दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित गोकर्ण एक तीर्थ स्थल है। इस स्थान से हिन्दू धर्म के लोगों की गहरी आस्थाएं जुड़ी हैं, साथ ही इस धार्मिक जगह के खूबसूरत बीचों के आकर्षण से भी लोग खिंचे चले आते हैं। अपने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ सागर तटों के लिए भी यह स्थान मशहूर है।
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यहां माना जाता है कि शिवजी का जन्म गाय के कान से हुआ और इसी वजह से इसे गोकर्ण कहा जाता है। यह स्थान, दो नदियों अग्निशिनि और गंगावली के संगम पर स्थित है। यह स्थान नदियों के ऐसे क्षेत्र में बसा हुआ है जो देखने में गाय के कान के रूप जैसा लगता है, और शायद इसी कारण इस स्थान का नाम गौकर्ण पड़ा है जिसका अर्थ होता है गाय का कान।
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यूं तो गोवा एक तीर्थ स्थल है,लेकिन पर्यटकों के बीच यह जगह खूबसूरत समुद्री तटों के चलते खासा लोकप्रिय है। यहां का कुडेल तट, गोकर्ण तट, हॉफ मून तट, पैराडाइज तट और ओम तट यहां के पांच प्रमुख तट है जो पर्यटकों का मन मोह लेते है।
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गोकर्ण तट, शहर के प्रमुख तटों में से एक है और महाबलेश्वर मंदिर की यात्रा करना यहां सबसे जरूरी माना जाता है। कुडेल तट, यहां के सभी समुद्र तटों में सबसे बड़ा माना जाता है और नवंबर से फरवरी के दौरान यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है। यह समुद्री तट उन लोगो के बेहद ही अच्छे हैं, जो भीड़भाड़ की बजाए शांति में छुट्टियाँ बिताना पसंद करते हैं।यहां असीम शांति के बीच पार्टनर का हाथ पकड़कर समुद्री तट पर चलना काफी रूमानी सा है।
महाबलेश्वर मंदिर
गोकर्णा का महाबलेश्वर मंदिर यहां का सबसे पुराना मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित पश्चिमी घाट पर बसा यह मंदिर 1500 साल पुराना है और कर्नाटक के सात मुक्तिस्थलों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि यहां स्थापित छह फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन 40 साल में सिर्फ एक बार होते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने यह शिवलिंग रावण को उसके साम्राज्य की रक्षा करने के लिए दिया था, लेकिन भगवान गणेश और वरुण देवता ने कुछ चाल चलकर शिवलिंग यहां स्थापित करवा दिया। तमाम कोशिशें करने के बावजूद रावण इसे निकाल नहीं पाया। तभी से यहां भगवान शिव का वास माना जाता है।इस मंदिर में एक शिवलिंग स्थित है जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बीच काफी प्रसिद्ध है। यहां स्थित शिवलिंग को आत्मलिंग के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को उतना ही पवित्र माना जाता है जितना काशी के बाबा विश्वनाथ को।
महागणपति मंदिर
महागणपति मंदिर, गोकर्णा का प्रसिद्ध मंदिर है जो महाबलेश्वर मंदिर के पास में स्थित है। इस मंदिर को रावण से आत्मलिंगा छुडवाने में सफल होने वाले भगवान गणेश का समर्पित करके बनवाया गया। स्थानीय मान्यता के अनुसार, महाबलेश्वर मंदिर जाने से पहले इस मंदिर में दर्शन करने अवश्य आना चाहिए। यह मंदिर यहां 1.3 मीटर ऊंची मूर्ति के कारण के कारण जाना जाता है। श्रद्धालु यहां आकर महागणेश मंदिर में पूजा कर सकते है।
