काली नदी के तट पर स्थित है दांडेली नामक छोटा सा गांव है जहां वन्यजीव, हरे-भरे जंगल और एडवेंचरस स्पोर्ट का मज़ा लिया जा सकता है। ये खूबसूरत शहर वन्यजीवों और कुछ शानदार पक्षियों के लिए मशहूर है।
गोवा से 125 किमी दूर दांडेली को एक्सटेंडेड गोवा भी कहा जाता है। यहां टैंट लगाकर जंगल कैंपिंग का मज़ा लिया जा सकता है। इसके घने जंगलों में प्रकृति के बीच रहना कुछ अलग ही अनुभव देता है।
अब आपको टॉप क्लास और फ़्लूएंट इंग्लिश सिखाएंगी इस मंदिर की इंग्लिश देवी
के लिए भी यहां बहुत कुछ है। यहां आप रिवर राफ्टिंग" loading="lazy" width="100" height="56" />एडवेंचस लवर्स के लिए भी यहां बहुत कुछ है। यहां आप रिवर राफ्टिंग
अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो इस जगह पर एक बार तो जरूर आएं।
शुरुआती बिंदु : बैंगलोर
गंतव्य : दांडेली
दांडेली आने का सही समय
दांडेली आने के लिए सर्दी का मौसम सबसे सही रहता है। हालांकि अक्टूबर से फरवरी तक का समय भी अच्छा है। गर्मियों में दांडेली का तापमान सामान्य रहता है। मॉनसून में यहां बिलकुल ना आएं।
PC:toufeeq hussain
कैसे पहुंचे दांडेली
सड़क मार्ग : बेंगलुरू से दांडेली 460 किमी दूर है और यहां आप रूट 1 और रूट 2 से जा सकते हैं। इसके लिए आप दो रूट ले सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
रूट 1 : बेंगलुरु - शिमोगा रोड़ - राजाजी नगर में तुमपुर मुख्य सड़क - कालघाटगी - एनएच 48 से हलियाल कालघाटगी
रूट 2 : बेंगलुरु - हैदराबाद राजमार्ग - श्रीनगर कन्याकुमारी राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 48
रूट 1 सही रहेगा। इससे आप 7.5 घंटे में ही दांडेली पहुंच जाएंगें जबकि रूट 2 से 9.5 घंटे लगेंगें।
बैंगलोर से शिमोगा दांडेली रोड
सभी परिवहन के साधनों में रोड़ सबसे सही है। सही रूट पकड़ने पर आप रास्ते की खूबसूरत जगहों को भी देख सकते हैं। यहां आप खुद ड्राइव कर या किराए पर गाड़ी लेकर आ सकते हैं।
कम समय में इस लंबी दूरी को तय करना चाहते हैं तो सुबह बैंगलोर से जल्दी निकलें। टुमकुर रूट से निकलने पर कम समय लगेगा। रास्ते में बैंगलोरियन नाश्ता करना ना भूलें।
बैंगलोर से 70 किमी दूर है तुमाकुरू जिला। इस सफर में आपको कई मंदिर देखने को मिलेंगें। थोड़ा समय निकालकर शैक्षिक संस्थान के साथ मंदिर सिद्धागंगा भी देख आएं। इसके अलावा शैक्षिक केंद्र के साथ-साथ यहां तीर्थस्थल और स्वादिष्ट खाने का मज़ा लिया जा सकता है।
तुमाकुरू से 50 किमी दूर है सिरा। अगर आप शहर की भागदौड़ से दूर रहना चाहते हैं तो सिरा झील जरूर आएं। यहां आप वल्लापुरम मंदिर और श्री गुरुगुंडब्रह्मेश्वर देख सकते हैं।PC: Kaushik AP
देवानगेरे
