यात्रा ना सिर्फ बोरियत को दूर करती है बल्कि इससे यात्रा करने से वाले व्यक्ति के ज्ञान में बढ़ोतरी भी होती है। इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहें है मुंबई के वाई के बारे में। जोकि हमेशा महाबलेश्वर और पंचगनी के बीच में स्थित है.. सह्याद्री पर्वतमाला में स्थित वाई अपनी मनमोहक खूबसूरती के कारण हर सीजन में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
वाई महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है जोकि पूरे राज्य के सबसे आकर्षक डेस्टिनेशंस है। कम भीड़ भाड़ वाला वाई उन पर्यटकों को आकर्षित करता है जो नेचर को उसके सर्वोत्तम रूप में निहारने के इच्छुक हैं और जिन्हें एडवेंचर
पसंद है। पश्चिम घाट पर मौजूद इस स्थान की दिलचस्प बात ये है कि इसे स्थानीय लोगों द्वारा दक्षिण काशी भी कहा जाता है।
पहले के समय में वाई को विराट नगरी के नाम से जाना जाता था, बताया जाता है कि, अज्ञातवास के दौरान पांडव वाई के राजा विराट के साथ रहते थे। वाई सतारा से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। वाई में करीबन 100 मंदिर है जिनकी
वास्तुकला चकित कर देने वाली है।
यहां छ किले और भी मौजूद है जिनके नाम पांडवगढ़, बालवाड़ी, कमलगढ़, वरितगढ़ और कंधन है। इन किलो में पर्यटक ट्रेकिंग का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। किलों के ऊपर से इस जगह से पहाड़ियों और घाटियों के एक विशाल दृश्य प्रदान करते हैं।
कहा जाता है कि, जब अफजल खान ने छत्रपति शिवाजी को मारने के लिए वाई से निकाल दिया था, तो एक स्थानीय नाम शेंडे शास्त्री ने राजा के विजेता के लिए कृष्णा नदी की प्रार्थना की। शिवाजी विजयी हो गए और अफजल खान को
मार डाला, तब से नदी को देवी कृष्णबाई के रूप में माना जाता है। इस नदी के किनारे हर साल शिवाजी की जीत को चिह्नित करने के लिए वार्षिक त्यौहार मनाया जाता है।
नाना फडणवीस वाडा
नाना फडणवीस वाडा एक बड़ी हवेली है जिसका निर्माण 1780 में सम्पन हुआ था। इस हवेली के अंदर एक आन्तरिक आंगन भी है जोकि कृष्णा घाट से जुड़ा हुआ है। वास्तुकला पेशवा युग के दौरान निर्मित विशिष्ट वाडा का आदर्श उदाहरण है जिसमें मुख्य संरचना के साथ एक घाट और मंदिर है। इस हवेली में दो मंदिर है एक भगवान विष्णु को समर्पित तो दूसरा भगवान शिव को समर्पित है। फडनवीस वाडा क्षेत्र में सबसे सुरक्षित संरक्षित इमारतों में से एक है।
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धोलया गणपति मंदिर
इस गणपति मदिर का निर्माण 17 वीं सदी में राजा भोज द्वारा किया गया था इस मंदिर की वास्तुकला की हेमाडपंती से निर्मित है। कहा जाता है कि, भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर इस शहर कि रक्षा के लिए बनाया गया था।PC: wikipedia.org
धर्मभाषावी कलाबाई मंदिर
यह मंदिर समुद्र तल से 4650 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है।स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, यह मंदिर करीबन 400 वर्ष से अधिक पुराना है, और शिवाजी के शासन के दौरान बनाया गया था।
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वाई गुफाएं
वाई गुफाएं नौ गुफाओं का एक समूह, जो इसकी वास्तुकला के लिए पर्यटकों के बीच जाने जाते हैं।पहले ये गुफाएं बौद्ध धर्म से जुड़ी थी, लेकिन अब इन गुफाओं के कई वर्गों को भगवान शिव के मन्दिरों के रूप में बदलदिया गया है।PC: wikimedia.org
कैसे जाएँ
हवाईजहाज द्वारा
वाई के नजदीकी हवाई अड्डा पुणे का लोहेगाँव हवाई अड्डाहै जोकि वाई से 66 किमी दूर स्थित है। पुणे एयरपोर्ट से देश के सभी प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानें हैं।
ट्रेन से
वाईका निकटतम रेलवे स्टेशन हेड सतारा है जो लगभग 40 किमी दूर है।
सड़क मार्ग से
वाई सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है यह मुंबई से 230 किलोमीटर दूर, पुणे से 66 किमी और बेंगलुरु से 764 किमी की दूरी पर स्थित है। मुंबई, पुणे और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित रूप से चलने वाली बहुत सी बसें हैं।PC: wikimedia.org
कहां ठहरे
वाई में रहने के लिए रिजोर्ट्स काफी वाजिब दामों में उपलब्ध है। इन रिजोर्ट्स में आप कई कई सारे भारतीय व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
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