मानसून के दौरान जब भी किसी ट्रेकिंग वाले डेस्टिनेशन का ख्याल आता है तो सबसे पहले हमारे मन में महाराष्ट्र के सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला का नाम आता है, जो कि बेहद खूबसूरत है। यहां की ट्रेकिंग जितनी रोमांचकारी है, उतनी ही खतरनाक भी है। लेकिन कहा जाता है न खतरों से खेलकर ही लोग विजेता बनते हैं तो सही ही कहा गया है और ये सिद्ध करता है यहां ट्रेकिंग रूट। मानसून के दिनों में खासकर प्रकृति को देखना बेहद सुकूनदायक होता है, जो यहां आने के बाद पूरी हो जाती है। वैसे तो सालभर यहां की पहाड़ियां हरी-भरी रहती हैं लेकिन मानसून के सीजन में इसकी बात ही निराली होती है। बारिश के बूंदों के साथ इन नजारों को देखना मानो किसी स्वर्ग से कम नहीं होता।
विजापुर फोर्ट ट्रेक
विसापुर फोर्ट एक पहाड़ी किला है, जो महाराष्ट्र के पुणे जिले के अंतर्गत विसापुर नामक गांव में स्थित है। यह एक प्राचीन किला है, जिसे 18वीं शताब्दी में बालाजी विश्वनाथ ने बनवाया था,जो मराठा साम्राज्य के सबसे पहले पेशवा थे। मराठा साम्राज्य से संबंध रखने के कारण इन्हें जुड़वा किला भी कहा जाता है। किले को लेकर कहा जाता है कि यह किला पांडवों द्वारा बनाया गया था। लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण अभी तक नहीं मिला है। यह किला महारा्ष्ट्र के सबसे ऊंचे किलों में शुमार है। मानसून के सीजन में इस किले के आसपास का वातावरण और भी हरा भरा हो जाता है, जो दिखने में काफी सुंदर लगता है। बारिश के दौरान यहां ट्रेकिंग करना किसी रोमांच से कम नहीं है।
राजमाची फोर्ट ट्रेक
राजमाची ट्रेक, सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित बेहद शानदार ट्रेक्स में से एक है। यह किला उन लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है जो गहरी घाटियों, कैंपिंग, पगडंडियों, झरनों और प्राकृतिक नजारों के दीवाने हैं। मानसून के दिनों में यहां के झरने काफी आकर्षक दिखते हैं। बारिश के दिनों में यहां ट्रेकिंग करना एक शानदार अनुभव है।
लोहागढ़ फोर्ट ट्रेक
महाराष्ट्र का लोहागढ़ का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल है। इस किले में प्राचीन वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का परिपूर्ण समागम देखने को मिलता है। इस किले को लेकर ऐसा कहा जाता है कि शिवाजी महाराज अपना खजाना इसी किले में रखा करते थें। यह किला एक बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित है और मानसून के दौरान यहां ट्रेकिंग करना एक शानदार अनुभव है।
तोरना फोर्ट ट्रेक
तोरना फोर्ट, महाराष्ट्र के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां पर कई वर्षों तक महाराज शिवाजी ने राज किया था। इस किले के निर्माण को लेकर कोई ठोस जानकारी अब तक हाथ नहीं लगा है लेकिन ऐसा माना जाता है कि 13वीं शताब्दी के आसपास हिंदू देवता शिव के अनुयायियों द्वारा इस किले का निर्माण करवाया गया था। सहयाद्रि पर्वत पर स्थित यह किला इसलिए भी खास है क्योंकि महाराज शिवाजी ने सबसे पहले इसी किले को जीता था। इस किले में मौजूद कई महल और दरवाजे को पहाड़ को काटकर निर्माण किया गया है। पहाड़ी के उच्चतम बिंदु पर स्थित इस किले पर मानसून के दौरान ट्रेकिंग करना बेहद खास है, जिसका आनंद आप जिंदगी में कभी नहीं भूल पाएंगे।
हरिश्चंद्रगढ़ फोर्ट ट्रेक
हरिश्चंद्रगढ़ फोर्ट, एक पहाड़ी किला है, जो अपनी नायाब प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह करीब दो से चार हजार साल पुरानी बताई जाती है। इसका उल्लेख प्राचीन अग्नि पुराण और मत्स्य पुराण में भी किया गया है, जो साढे तीन हजार साल पुराना है। यहां सूक्ष्मपाषाणिक मानव के अवशेष भी मिले हैं। यह जगह ट्रेकर्स के पसंदीदा जगहों में से एक है। मानसून के दौरान इस किले की ट्रेकिंग करने का एक अलग ही आनंद है।
कलसुबाई ट्रेक
कलसुबाई ट्रेक, महाराष्ट्र की सबसे ऊंची चोटी के रूप में जानी जाती है। यह सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है जो हरिश्चंद्रगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आता है। सबसे ऊ्ची चोटी होने के कारण यहां से काफी सुंदर दृश्य दिखता है। यह महाराष्ट्र का काफी कठिन ट्रेक माना जाता है, इसलिए इस ट्रक वाले रास्ते पर जहां चढ़ाई करना मुश्किल है वहां स्टील की रेलिंग या जंजीर लगाई गई है।
देवकुंड वॉटरफॉल ट्रेक
देवकुंड वॉटरफॉल, मुंबई से करीब 140 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो शहर के भीड़भाड़ से दूर एक शांत स्थान है। मुंबई के नजदीक होने के कारण यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है। यह जगह परिवार या दोस्तों के साथ वीकेंड मनाने के लिए एक सर्वोत्तम स्थान है। यहांं आने वाले सैलानी यहां रुकना भी पसंद करते हैं। यहां का नजारा बेहद शांत और सुगम्य है। बारिश के दिनों में यहां का नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है। मानसून के दौरान यहां ट्रेकिंग करना बेहद रोमांचक होता है।