जल्द ही फिर एक और वीकेंड आने वाला है, तो आपने वीकेंड का प्लान बना लिया क्या या फिर अभी भी सोच ही रहे हैं।बैंगलोर वासियों के लिए बैंगलोर के आसपास कई जगह, जहां जाकर आप अपना वीकेंड शानदार बना सकते हैं।
आप लोगो की तरह मै भी हर वीकेंड यही सोचती हूं कि इस वीकेंड कहां घूमा जाए..ऐसे ही एक एक दिन मेरे दोस्त ने मुझसे कहा चलो इस हफ्ते रेगिस्तान घूमा जाये..कर्नाटक और बेंगलुरु के पास रेगिस्तान..सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा।
वीकेंड स्पेशल : एडवेंचर के शौकीनों के लिए है बैंगलोर से कोडैकानल तक की रोड ट्रिप
जी हां इस जगह का नाम है तालकाड़...इस जगह से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं जिनके बारे में शायद आपने सुना भी होगा।
तो आइये आज के अपने इस लेख से मै आपको रूबरू कराती हूं राजस्थान के नहीं बल्कि कर्नाटक के रेगिस्तान से..
रूट
सड़क द्वारा तलाकाडू की दूरी 130 किमी है।
बेंगलुरु - रामनगर - चन्नापटना - मद्दुर - मलावल्ली - तलाकाडू
हमने सुबह 6.30 बजे मैसूर रोड़ की तरफ सफर की शुरुआत की। रास्ते में हम कामत लोकारूचि पर नाश्ते के लिए रूके और इसके बाद हमने तालकाड़ के लिए सफर शुरु किया।
तलकाडू बेहद सुंदर शहर है। यहां 30 से भी ज्यादा प्राचीन मंदिर हैं। एक रानी के श्राप के कारण मंदिर रेत में धंस गया था। इस शहर के हर नुक्कड़ और कोने पर आप कला और कहानियों का चित्रण देख सकते हैं। इस शहर से कई महान राजाओं जैसे चोल, पल्लव, गंगा, विजयनगर और होयसाला का उदय और पतन जुड़ा हुआ है।
तीन से साढ़े तीन घंटे की ड्राइव के बाद हम तलाकाडू पहुंच गए। गूगल मैप की वजह से सफर में काफी मदद मिली। कार को पार्क करने के बाद हम मंदिर की ओर चल पड़े। यहां पर स्थित 30 मंदिरों में से हमने पांच मंदिरों के दर्शन किए जबकि बाकी के मंदिर अब तक रेत में धंसे हुए हैं।
पांच मंदिर
हमने मंदिरों के दर्शन करने का निर्णय किया। पहला मंदिर था लोकप्रिय वैद्यनाथेश्वर मंदिर जोकि भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में ग्रेनाइट के पत्थरों द्वारा चोल राजाओं द्वारा बनवाया गया था। ये मंदिर पांच साल में एक बार आयोजित होने वाले पंच लिंग दर्शन में से एक है।
इसके बाद आता है कीर्ति नारायण मंदिर जिसे होयसाला राजवंश के राजा विष्णुवर्धन ने बनवाया था और 1911 में इसे खुदाई के दौरान निकाला गया था। ये मंदिर उत्कृष्ट शिल्पकला का बेजोड़ उदाहरण है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।pc:Dineshkannambadi
तलकाडू का पंचलिंगेश्वर मंदिर
तलकाडू भारत की उन जगहों में से एक है जहां खुदाई की प्रक्रिया के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता है। खास बात यह है कि ये सभी पांच मंदिर रेत के नीच अत्यधिक गहराई में धंसे हुए थे।
रेत से मंदिरों को बाहर निकालने के लिए इस क्षेत्र में खुदाई का कार्य चलता रहता है। इस सफर पर हमारे साथ एक गाइड भी था जो हमें इस जगह की रोचक कहानियों और द्वारपालक की नक्काशियों के बारे में बता रहा था। ये नक्काशी बैल के चेहरे से काफी मिलती-जुलती हैं।
PC: Arun Joseph
बैंगलोर गोरमेट घाटी
ये जगह अपने छिपे मंदिरों के कारण नहीं बल्कि वाइन टूर के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह को बैंगलोर की गोरमेट घाटी भी कहा जाता है। इस जगह पर आर्टिसन चीज़, वाइन, कीटाणुनाशक और मुफ्त सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। इस जगह पर कई शेफ सब्जियों लेने आते हैं।
इस शहर में हमने अंगूर के बाग देखने का सोचा लेकिन दुभाग्यपूर्ण उस दिन के लिए बाग पर्यटकों के प्रवेश हेतु बंद हो चुके थे।
फिर हमने वापिस बेंगलुरू लौटने की सोची। अगर आप इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको इस ऐतिहासिक शहर तलाकाडू जरूर आना चाहिए।
PC: alpinewineries.com