भारत में पर्यटन के साथ एडवेंचर गतिविधियों को भी काफी ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिस वजह से देश के कई शानदार स्थलों का पता लग पाया है। अब सैलानी घूमने-फिरने के साथ-साथ रोमांचक एक्टिविटी में शामिल होना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। भारत के कई प्रसिद्ध स्थल एडवेंचर स्पोर्ट्स का अनुभव के लिए विश्व भर के सैलानियों का स्वागत करते हैं। आप यहां रिवर राफ्टिंग, रॉक क्लाइंबिंग, रिवर क्रासिंग, ट्रैकिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर का रोमांचक आनंद जी भरकर ले सकते हैं।
वैसे तो भारत में कई एडेंचर स्थल मौजूद हैं लेकिन आज हम दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के एक ऐसे गंतव्य के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप साहसिक रॉक क्लाइंबिंग का अनुभव ले सकते हैं। आइए जानते हैं कर्नाटक राज्य के अंतरगंगे स्थल के बारे में।
अंतरगंगे में एडवेंचर का आनंद
अंतरगंगे बैंगलोर से 80 किमी और कोलार से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कर्नाटक का अज्ञात पर्यटन स्थल है, जो अपने साहसिक एडवेंचर अनुभव के लिए जाना जाता है। जहां आप ट्रेकिंग और रॉक क्लाइंबिग जैसी गतिविधियों को रोमांचक आनंद ले सकते हैं। यहां कर्नाटक और आसपास के राज्यों से ट्रेवैलर्स यहां रोमांच की तलाश में आते हैं। इसके अलावा यह स्थल गुफाओं और मंदिरों के लिए भी जाना जाता है।
यह बैंगलोर के आसपास लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। वनस्पतियों के घिरा यह स्थल सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। दोस्तों के साथ यहां एक ट्रिप का प्लान किया जा सकता है।
पहाड़ी ट्रेकिंग का शानदार अनुभव
अंतरगंगे मुख्यत : पहाड़ी ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है, जिसका रोमांचक अनुभव लेने के लिए यहां दूर-दराज से एडवेंचर के शौकीन आते हैं। यहां की चट्टानी संरचना एडवेंचर को और भी दिलचस्प बनाने का काम करती है। यह स्थल कई ज्वालामुखी चट्टानों और प्राकृतिक गुफाओं से भरा हुआ है। अगर आप रोमांच का शौक रखते हैं तो अंतरगंगे आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है।
आप यहां ट्रेकिंग के जरिए गुफाओं की खोज कर सकते हैं, ऊपर चढ़ाई करते वक्त आपको थोड़ा शारीरिक कमजोरी महसूस हो सकती है। यहां की पहाड़ी ट्रेकिंग आप 2 घंटों के समय के साथ पूरा कर सकते हैं।
धार्मिक महत्व
अंतरगंगे एडवेंचर के साथ-साथ अपने धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है, आप यहां स्थित मंदिरों के दर्शन भी कर सकते हैं। यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना जाना लगा रहता है। काशी विश्वेश्वर यहां के मुख्य मंदिरों में माना जाता है। इस स्थान को दक्षिण काशी भी कहा जाता है। इस मंदिर में शिललिंग स्थापित हैं।
चट्टानो से आती पानी की धारा में श्रद्धालु स्थान और जल आचमन भी करते हैं। श्रद्धालु पानी की इस धारा को गंगा का दुर्लभ रूप भी कहते हैं। उनका मानना है कि यहां के पानी में औषधीय गुण हैं।
पौराणिक महत्व
इस स्थल का अपना पौराणिक महत्व भी है, मााना जाता है कि अंतरगंगा पहाड़ी भगवान परशुराम और जमदग्नि ऋषि संबंधित है। पौराणिक किवदंती के अनुसार परशुराम द्वारा कार्तवीर्य अर्जुन की हत्या, कार्तवीर्य अर्जुन के पुत्रों द्वारा जमदग्नि की हत्या और रेणुका का आत्म-विसर्जन इसी पहाड़ी पर हुआ था। पौराणिक किवदंती यह भी कहती है परशुराम ने पहाड़ी के सभी क्षत्रियों को मार गिराया था।
कैसे करें प्रवेश
अंतरगंगे पहाड़ी कोलार शहर से मात्र 4 किमी और बैंगलोर से 80 किमी की दूर स्थित है। आप बैंगलोर के केम्पे गौड़ा बस अड्डे से कोलार के लिए बस सेवा ले सकते हैं। जिसके बाद आपको अंतरगंगे के लिए प्राइवेट ऑटो रिक्शा करना होगा। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा बैंगलोर एयरपोर्ट है। रेल सेवा के लिए आप कोलार रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।