ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि भारत और धर्म एक दूसरे के पर्याय हैं। यहां आपको हर गली नुक्कड़ चौक चौराहे पर अलग अलग मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे और गिरजे दिख जाएंगे। ज्ञात हो कि ये स्थान ऐसे हैं जहां साल भर भक्तों की एक भारी भीड़ देखी जाती है। गौरतलब है कि आज भारत अपने धार्मिक पर्यटन के कारण विश्व मानचित्र पर भी एक खासा मुकाम रखता है जिसके कारण आज विदेश से आने वाले पर्यटकों की एक भारी संख्या यहां अलग अलग धर्मों और संस्कृतियों की झलक पाने आती है।
तो इसी क्रम में हमारी इस ख़ास रमजान स्पेशल सीरीज में हम आपको लगातार अवगत कराएंगे भारत में मौजूद अलग अलग मस्जिदों मजारों और दरगाहों से।ज्ञात हो कि पूरे विश्व के साथ साथ भारत में भी रमज़ान की शुरुआत हो चुकी है जिसकी रौनक के चलते आप जगह जगह बाज़ारों, दुकानों को सजा हुआ देख सकते हैं। बहरहाल आज अपने इस लेख में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं ख्वाजा गरीब नवाज़ के नाम से मशहूर ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से।
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आपको बता दें कि इस स्थान को दरगाह शरीफ के नाम से भी जाना जाता है। दरगाह शरीफ़ राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है, जो ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का स्थान है। वे एक सूफ़ी संत थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और दलितों की सेवा में समर्पित कर दिया। यह स्थान सभी धर्मों के लोगों के लिए पूजनीय है और प्रतिवर्ष यहाँ लाखों तीर्थयात्री आते हैं। चाँदी के दरवाज़े वाली इस दरगाह का निर्माण कई चरणों में हुआ जहाँ संत की मूल कब्र है जो संगमरमर की बनी है और इसके चारों ओर की रेलिंग चाँदी की है।
महान सूफ़ी संत की याद में यहाँ हर साल एक उर्स का आयोजन किया जाता है जो 6 दिन तक चलता है। 6 दिनों की अवधि का धार्मिक महत्व यह है कि लोगों का ऐसा मानना है कि जब संत की आयु 114 वर्ष की थी तब उन्होंने प्रार्थना करने के लिए स्वयं को 6 दिन तक कमरे में बंद कर लिया था और अपने नश्वर शरीर को एकांत में छोड़ दिया था।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
ख्वाजा गरीब नवाज़ के नाम से मशहूर ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से। आपको बता दें कि इस स्थान को दरगाह शरीफ के नाम से भी जाना जाता है।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
दरगाह शरीफ़ राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है, जो ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का स्थान है। वे एक सूफ़ी संत थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और दलितों की सेवा में समर्पित कर दिया।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
यह स्थान सभी धर्मों के लोगों के लिए पूजनीय है और प्रतिवर्ष यहाँ लाखों तीर्थयात्री आते हैं। चाँदी के दरवाज़े वाली इस दरगाह का निर्माण कई चरणों में हुआ जहाँ संत की मूल कब्र है जो संगमरमर की बनी है और इसके चारों ओर की रेलिंग चाँदी की है।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
महान सूफ़ी संत की याद में यहाँ हर साल एक उर्स का आयोजन किया जाता है जो 6 दिन तक चलता है।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
6 दिनों की अवधि का धार्मिक महत्व यह है कि लोगों का ऐसा मानना है कि जब संत की आयु 114 वर्ष की थी तब उन्होंने प्रार्थना करने के लिए स्वयं को 6 दिन तक कमरे में बंद कर लिया था और अपने नश्वर शरीर को एकांत में छोड़ दिया था।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
एक किवदंती के अनुसार बादशाह अकबर ने ख्वाजा को एक कडाही की पेशकश की थी जब संत के आशीर्वाद के कारण उन्हें अपने सिंहासन के लिए उत्तराधिकारी प्राप्त हुआ था।
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह
हुमायूं द्वारा बनाई गई कब्र अजमेर में एक छोटी और बंजर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह सफ़ेद संगमरमर से बनी है और इसमें फारसी शिलालेख के साथ 11 मेहराब हैं।
एक किवदंती के अनुसार बादशाह अकबर ने ख्वाजा को एक कडाही की पेशकश की थी जब संत के आशीर्वाद के कारण उन्हें अपने सिंहासन के लिए उत्तराधिकारी प्राप्त हुआ था। हुमायूं द्वारा बनाई गई कब्र अजमेर में एक छोटी और बंजर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह सफ़ेद संगमरमर से बनी है और इसमें फारसी शिलालेख के साथ 11 मेहराब हैं।
कैसे जाएं दरगाह शरीफ
सड़क मार्ग द्वारा
अजमेर शहर दिल्ली और मुंबई के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्वर्णिम चतुर्भुज पर स्थित है। इसके अलावा, अजमेर राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर और भरतपुर जैसे सभी प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य संचालित बसों के अलावा कई पर्यटक बसों की सेवा भी उपलब्ध है।
ट्रेन द्वारा
अजमेर जंक्शन अजमेर का निकटतम रेल्वे स्टेशन है। क्योंकि यह राज्य का प्रमुख रेल्वे स्टेशन है, यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल उपलब्ध हैं।
फ्लाइट द्वारा
जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का निकटतम हवाई अड्डा है जो 132 किमी. की दूरी पर स्थित है। शहर तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से किराये की टैक्सी ली जा सकती है। यह हवाई अड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है।