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गुजरात के वाव से झाँकता एक अंजाना इतिहास!

पुराने काल में पानी के संरक्षण के लिए कई सारे वाव या बावड़ी बनवाए गये जिन्हें कुआँ भी कहा जाता है। कई सारी बावड़ियां, पर्यटकों में अपने कई रहस्यमयी कहानियों के साथ प्रसिद्ध भी है। उन बावड़ियों में से ही एक है, गुजरात के गाँधीनगर जिले में स्थित अडलाज की बावड़ी।

Adalaj Stepwell

अडलाज बावड़ी
Image Courtesy: Notnarayan

अडलाज बावड़ी या वाव, अडलाज में स्थित एक ऐतिहासिक कुआँ है जिसका निर्माण कार्य रणवीर सिंह द्वारा प्रारंभ करवाया गया था। कुएँ में उस समय के वास्तुकला की छवि और निपुणता आपको साफ दखेगी जो आपको सम्मोहित कर उसी काल में दोबारा ले जाएगी। यह स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है। इसकी वास्तुकला में भारतीय शैलियों के साथ-साथ इस्लामिक शैलियों को भी बखुबी उकेरा गया है।

Adalaj Stepwell

अडलाज बावड़ी का उपर बाहरी दृश्य
Image Courtesy: Raveesh Vyas

यह वाव पाँच मंज़िला और अष्टभुजाकार बना हुआ है। वास्तुकला का यह अद्भुत नमूना 16 स्तंभों पर खड़ा है। यहाँ सूरज की रोशनी बहुत कम वक्त के लिए अंदर तक पहुँच पाती है, इसलिए इसके अंदर का तापमान बाहर के तापमान से 6 डिग्री कम ही रहता है। वाव की दीवारों और स्तंभों में कई देवी देवताओं की प्रतिमाएँ भी उकेरी गयी हैं, जिनकी पूजा करने गाँव वाले लोग रोज़ सुबह आते हैं। यहाँ के लोगों का कहना भी है कि, इसकी दीवारों पर बने नव ग्रह की प्रतिमाएँ, इस बावड़ी की रक्षा करते हैं। यहाँ के कई लोग पानी की पूर्ति इसी कुएँ से करते हैं और गर्मी के मौसम में गर्मी से राहत के लिए यहीं आकर आराम करते हैं।

Adalaj Stepwell

अडलाज बावड़ी में कामगारों द्वारा की गयी अद्भुत कलाकारी
Image Courtesy: Arkarjun1

इसके पहली मंज़िल पर लगे संगमरमर के पत्थर पर लिखे आलेख से मालूम होता है कि, इसे सन् 1499 में रानी रूदाबाई ने अपने पति राजा रणवीर सिंह की याद में बनवाया था।

कुएँ से जुड़ी कथा

कथानुसार कहा जाता है कि इस कुएँ को राजा रणवीर सिंह द्वारा बनवाना प्रारंभ किया गया था। पर जब उनकी सल्तनत पर एक मुस्लिम सुल्तान बेघारा ने हमला किया तो वह उस युद्ध में मारे गये। सुल्तान बेघारा, राजा रणवीर सिंह की पत्नी रानी रूदाबाई की सुंदरता पर मोहित हो गया और उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। रानी ने भी विवाह के लिए उस वाव को नियत समय पर पूरा करने की शर्त रखी, जिसे सुल्तान बेघारा ने नियत समय पर पूरा करवा दिया।

Adalaj Stepwell

अडलाज बावड़ी के अंदर नीचे से उपर का दृश्य
Image Courtesy: EricPoehlsen

कुएँ का निर्माण कार्य पूरा होता ही रानी उसे देखने वहाँ पहुँची। चूँकि वह सुल्तान बेघारा से विवाह नहीं करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने पाँच मंज़िला उस कुएँ में छलाँग लगा अपनी जान दे दी। कहा जाता है कि रानी रूदाबाई की आत्मा अभी भी उस कुएँ में भटकती है।

उस बावड़ी के पास ही बावड़ी को बनाने वाले कामगारों की क़ब्रे हैं जिनके पीछे कहानी है कि, इस बावड़ी के पूरा होते ही सुल्तान बेघारा ने उन कामगारों को मरवा दिया क्युंकि वह नहीं चाहता था कि दोबारा कोई ऐसी बावड़ी बना सके। मानव निर्मित इस अद्भुत कलाकारी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरख में रखा गया है।

Adalaj Stepwell

अडलाज बावड़ी की दीवारों पर की गयी अद्भुत कलाकारी
Image Courtesy: Raveesh Vyas

अडलाज वाव के अलावा यहाँ का त्रिमंदिर भी पर्यटकों के बीच एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

यहाँ पहुँचें कैसे?

सड़क मार्ग द्वारा: गुजरात के सभी मुख्य शहरों से बसों की सुविधा यहाँ तक के लिए उपलब्ध है।
रेल यात्रा द्वारा: अहमदाबाद से यह लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है, जो देश के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। कालुपुर रेलवे स्टेशन यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
हवाई यात्रा द्वारा: अहमदाबाद का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है।

Adalaj Stepwell

अडलाज वाव की सीढ़ियाँ
Image Courtesy: Pratik.sarode

अहमदाबाद कैसे पहुँचें?

तो अब अपने अगले गुजरात की यात्रा में इतिहास के इस कुएँ में झांकना ना भूलें, जहाँ आप एक रानी के अपने पति के प्रति अथाह प्रेम को खुद से अनुभव कर सकेंगे।

अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।

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