कभी वीरान रहा उत्तराखंड का कनाताल आज राज्य के खूबसूरत स्थलों में अपना स्थान बना रहा है। यह पहाड़ी स्थल उन ट्रैवलर्स के लिए है जिन्हें शांत और एकांत जगहों की तलाश है। इतिहास से जुड़े पन्ने बताते हैं कि यहां कभी कनाताल नाम की झील हुआ करती थी, जिसके नाम पर इस स्थल का नाम पड़ा।
एक शांत वातावरण के अलावा यह पर्वतीय गंतव्य खूबसूरत पहाड़ियों, पहाड़ी वनस्पतियों, फलों के बाग और हरे-भरे जंगलों के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। खूबसूरत जंगली फूलों और छोटे-छोटे वाला यह स्थल देहरादून, चंबा, मसूरी और राज्य के कई अन्य हिल स्टेशनों के निकट स्थित है। समुद्र तल से इस स्थल की ऊंचाई 8500 फीट है।
दिल्ली की गर्मी से राहत पाने के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं। दिल्ली से कनाताल की दूरी मात्र 313 किमी की है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड का यह पहाड़ी गंतव्य आपके लिए कितना खास है।
धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण
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कनाताल की यात्रा का प्लान आप खूबसूरत दृश्यों को देखने के साथ कर सकते हैं। यह पहाड़ी स्थल अपने प्राकृतिक खजानों के अलावा अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। आप यहां सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन करने का प्लान बना सकते हैं। मुख्य शहर से सुरकंडा माता का मंदिर लगभग 5 किमी की दूरी पर है।
यह खूबसूरत मंदिर माता सती को समर्पित है, जहां आप 2 किमी की ट्रेक यात्रा के जरिए पहुंच सकते हैं। धार्मिक स्थल के अलावा आप यहां से टिहरी बांध को देखने का प्लान भी बना सकते हैं। चंबा और धनौल्टी के करीब यह स्थल आरामदायक छुट्टियां बीताने के लिए एक आदर्श स्थल है।
ट्रेकिंग और नेचर वॉक
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धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों की सैर के बाद अगर आप चाहें तो यहां रोमांचक एडवेंचर गतिविधियों में भी शामिल होते हैं। कनाताल ट्रेकिंग के लिए भी जाना जाता है। आप यहां के कोडाई जंगल में एक लंबी ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं। जंगलों के बीच से होते यहां के ट्रेल्स किसी भी रोमांचिक कर सकते हैं। चंबा के रूट्स से 5-6 किमी के ट्रेल्स वन्य जीवन को समझने और मानसिक थकान उतारने का काम करते हैं।
जंगली ऑर्किड और पहाड़ी वनस्पतियों के साथ यहां के ट्रेकिंग ट्रेल्स अद्भुत दृश्यों के लिए जाने जाते हैं। कोडाई जंगल में आप विभिन्न वन्यजीवों को देखने का प्लान भी बना सकते हैं। आप यहां जंगली सूअर, कस्तूरी मृगों जैसे जानवरों के साथ पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
कैंपिंग का आनंद
कनाताल में आप ट्रेकिंग के अलावा कैंपिग का भी रोमांचक आनंद ले सकते हैं। अगर आपको साहसिक एडवेंचर का शौक है तो आप यहां का वीकेंड प्लान बना सकते हैं। अगर आप दिल्ली के पास कैंपिंग के लिए कोई सप्ताहांत पैकेज की तलाश में हैं, तो आपको कनाताल के लिए लक्जरी टेंट हाऊस, स्वादिष्ट भोजन और कनताल में साहसिक खेल और अन्य गतिविधियों का पूरा पैकेज मिल जाएगा।
आप यहां कैंपिंग के दौरान वॉलीबॉल और बैडमिंटन जैसे खेल का भी आनंद ले सकते हैं। रात्रि शिविर के दौरान आप बोनफायर, बारबेक्यू, गेम्स और स्टर्गजिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
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वैली क्रॉसिंग
ट्रेकिग, कैंपिंग के अलावा आप यहां वैली क्रासिंग का भी आनंद ले सकते हैं। यहां की खूबसूरत घाटियां इस खास एडवेंचर के लिए सबसे आदर्श मानी जाती हैं। बता दें कि ट्रेंकिग के तुलना में वैली क्रॉसिंग बहुत ही साहसिक एडवेंचर है जिसके लिए अत्यधिक घैर्य और ताकत की जरूर पड़ती है।
अगर आप इस एडवेंचर के लिए पूरी तरह नए है तो भूल से भी इन घाटियों में वैली क्रॉसिंग ट्राई करें। इस खास एडवेंचर को यहां करने के लिए शारीरिक फिटनेस और अनुभव का ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। हालांकि पेशेवर मार्गदर्शन के साथ यहां की छोटी घाटियों में यह एडवेंचर किया जा सकता है।
जंगल सफारी
उपरोक्त गतिविधियों के अलावा आप कनाताल में जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव ले सकते हैं। कोडाई वन जंगल सफारी के लिए सबसे बेस्ट डेस्टिनेशन माना जाता है। यह जंगल वन्यजीवन को देखने का सबसे सुनहरा मौका प्रदान करता है। आप यहां की वनस्पतियों और जंगली जानवरों को आसानी से देख सकते हैं।
स्वर्ग योगीनी से नीलकंठ तक फैला यह वन्य क्षेत्र प्रकृति के अद्भुत दृश्यों के साथ नेचर लवर्स एडवेंचर के शौकीनों को यहां आने का आमंत्रण प्रदान करता है। आप यहां दुर्लभ जानवरों में यहां कस्तूरी मृग और बाकी जानवरों में देख सकते हैं। कनाताल एक फोटोजेनिक स्थान है जहां आप जी भरकर फोटोग्राफी कर सकते हैं।