मेंसट्रुएशन या मासिक धर्म आज से नहीं हमेशा से ही ख़ुशी का कारण रहा है। मेंसट्रुएशन या मासिक धर्म से ही हमें पता चलता है कि अब कोई लड़की एक नए जीवन को जन्म दे सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानव के अलावा देवियों को भी इस मेंसट्रुएशन से गुज़ारना पड़ता है। जी हां ये सच है देवी को भी मासिक धर्म का सामना करना पड़ता है यदि आपको देवी के इस रूप को देखना है तो आप गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर आएं जहां हर साल जून में कामाख्या देवी को मासिक धर्म होता है और इस दौरान यहां एक अम्बुबाची नाम के मेले का आयोजन किया जाता है। ये मंदिर गुवाहाटी के अंतर्गत आने वाली नीलाचल पहाड़ियों में स्थित है जो रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थ्ति है। तो आइये कुछ चुनिंदा तस्वीरों में देखें अम्बुबाची मेले की एक झलक। Read : विचित्र कामाख्या देवी मंदिर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
अम्बुबाची मेले में साधू
अम्बुबाची मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता एक साधू।
अम्बुबाची मेले में साधू
कामाख्या देवी के दर्शन कर अपनी मनोकामना मांगने जाते साधू।
अम्बुबाची मेले में साधू
अपने परंपरागत शंख से वादन करता हुआ एक साधू।
अम्बुबाची मेले में साधू
कामाख्या देवी मंदिर की ख़ास बात ये है कि यहां आपको साधुओं और बाबाओं की एक अच्छी भीड़ दिखेगी।
अम्बुबाची मेले में साधू
प्रायः ये देखा गया है कि यहां आने वाले साधू अपने शंख और घड़ियाल से देवी को खुश करते हैं।
अम्बुबाची मेले में भक्त
देवी मां की आरती के लिए लगी भक्तों की भीड़।
अम्बुबाची मेले में भक्त
धूपबत्ती अगरबत्ती और मोमबत्ती जलाकर अपनी अपनी मुरादें मांगती हुई स्त्रियाँ।
अम्बुबाची मेले में भक्त
देवी मां को प्रसन्न करने के उद्देश्य से भजन करते साधुओं कि टोली।
अम्बुबाची मेले में भक्त
देवी सती के एक प्रमुख रूप कामाख्या देवी के दर्शन करने के लिए आई हुई भक्तों की भीड़।
अम्बुबाची मेले में साध्वी
आप इस तस्वीर में उन महिलाओं को देख सकते हैं जिन्होंने सांसारिक जीवन से सन्यास ले लिया है।
अम्बुबाची मेला
अम्बुबाची मेला एक ऐसा मेला है जहां देवी का मासिक धर्म बनता है लोगों के लिए जश्न मनाने का कारण।
अम्बुबाची मेला
एक दूसरेको तिलक लगाकर जश्न मनाती हुई महिलाओं का समूह।
अम्बुबाची मेले में भक्तों की भीड़
पूरे देश से हर साल लोग यहां मां कामाख्या देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।
अम्बुबाची मेले में भक्तों की भीड़
आप इस तस्वीर में देख सकते हैं किस तरह भक्तों की भीड़ मां कामाख्या देवी के दर्शन करने के लिए बेताब है।
अम्बुबाची मेले में भक्तों की भीड़
अम्बुबाची मेला, जहां देवी का मासिक धर्म बनता है लोगों के लिए जश्न मनाने का कारण।
कामाख्या देवी का रहस्यमय मंदिर
मंदिर के शिखर को मधु मक्खी के छत्ते की तरह निर्मित किया गया है।
कामाख्या देवी का रहस्यमय मंदिर
जिसमें भगवान गणेश के अलावा हिंदू धर्म से जुड़े देवी देवताओं की प्रतिमा है।
कामाख्या देवी का रहस्यमय मंदिर
108 शक्ति पीठों में शुमार होने के अलावा, ये मंदिर और इससे जुडी किवदंती अपने में एक बहुत ही रोचक दास्तां समेटे हुए है।
कामाख्या देवी का अद्भुत मंदिर
बताया जाता है कि यहां देवी के मासिक धर्मके चलते स्थानीय नदी लाल हो जाती है।
कामाख्या देवी का अद्भुत मंदिर
देवी के मासिक चक्र के समय मंदिर 3 दिन बंद रहता है और इस नदी के लाल पानी को यहां आने वाले भक्तों के बीच बांटा जाता है।
मन्नत होती है पूरी
स्थानीय लोगों कि मानें तो नदी का ये पानी व्यक्ति की किसी भी मन्नंत को पूरा कर सकता है।
दूर दूर से आते हैं भक्त
ये मंदिर ऐसा है कि यहां दर्शन की दृष्टि से दूर दूर से लोग आते हैं।
कामाख्या देवी मंदिर
बताया जाता है कि मंदिर में देवी शक्ति की कोई मूर्ति नहीं है।
कामाख्या देवी मंदिर
जब आप इस मंदिर में प्रवेश करेंगे तो वहां आपको देवी के मंदिर के अंदर योनि नुमा संरचना दिखेगी।
कामाख्या देवी मंदिर
इस संरचना को देवी शक्ति की योनि के रूप में पूजा जाता है।
मंदिर में पूजा करती स्त्री
पर्व के उपलक्ष में कामाख्या देवी को जल चढ़ातीहुई महिला।
कामाख्या देवी मंदिर
इस मंदिर की एक और ख़ास बात ये है कि आज भी ये मंदिर तंत्र मंत्र का केंद्र है।
कामाख्या देवी मंदिर
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आज भी यहां बलि जैसी प्रथाओं का प्रचालन है।
अन्य देवियों की पूजा
यहां मंदिर की मुख्य देवी कामाख्या की पूजा के अलावा भी कई अन्य पूजाओं को किया जाता है।
अन्य देवियों की पूजा
यहां होने वाली पूजा में दुर्गा पूजा, पोहन बिया, वसंती पूजा, मदनदेउल अंबुवासी और मनसा पूजा शामिल हैं
मंदिर से सम्बंधित हैं कई रहस्य
इस मंदिर को लेकर आज भी कई रहस्य हैं जिनको अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है ।
कैसे पहुंचें इस मंदिर तक
इस मंदिर के दर्शन के लिए आपको पहले गुवाहाटी आना होगा जहां से आप बस या टैक्सी के माध्यम से यहां आ सकते हैं।