अगला स्टॉप सिरा से 143 किमी दूर देवानगेरे है जिसेकि दक्षिण भारत का टेक्सटाइल कैपिटल के लिए जाना जाता है। अगर आप पास समय है तो आप यहां एक या दो दिन के लिए रूक सकते हैं। यहां के प्रमुख आकर्षणों में से कुंदुवाडे केरे, तीर्था रामेश्वर, श्री आंजनेय स्वामी मंदिर, ईश्वरा मंदिर शामिल हैं।PC:Sunjay.kodaru
कालघाटगी
देवानगेरे से 156 किमी दूर है कालघाटगी जहां सूर्यास्त का खूबसूरत नज़ारा देख सकते हैं। यहां सतहोड़ी झरना, मगोद झरना, चंद्रमोलेश्वर मंदिर, नृपतुंगा पर्वत आदि देख सकते हैं।
कालघाटगी से 61 किमी दूर है दांडेली। दांडेली में भी कई दर्शनीय स्थल हैं।PC:Phaneesh N
परिवहन के अन्य माध्यम
वायु मार्ग : बैंगलोर इंटरनेशन एयरपोर्ट से हुबली के लिए सप्ताह में 5 फ्लाइट आती हैं। इसमें आपको 1.5 घंटे का समय लगेगा।
रेल मार्ग : बेंगलुरू जंक्शन से रानी चेन्नाम्मा एक्सप्रेस के लिए नियमित बसें चलती हैं। बेलगाम जंक्शन कई शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से दांडेली 85 किमी दूर है। बैंगलोर से अल्नावर जंक्शन के लिए भी ट्रेनें चलती हैं। अल्नावर जंक्शन से दांडेली 16 किमी दूर है।
बस द्वारा : बैंगलोर से दांडेली के लिए सीधी बस जाती है। इसका किराया 600 रुपए है।PC: Klaus Nahr
रिवर राफ्टिंग
काली नदी के तट पर स्थित होने के कारण व्हाइट रिवर राफ्टिंग के लिए ये जगह सबसे बेहतर मानी जाती है। अगर आप पहली बार रिवर राफ्टिंग कर रहे हैं तो आपको इसकी शुरुआत यहीं से करनी चाहिए। व्हाइट रिवर राफ्टिंग में बहुत मज़ा आता है।
PC:Balamurugan Natarajan
कायकिंग और अन्य एडवेंचर एक्टिविटी
रिवर राफ्टिंग के बाद दांडेली में सबसे ज्यादा कायकिंग की जाती है। कायक एक ऐसी नाव होती है जिसे आदमी को अकेले ही चलानी होती है। इसमें वो किसी अनुभवी व्यक्ति की सहायता ले सकता है। कायकिंग के अलावा यहां कोरेकल राइडिंग, रैपलिंग, ट्रैकिंग और काली नदी के तट पर पक्षियों की चहचहाहट सुन सकते हैं। रोप एक्टिविटीज़, आर्चरी, पाइपलाइन जैसे कुछ एडवेंचर भी यहां किए जाते हैं।
PC: CrazyYatra
वॉटर एडवेंचर और जंगल सफारी
दांडेली में हर जगह वॉटर एडवेंचर ही मिलेगा। जंगल में घूमते हुए कई पक्षियों और दुर्लभ जानवरों को देखना का मौका मिलेगा। यहां आप बॉनफायर के बीच बैठकर स्वादिष्ट खाने का मज़ा ले सकते हैं।PC:Jeeshanker
कवाला गुफाएं
दांडेली वन्यजीव अभ्यारण्य के केंद्र में स्थित पवित्र शिवलिंग स्वाभाविक रूप से विशाल स्टैलैगमाइट से बना है। 375 सीढियां चढ़ने के बाद गुफा का प्रवेश द्वारा आता है जिससे प्रवेश कर आप भगवान से आशीर्वाद ले सकते हैं।PC: J.varshini
दांडेली वन्यजीव अभ्यारण्य
कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण्य है दांडेली। यहां आपको पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगीं। इस अभ्यारण्य में ब्लैक पैंथर, चीता, बाघ, हॉर्नबिल, किंगफिशर जैसे कई जानवर देख सकते हैं।PC:Namratha Aroor