दिशा पटानी हो या फिर प्रियंका चोपड़ा दोनों ही बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस में से हैं। बात अगर प्रियंका चोपड़ा कि, की जाये तो वह तो बॉलीवुड समेत हॉलीवुड की भी एक सुपरस्टार बन चुकी हैं। लेकिन इन दोनों ही एक्ट्रेस के बीच एक बात कॉमन है और वह है बरेली।
जी हां, हम उसी बरेली की बात कर रहें है..जिसके नाम पर कई फिल्मो में बरेली का सुरमा, झूमकों और बाज़ारों के बारे में गीत लिखे गये हैं। 'झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में' और 'सुरमा बरेली वाला अँखियों में ऐसा डाला' जैसे पुराने गीत अब तक इतने प्रसिद्ध हैं कि जैसे ही बरेली शहर का नाम सुनाई पड़ता है या ध्यान में आता है ये गीत हम अपने आप ही गुनगुनाने लगते हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
इसीलिए आज हम आपके सामने आज लेकर आये बरेली से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों की जानकरी..आइये फिर स्लाइड्स पर डालते हैं एक नजर
कैसे नाम पड़ा बरेली
शहर को बाँस बरेली के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि यहाँ बाँस(बेंत) का उत्पादन और उससे बने समान ज़्यादा मिलते हैं, पर इस वजह से इसे बाँस बरेली नहीं कहते। बाँस बरेली नाम यहाँ के दो राजकुमारों के नाम पर पड़ा, बांसलदेवा और बारलदेवा जो राजा जगत सिंघ कटेहरिया के पुत्र थे जिन्होंने सन् 1537 में इस शहर की खोज की।PC: wikimedia.org
पांचालों की थी राजधानी
लोकसाहित्यों के अनुसार बरेली शहर में स्थित किलों का शहर, अही-क्षेत्र जो पौराणिक बरेली यानी कि उत्तर पांचल की राजधानी हुआ करती थी, वहाँ गौतम बुद्ध ने यात्रा की थी। जैन तीर्थंकारा पार्श्व ने यहीं कैवल्या प्राप्त की थी। भारत के टैराकोटा कला के कुछ मास्टरपीस आपको यहाँ देखने को मिलेंगे।
फनसिटी वाटर पार्क
यूं तो आप कई फन सिटी में गये होंगे लेकिन यह फन सिटी पार्क खास है क्यों कि,बरेली का यह पार्क उत्तर भारत में सबसे बड़ा है। सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये पार्क में मनोरंजन की भरपूर सुविधायें उपलब्ध हैं।इस मनोरंजन पार्क को वर्ष 2000 में शहर के बीचो-बीच 13 एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया गया था।फनसिटी का एक और लोकप्रिय भाग बूँद नाम का वॉटर पार्क है जहाँ पर साहसिक सवारी, एक रोलर कोस्टर, एक डिस्कोथेक और ऐम्फीथियेटर भी स्थित हैं।
चुन्ने मियाँ का लक्ष्मी नरायण मन्दिर
चुन्ने मियाँ का लक्ष्मी नरायण मन्दिर बरेली के कटरा मामराय क्षेत्र के कोहारापीर नामक स्थान में स्थित है। यह बुधवारी मस्जिद के पास स्थित है। यह वही क्षेत्र है जहाँ भारत के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आने वाले लोग आकर बसे हैं। लोकप्रिय रूप चुन्ने मियाँ के नाम से जाने जाने वाले मुस्लिम के स्वामित्व वाले स्थान पर उन्होंने मन्दिर का निर्माण कराया। उनका वास्तविक नाम फज़ल-उल-रहमान था।
दरगाह-ए-आला-हजरत
दरगाह-ए-आला-हजरत ही वह धार्मिक स्थान है जिसने बरेली को विश्व विख्यात बनाया है। शहर के सौदागरन मोहल्ले की तंग गलियों में स्थित इस धार्मिक स्थल को मुस्लिम सन्त और विद्वान आलाहजरत इमाम अहमद रज़ा ख़ान की याद में बनवाया गया था।PC: wikimedia.org
दूपेश्वरनाथ मन्दिर
पौराणिक किद्वंतियों की माने तो यह वही स्थान है जहां पर दूपेश्वरनाथ मन्दिर स्थित है उसका महान ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्व है। यह वही स्थान है जहाँ महाभारत की केन्द्रीय पात्र द्रौपदी और दृष्टाद्युम्न का जन्म भगवान शिव के आशीर्वाद से हुआ था। मन्दिर परिसर में एक जलाशय है जिसके बारे में आस्था है कि उसके जल से त्वचा के रोग दूर हो जाते हैं। बरेली शहर के प्राचीनतम मन्दिरों में से एक, दूपेश्वरनाथ मन्दिर को अशुभ शक्तियों से बचाने के लिये
रक्षाकवच के रूप में जाना जाता है।
क्या खाएं
यहां आने वाले पर्यटक सींक कबाब, नहारी, तंदूरी चिकन आदि चख सकते हैं और मुगलई खाना पसंद करने वालों के लिए सबसे सटीक जगह है।
कैसे पहुंचे बरेली
हवाई यात्रा द्वारा: बरेली का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है पँतनगर जो यहाँ से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल द्वारा: बरेली, मुरादाबाद-लखनऊ के मार्ग में पड़ता है। इस शहर में 6 रेलवे स्टेशन हैं, बरेली जंक्शन, सी.बी स्टेशन, चेनेटी स्टेशन, सिटी स्टेशन, इज़्ज़तनगर स्टेशन और भोजपुरा स्टेशन।
सड़क द्वारा: बरेली शहर उत्तरप्रदेश के अन्य शहरों के सड़क मार्ग द्वारा आराम से पहुँचा जा सकता है। अलग अलग शहरों से यहाँ तक के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। दिल्ली से बस सुविधा उपलब्ध है जिसके द्वारा 5 घंटों में यहाँ पहुँचा
जा सकता है।