाने वाला मेघालय अपनी पर्वत चोटियों के लिए भी जाना जाता है। मेघालय की सबसे ऊंची चोटी शिलांग है, जिसे पूर्व का स्कॉटलैंड कहा गया है, क्योंकि यहां की और स्कॉडलैंड की पहाड़ियां बहुत हद तक समान हैं। मेघालय की राजधानी शिलांग एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। कभी एक समय था जब शिलांग भारत के सभी पूर्वोतर राज्य की राजधानी हुआ करता था, तब इसका नाम 'नेफा प्रांत' था। लेकिन 1972 के विभाजन के बाद शिलांग सिर्फ मेघालय की राजधानी बन कर रह गया ।
अनोखी संस्कृति का गढ़
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11 जिलों में बंटा मेघालय राज्य अपनी अनोखी संस्कृति के लिए भी जान जाता है। यहां मुख्यत: तीन जनजातियों के लोग रहते हैं, एक गारो दूसरा खासी और तीसरा जयंतिया। वैसे तो भारत अपनी पितृसत्तात्मक परंपरा के लिए जाना जाता है पर मेघालय भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जो मातृसत्तात्मक परंपरा का अनुसरण करता है। यहां पुरूषों को शादी के बाद पत्नी के घर में रहना पड़ता है। यहां के निवासी अपनी जनजातीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी बोलना ज्यादा पसंद करते हैं।
घूमने लायक पर्यटन स्थल
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प्राकृतिक खूबसूरती के लिहाज से पूरा मेघालय राज्य ही घूमने लायक है। यहां की हसीन पहाड़ियां पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित करती हैं। वैसे तो यहां कई पर्यटन स्थल हैं, जो दूर से ही किसी का भी ध्यान खींच लेते हैं। रोमांच की दृष्टि से देखा जाए तो यहां मौसिनराम, सीज व मोसमाई झरना, उनियाम, वार्ड्स लेक ये कुछ ऐसे आकर्षक स्थल हैं जहां एडवेंचर का शौक अच्छी तरह पूरा किया जा सकता है।
ऐतिहासिक वार्ड्स लेक
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अगर आप मेघालय की राजधानी शिलांग आएं, तो यहां स्थित वार्ड्स लेक की सैर करना न भूलें। यह एक बेहद खूबसूरत कृत्रिम झील है, जिसका नामकरण कभी असम के चीफ़ कमिश्नर रहे 'विलियम वार्ड' के नाम पर पड़ा। बता दें कि इस मानव निर्मित झील का आकार कुछ घोड़े के खुर जैसा है। शिलांग आने वाले पर्यटक इस झील के मनोरम दृश्यों को देखना ज्यादा पसंद करते हैं। इस लेक के आसपास हरी-भरी वनस्पतियां यहां की खूबसूरती पर चार-चांद लगाती हैं। बता दें कि सैलानियों को ध्यान में रखते हुए इस झील में रंग-बिरंगी मछलियां पाली गई हैं। कहा जाता है इस झील का निर्माण कैदियों के मनोरंजन के लिए किया गया था।
वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, उनियाम
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शिलांग शहर से तकरीबन 17 किमी की दूरी पर स्थित 'उनियाम वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स' आपकी मेघालय यात्रा डायरी का अहम हिस्सा बन सकता है। दूर-दूर तक फैले इस विशाल पानी के भंडार को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां आप नोकाविहार का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इस वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की खासियत 'फ्लोटिंग रेस्तरां' के जायके दार फूड्स का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
चेरापूंजी, एलीफेंटा फॉल
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मेघालय अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश होने वाली जगहों के लिए भी जाना जाता है। बता दें कि यहां स्थित मासिनराम दुनिया का सबसे ज्यादा नम वाला स्थान है, जहां सबसे ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है। इससे पहले चेरापूंजी का नाम आता था। आप चाहें तो चेरापूंजी की सैर का आनंद उठा सकते हैं, यह शिलांग शहर से तकरीबन 54 किमी की दूरी पर स्थित है। आप यहां रास्ते पर पड़ने वाले एलीफेंटा फॉल के अद्भुत दुश्यों का रोमांचक अनुभव भी ले सकते हैं।
यात्रा का सही समय
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मेघालय की खूबसूरत वादियों का लुफ्त उठाने लिए आप सितंबर से अप्रैल के मध्य का प्लान बना सकते हैं। इस दौरान मौसम काफी खुशनुमा रहता है। वर्षा ऋतु आपके लिए मुश्किल भरे हालात पैदा कर सकती है, तो इस दौरान मेघालय का प्लान न बनाएं, क्योंकि यहां बारिश के साथ लेंड स्लाइड का खतरा बढ़ जाता है।कैसे करें प्रवेश
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मेघालय जाने के लिए हवाई मार्ग सबसे उत्तम विकल्प हैं, यहां का नजदीकी हवाई अड्डा शिलांड स्थित 'उमरोई' है। यहां तक के लिए आपको 40 किमी का सफर तय करना होगा। यहां से कोलकाता और गुवाहाटी के लिए सीधी उड़ाने हैं। पहाड़ी राज्य होने के चलते मेघालय में रेल मार्ग नहीं है, जिसके लिए आपको गुवाहाटी रेलवे स्टेशन का सहारा लेना पड़ेगा। गुवाहाटी रेल मार्ग कई अहम राज्यों व शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से हर 1 घंटे में शिलांग के लिए बस सेवा उपलब्ध है।