अगर आप बार-बार एक ही तरह के पर्यटन स्थल देखकर बोर हो चुके हैं और किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां आप कंट्री लाइफ और प्रकृति का एकसाथ आनंद ले सकें तो ये लेख आपके लिए ही है। जी हां, आज इस लेख के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बैंगलोर के आसपास आप कहां पर कंट्री लाइफ के साथ-साथ प्रकृति का आनंद भी ले सकते हैं। बैंगलोर के आसपास के इन गांवों में आपका वाकई में प्रकृति की मौजूदगी का अहसास होगा।
इनमें से कुछ अपनी सदियों पुरानी रीतियों और परंपराओं के लिए भी लोकप्रिय हैं और कुछ अपनी खास वनस्पति की प्रचुरता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इन जगहों की सबसे खास बात से है कि यहां पर प्रदूषण नहीं है और ये एकांत में स्थित हैं। तो चलिए एक नज़र डालते हैं बैंगलोर के आसपास के खूबसूरत गांवों पर।
अनेगुंडी
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बैंगलोर से दूरी - 360 किमी
कोप्पल जिले में स्थित अनेगुंडी को भारत की सबसे प्राचीनतम जगहों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस जगह पर बंदरों के राजा सुग्रीव का राज हुआ करता था। सुग्रीव का जिक्र रामायण काल में मिलता है। इसलिए आज यहां पर अनेक मंदिर और धार्मिक स्थल हैं। किवदंती है कि अनेगुंडी भगवान राम का जन्मस्थान भी है। यहां मंदिरों और ऐतिहासिक स्थल हरियाली से घिरे हैं और इस वजह से वीकएंड पर घूमने के लिए ये जगह परफैक्ट है। ये जगह ऑफबीट पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है और वीकएंड पर यहां घूमने आ सकते हैं। यहां पर आप पर्वत, जंगल और मैदान आदि देख सकते हैं। साथ ही प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी इस स्थान की शोभा बढ़ाते हैं। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में आंजनेय पर्वत, पंपा सरोचर, कमल महल और हुचाप्पायना मठ मंदिर शामिल है। यहां पर कंट्री लाइफ के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के इतिहास को भी जान सकते हैं।
नृत्याग्राम
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बैंगलोर से दूरी - 35 किमी
इसे डांस विलेज के नाम से भी जाना जाता है। नृत्याग्राम, भारत का पहला क्लासिकल डांसर्स का रेजिडेंडियल स्कूल है। यहां पर देशभर से कई नर्तक अपनी नृत्यकला को निखारने आते हैं। इनमें उड़ीसी से लेकर कथाकली और भरतनाट्यम से लेकर कथक तक शामिल है। यहां से सीखकर नर्तक दुनियाभर में प्रस्तुति देते हैं। इसकी स्थापना 1990 में क्लासिकल डांसर प्रतिमा गौरी ने की थी। आज देश में क्लासिकल डांसर्स के लिए प्रतिष्ठित स्कूलों में नृत्याग्राम का नाम भी शामिल है। ये स्कूल एक गांव में स्थित है इसलिए ये पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है और हर साल इस गांव के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए हज़ारों पर्यटक यहां आते हैं। बैंगलोर शहर से इस गांव की दूरी 35 किमी है और बस 1 घंटा ड्राइव करके आप यहां पहुंच सकते हैं। यहां की हरियाली में आप अपने शहर की सारी थकान को भूल जाएंगें। प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफर्स को भी ये जगह बहुत पसंद आती है।
किग्गा
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बैंगलोर से दूरी - 335 किमी
चिकमगलूर जिले में स्थित किग्गा पर्यटकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। हरियाली और कंट्री लाइफ के साथ यहां पर झरनों, ट्रैकिंग ट्रेल्स, पहाड़ों, पर्वत चोटियां और खूबसूरत तालाब हैं। बैंगलोर के आसपास शांति और सुकून से कुछ समय बिताने के लिए ये जगह परफैक्ट है। यहां पर आप कई ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन मंदिर आदि भी देख सकते हैं। कर्नाटक के छोटे से गांव में आपको हरियाली के साथ सुकून भी मिलेगा। यहां पर सिरिमने झरना, नरसिम्हा पर्वत और श्री ऋष्य श्रृंगेश्वर मंदिर देख सकते हैं।
कोकरेबेल्लूर
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बैंगलोर से दूरी - 90 किमी
कोकरेबेल्लूर में पक्षी अभ्यारण्य भी स्थित है। ये खूबसूरत गांव अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए मशहूर है। घास के मैदान से लेकर जंगल, तालाब से लेकर वन्यजीवों तक आपको यहां बहुत कुछ देखने को मिलेगा। हालांकि, ये जगह पक्षी अभ्यारण्य के लिए ज्यादा लोकप्रिय है। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स यहां बहुत आते हैं। यहां पाए जाने वाले पक्षियों में पेंटिड स्टोर्क और पेलिकन शामिल है। इस गांव में पक्षियों की चहचहाहट गूंजती है।
कुट्टा
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बैंगलोर से दूरी - 235 किमी
किग्गा की तरह कुट्टा भी कोडागु जिले का एक छोटा सा सुंदर गांव है। इस जगह पर कावेरी नदी के तट पर लोग रिलैक्स करने आते हैं। खूबसूरत जंगल से घिरी ये जगह यहां आने वाले पर्यटकों को एक खास अनुभव देती है। कुट्टा में घूमने के लिए ज्यादा जगहें नहीं हैं लेकिन इसके आसपास ऐसी कई खूबसूरत जगहें जो आप बार-बार देखना चाहेंगें। इनमें पर्वत, मंदिर, ट्रैकिंग रूट, हाइकिंग स्पॉट, पहाड़ और वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं।