बारिश में वह ताक़त होती है कि वह जर्जर भूमि को भी हरे भरे घास से लहलहा दे। कभी कभी एक ही बार की तेज़ बारिश की वजह से भी पूरा शहर नदी का रूप ले लेता है। कल्पना कीजिए, पश्चिमी घाट और नदियों के किनारे बसे जगहों की खूबसूरती का, कितना मनमोहक होता होगा ना नज़ारा? ऐसा ही एक क्षेत्र है अम्बासमुद्रम, जो मॉनसून के समय किसी जन्नत से कम नही लगता। इसलिए आप जब भी तिरुनेलवेली जाएँ इस क्षेत्र की यात्रा ज़रूर करें।
विलानकूरिची क्षेत्र को ही नया नाम अम्बासुंदरम दिया गया है, यहाँ के मंदिरों और जल स्रोतों की वजह से। यह नाम दो शब्दों को मिला कर बना है, अंबा और समुद्र। कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि महान ऋषि अगस्त्य ने इस जगह पर कुछ दिनों के लिए निवास किया था।
पापनाशनी मंदिर
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अम्बासमुद्रम सिर्फ़ धार्मिक स्थान ही नहीं, प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत भी है। इसके एक ओर पश्चिमी घाट है तो दूसरी ओर तमीराभरनी नदी जो नगर के साथ बहती है।
हम अम्बासमुद्रम में और उसके आसपास कई जगहों में घूम सकते हैं। आपकी यहाँ की यात्रा यहाँ के मंदिरों को देखे बिना कभी पूरी नहीं होगी। कैशिवनाथस्वामी मंदिर, पापनाश्नाम पापनासार मंदिर, मेलासेवल मेगालिंगेश्वरा मंदिर और मेलासेवल वेणुगोपालस्वामी मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध मंदिर हैं।
बानातीर्थम झरना
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अम्बासमुद्रम के आसपास के पर्यटक स्थान
पश्चिमी घाट रहस्यमय तरीके से यहाँ की खूबसूरती बढ़ाते हैं। मंजोलाई पहाड़ियों के साथ कलक्कड़ मुन्दनथुरइ टाइगर रिज़र्व क्षेत्र, अम्बासुंदरम के नज़दीक ही सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं।
मंजोलाई की पहाड़ियाँ चाय के पौधों से भरी पड़ी है और वहाँ का दृश्य आँखों को सुकून देता है। इसलिए यह अम्बासमुद्रम के पास का सबसे खूबसूरत क्षेत्र है।
कुछ अन्य आकर्षक केंद्र
अगस्तियार मंदिर, करायर बाँध, अप्पर कोडैयार बाँध, बाना तीर्थम झरना और तमीराभरनी नदी इस जगह के आसपास के कुछ अन्य आकर्षण के केंद्र हैं।
करायर बाँध
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अम्बासमुद्रम, पक्षी प्रेमियों के लिए भी सबसे अच्छी जगह है। पूरा क्षेत्र हरा भरा होने के कारण कई प्रजाति की पक्षियों का निवास स्थान है।
दिलचस्प बात यह है कि, अम्बासमुद्रम मॉनसून गंतव्य होने की वजह से प्रसिद्ध होने के साथ साथ अद्वितीय हस्तशिल्प की कलाकारी के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ पर आकर आप यहाँ की लकड़ियों पर खोद कर की गयी हस्तशिल्प की कलाकारी और घास की चटाई जिसे यहाँ पाई कहते हैं, को एक बार देखना ना भूलें।
यह मंत्रमुग्ध कर देने वाला मंदिर सबों के लिए ज़बरदस्त आकर्षण का केंद्र है।
कलक्कड़ के आस पास की पहाड़ियाँ
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बिना कोई शक के अम्बासमुद्रम, तमिलनाडु का सबसे शानदार मॉनसूनी गंतव्य स्थल है जहाँ आप यात्रा करना बिल्कुल भी ना भूलें।
अम्बासमुद्रम कैसे पहुँचें?
तिरुनेलवेली से यह लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर है।
बस यात्रा: कुछ बसों की यात्रा उपलब्ध है तिरुनेलवेली से अम्बासमुद्रम तक के लिए।
ट्रेन यात्रा:तिरुनेलवेली इस क्षेत्र का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
हवाई यात्रा: आपको मदुरै या फिर तिरुवनंतपुरम तक की हवाई यात्रा करनी होगी।
क्लिक: तिरुनेलवेली कैसे पहुँचें?
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