कोट्टीतीर्थ
कोट्टीतीर्थ, गोकर्ण के पास स्थित एक पवित्र कुंड है जो महाबलेश्वर मंदिर के नजदीक ही स्थित है। किंवदंतियों के अनुसार, कोट्टीतीर्थ को गरूड़ के द्वारा निर्मित किया गया था, जो भगवान शिव का वाहन है। गोकर्ण के किसी भी मंदिर में दर्शन करने से पहले इस कुंड में स्नान करना आवश्यक होता है। पर्यटकों को यहां आने से पहले, इलाके को साफ बनाएं रखने के बारे में अवगत करवा दिया जाता है।
PC: Miran Rijavec
गोकर्ण बीच
गोकर्ण तट, गोकर्ण में स्थित अन्य प्रसिद्ध तट है। इस तट पर पहुंचने के बाद पर्यटक पानी में खेले जाने वाले खेलों का आंनद उठा सकते है। यहां पर किसी प्रकार को कोई शोर या प्रदुषण नहीं है, और सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। इस तट पर आकर पर्यटक हैममॉक पर आराम फरमा सकते है, लहरों से खेल सकते है और ड्रम और गिटार बजाने का लुत्फ भी उठा सकते है। शांत वातावरण में समय बिताने के शौकीन लोगों को गोकर्ण तट की सैर अवश्य करना चाहिए।
PC:Nechyporuk Iuliia
ओम बीच
ओम बीच गोकर्णा के प्रसिद्ध बीचों में से एक है...साथ ही इस बीच का आकार कुदरती तौर पर ही ओम जैसा है, इसलिए इसे ओम बीच के नाम से जाना जाता है। यहां पर्यटक ढेर सारी एडवेंचर एक्टिविटीज जैसे - स्कीईंग, सर्फिंग और बनाना बोट आदि का लुत्फ उठा सकते हैं। जो पर्यटक पानी के खेलों के शौकीन है उनके सारे शौक ओम तट पर आकर पूरे हो जाते है। इस तट पर टी शॉप और हट भी बनी हुई है जहां पर्यटक स्थानीय भोजन का ज़ायका भी चख सकते है।
PC: Axis of eran
कुडेल तट
यह तट गोकर्णा से करीब 2 किमी की दूरी पर स्थित है...पर्यटक इस मंदिर के पास ही गणपति के मंदिर में दर्शन भी कर सकते है। खजूर के पेड़ों से घिरे इस खूबसूरत बीच पर आप सूरज के डूबने व उगने, दोनों का ही आनंद ले सकते हैं।PC: Happyshopper
हाल्फ मून और पैराडाइज बीच
यह बीच उन लोगो के बेस्ट है..जो अकेले में समुद्री लहरों के बीच खुद के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं इस तट से अरब सागर का शानदार दृश्य देखने को मिलता है। इस तट पर इंडियन झोपडि़यां भी स्थित है। यहां आकर पर्यटक सन बॉथ को भी एंजाय कर सकते है।PC:Tom Maisey
कैसे पहुंचे गोकर्णा
हवाई जहाज द्वारा
गोकर्णा का निकटतम हवाई अड्डा गोवा में डाबोलिम (गोवा)हवाई अड्डा है। डाबोलिम हवाई अड्डे भारत के सभी प्रमुख शहरों और कुछ विदेशी देशों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। डबोलिम से, पर्यटक टैक्सी, बसके जरिये पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
गोकर्ण को सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन गोकर्णा रोड है, जो मुख्य गोकर्ण शहर से 8 किमी दूर है। हालांकि, एक छोटा स्टेशन होने के नाते यह प्रमुख शहरों से जुड़ा नहीं है। गोकर्ण से 20 किमी की दूरी पर एक और स्टेशन, अंकोला, रेलवे स्टेशन को गोकर्ण को निकटतम निकटवर्ती रेलवे स्टेशन माना जाता है।
सड़क द्वारा
गोकर्णाना सभी राजमार्गो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पर्यटक निकटतम शहर गोवा, बैंगलोर, मैंगलोर से सीधी बसें ले सकते हैं और दिल्ली से गोकर्णों तक के लिए भी सीधे बसें उपलब्ध हैं।
PC: Axis of eran
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