तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में 29 स्क्वायर किमी के क्षेत्र में फैला येलागिरि एक छोटा सा हिल स्टेशन है। बैंगलोर से 160 किमी दूर होने के कारण वीकेंड पर आप यहां छुट्टियां मनाने आ सकते हैं। येलागिरि तक ड्राइव कर जाने पर 11 हेयरपिन बैंड्स पड़ेंगें और पहाड़ी रास्ते से होकर गुज़रना आपकी ट्रिप को और भी ज्यादा मज़ेदार बना देगा।
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भारत में ट्रैकर्स के बीच येलागिरि हिल स्टेशन बहुत जल्द लोकप्रिय है। पर्यटन विभाग यहां जल्द ही कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज़ जैसे रॉक क्लाइंबिंग और पैराग्लाइडिंग की शुरुआत करने वाला है। येलागिरि गुलाब के बाग और ऑर्चिड और हरी घाटी से घिरा हुआ गांव है।
बैंगलोर से येलागिरि का रूट
पहला रूट : मडिवाला रोड - इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ़्लाईओवर / बोम्मानहल्ली में होसुर रोड - एनएच 48 - थेक्कुपट्टू - केथ्थानदापट्टी रोड - येलागिरि रोड- येलागिरि (161 किमी - 3 घंटे 15 मिनट)
दूसरा रूट : स्वामी विवेकानंद रोड - कृष्णा रेड्डी इंडस्ट्रियल एस्टेट में एनएच 75 - पुणगुणूर रोड - पर्नांबुट - अंबुर रोड़ - अंबुर बाईपास रोड़ - एनएच 48 - एसएच 18 - येलागिरि रोड - येलागिरि (210 किमी - 4 घंटे 45 मिनट)
तीसरा रूट : स्वामी विवेकानंद रोड- कृष्णा रेड्डी इंडस्ट्रियल एस्टेट में एनएच 75 - बंगारपेट में अमरवथी नगर - स्मिथ रोड़ - कोलार गोल्ड फील्ड में एनएच 96 - NH 42 पर दाएं - NH 48 - येलागिरि रोड़ - येलागिरि (185 किमी - 4 घंटे 45 मिनट)
छोटा होने के कारण आपको पहले रूट से जाना चाहिए।
होसूर
बैंगलोर से 40 किमी दूर स्थित है औद्योगिक शहर होसूर। आजादी से पूर्व ब्रिटिया काल में होसूर को छोटा इंग्लैंड कहा जाता था। सालभर सुहावना मौसम होने के कारण इसका वातावरण इंग्लैंड से मिलता था। होसूर के दो प्रमुख पर्यटन स्थल हैं राजाजी स्मारक और प्रत्यानगिरि मंदिर। प्रत्यानगिरि मंदिर में राजागोपुरम में स्थापित प्रत्यानगिरि देवी की मूर्ति के लिए जाना जाता है। सी राजागोपालचार्य से संबंधित राजाजी स्मारक एक छोटा सा गृह है जिसे कर्नाटक सरकार ने स्मारक में तब्दील कर दिया है।
PC:Wayoyo
राजाजी स्मारक
होसूर से 12 किमी दूर है राजाजी स्मारक। थोरापल्ली में स्थित यह छोटा सा स्मारक चक्रवर्ती राजागोपालाचार्य का है इसलिए इसे राजाजी नाम दिया गया है। सरकार ने इसे स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया है और उनसे जुड़ी चीज़ों, तस्वीरों को पर्यटकों और आगंतुकों के लिए प्रदर्शनी में लगाया गया है।PC:Surya Prakash.S.A.
शूलागिरि
होसूर से 25 किमी दूर है शूलागिरि। इसे यह नाम त्रिदेंत आकार के पर्वत के पास स्थित होने के कारण मिला है। शूलागिरि के पास जंगल भी है जहां अनेक पक्षियों और जानवरों की प्रजातियां रहती हैं। यहां स्थित झील में कछुए भी रहते हैं और पक्षी जैसे हूपोई, वुडपेकर को भी देखा जा सकता है। शूलागिरि पर्वत की तलहटी में भगवान विष्णु को समर्पित वरदराज पेरुमल मंदिर स्थित है।PC:Pradeep.ela
कृष्णागिरि
बैंगलोर शहर से 94 किमी दूर तमिलनाडु जिले में स्थित है कृष्णागिरि जोकि आम की खेती, ताजे पानी के लिए प्रसिद्ध है। कृष्णागिरि में मैंगो फेस्टिवल बहुत मशहूर है जोकि जून के महीने में मनाया जाता है। इस उत्सव में आम की वैराटियां बेची जाती हैं। कृष्णागिरि में थेनपेन्नाई नदी पर बना कृष्णागिरि बांध भी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस बांध के पास एक बाग भी है जहां आप पिकनिक मना सकते हैं। सालों से ये जगह पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। राजा कृष्णदेवराय द्वारा बनवाया गया कृष्णागिरि किला और कृष्णाागिरि शक्तिपीठम कृष्णागिरि के दो प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।PC:KARTY JazZ
स्वामी मलई पर्वत
येलागिरि पर्वतों की 4,338 फीट सबसे ऊंची चोटि है स्वामी मलई पर्वत। येलागिरि में सबसे ज्यादा इसी पर्वत पर ट्रैकिंग की जाती है। पहाड़ी की चोटि पर एक छोटा सा शिव मंदिर भी है जहां से पूरे येलागिरि का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है।
इस पहाड़ी पर ट्रैकिंग में 2 से 2.5 घंटे का समय लगता है। अपने साथ पानी की बोतल और स्नैक्स ले जाना ना भूलें क्योंकि ऊपर कोई भी दुकान नहीं है।PC:solarisgirl
येलागिरि में पैराग्लाइडिंग
ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए कई क्लब पैराग्लाइडिंग करवाते हैं। ये क्लब तीन प्वाइंट पर 450 मीटर, 560 मीटर और 600 मीटर की ऊंचाई पर पैराग्लाइडिंग करवाते हैं। येलागिरि को पैराग्लाइडिंग के लिए लोकप्रिय बनाने के लिए यहां इंटरनेशनल पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।PC: AravindRV
पुंगनुर झील
तमिलनाडु की लोकप्रिय आर्टिफिशियल पुंगुनुर झील 60 स्क्वायर मीटर चौड़ी और 25 फीट गहरी है। इस झील में बोटिंग भी कर सकते हैं और इसके साथ ही मुगल गार्डन भी है जहां आप बच्चों, परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मना सकते हैं।PC:solarisgirl
जलगंपराई झरना
जलगंपराई झरना अट्टारू नदी से निकलता है। मान्यता है कि कई हर्बल पौधों से होकर गुज़रने के कारण इस झरने के पानी में कई औषधीय गुण मौजूद हैं। निलवूर से 6 किमी के ट्रैक में 1.5 घंटे का समय लगेगा। यहां से पूरी घाटी का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है।
ट्रैक में आपकी मदद के लिए यहां लोकल गाइड भी मौजूद रहते हैं। जलगंपराई झरने पर आने का सही समय अक्टूबर से फरवरी तक रहता है। इस बीच मॉनसून की वजह से यहां पानी भरा रहता है।
PC:Ashwin Kumar
समर फेस्टिवल
तमिलनाडु सरकार द्वारा हर साल मई से जून के बीच समर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। इस उत्सव में लोक नृत्य और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस उत्सव में खेल विभाग द्वारा कई तरहके खेल जैसे वॉलीबॉल, कबड्डी, बोट रेस आदि का आयोजन किया जाता है।