है, जो प्राचीनकाल से स्थित है, यूं तो अधिकतर शहर उत्तर भारत और पश्चिम में स्थित है..लेकिन सप्तपुरी में एक प्राचीन शहर दक्षिण भारत" loading="lazy" width="100" height="56" /> भारत में सात प्राचीन शहर है, जो प्राचीनकाल से स्थित है, यूं तो अधिकतर शहर उत्तर भारत और पश्चिम में स्थित है..लेकिन सप्तपुरी में एक प्राचीन शहर दक्षिण भारत
इसके धार्मिक महत्त्व का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस शहर को 'दक्षिण भारत की काशी' कहा जाता है। और केवल इतना ही नहीं, तमिलनाडु के इस वैभवशाली शहर को 'हज़ार मंदिरों का एक स्वर्णिम शहर' नाम से भी जाना जाता है।
कांचीपुरम का अर्थ
कांची का अर्थ (ब्रह्मा), आंची का अर्थ (पूजा) और पुरम का अर्थ (शहर) होता है यानी ब्रह्मा को पूजने वाला पवित्र स्थान। पवित्र शहर किंवदन्तियों के अनुसार शहर का ये नाम शहर की सीमा में स्थित विभिन्न विष्णु मन्दिरों के कारण पड़ा है। हालांकि शहर में कई शिव मंदिर भी हैं। काँचीपुरम का पश्चिमी भाग शिव काँची कहलाता है क्योंकि यहाँ अधिकतर शिव मन्दिर हैं जबकि शहर का पूर्वी भाग विष्णु काँची कहलाता है। काँचीपुरम के अन्य प्रसिद्ध मन्दिरों में कैलासाथर मन्दिर, कामाक्षी अम्मा मन्दिर, काचापेश्वरार मन्दिर और कुमारा कोट्टम मन्दिर शामिल हैं।
कांचीपुरम में घूमने की जगह
कैलाशनाथ मंदिर
तमिलनाडू के प्राचीनतम मंदिरों में से एक कैलाशनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे पल्लव राजा राजस्म्हिा ने 8वीं शताब्दी के आरंभिक दशकों में बनवाया था। बलुआ पत्थर का यह ढ ांचा द्रविड़ काल का उत्कृष्ट उदाहरण है। साथ ही इस पर महाबलिपुरम के तटमंदिर की छाप भी दिखती है।Pc:Keshav Mukund Kandhadai
वरदराज मंदिर
भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में उन्हें देवराजस्वामी के रूप में पूजा जाता है। मंदिर में 100 स्तम्भों वाला एक हाल है जिसे विजयनगर के राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर उस काल के कारीगरों की कला का जीता जागता उदाहरण है।यह मंदिर सुबह 7.00 से 11.00 बजे तक तथा शाम को 6:00 बजे से रात के 9:00 बजे तक खुला रहता है।Pc:Ssriram mt
एकम्बरेश्वर मंदिर
यह विशाल शिवमंदिर मूल रूप से पल्लवों द्वारा बनवाया गया और बाद में चोल व विजयनगर राजाओं ने इसमें सुधार करते हुए पांच प्राक्रम व हजार स्तंभों वाला कक्ष बनवाया। विस्तृत बाहरी दीवारें व गोपुरम कृष्णदेव राय ने 1509 में बनवाए। यहां का सबसे ऊंचा गोपुरम 57 मीटर है, जहां से कांचीपुरम का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। मान्यता है कि यहां एक वृक्ष 3500 वर्ष पुराना है और इस पर अब भी फल आता है। यह वृक्ष ही इस मंदिर की स्थापना का कारण बना।Pc:Destination8infinity
कामाक्षी अमां मंदिर
कामाक्षी मन्दिर कामीक्षी देवी को समर्पित है जिन्हें हिन्दू देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है। सम्भवतः मन्दिर को लगभग 6ठी शताब्दी में पल्लव वंश के शासकों द्वारा निर्मित कराया गया था। मन्दिर की अनोखी बात यह है कि मन्दिर की इष्टदेवी देवी कामाक्षी खड़ी मुद्रा में होने के बजाय बैठी मुद्रा में हैं। देवी योग मुद्रा में बैठी हैं और उनके आसपास बहुत शान्त और स्थिर वातावरण है। आश्चर्य की बात यह है कि शहर में यह अकेला मन्दिर है जो देवी पार्वती को समर्पित है फिर भी हिनदुओं में काफी लोकप्रिय है।Pc:SINHA
बैकुंठ पेरूमल मंदिर
भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में पल्लव राजा नंदीवर्मन पल्लवमल्ला ने करवाया था। मंदिर में भगवान विष्णु को बैठे, खड़े और आराम करती मुद्रा में देखा जा सकता है। मंदिर की दीवारों में पल्लव और चालुक्यों के युद्धों के दृश्य बने हुए हैं। मंदिर में 1000 स्तम्भों वाला एक विशाल हॉल भी है जो पर्यटकों को बहुत आकषित करता है। प्रत्येक स्तम्भ में नक्काशी से तस्वीर उकेरी गई हैं जो उत्तम कारीगर की प्रतीक हैं।
वेदानथंगल और किरीकिरी पक्षी अभयारण्य
वेदानथंगल और किरीकिरी पक्षी अभयारण्य यह दोनों पक्षी अभयारण्य कांचीपुरम के अंदरूनी भाग में स्थित हैं। वेदानथंगल 30 हेक्टेयर और किरीकिरी 61 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह अभयारण्य बबूल और बैरिंगटोनिया पेड़ो से भर हुए हैं। इन अभ्यराण्य में पाकिस्तान, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और साइबेरियन पक्षियों को देखा जा सकता है। इस अभयारण्य में अनगिनत छोटी झीलें मौजूद हैं और यह 74 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। नवंबर और दिसंबर के महीनों में इस अभयारण्य में यूरोपीय प्रजाति के कई दुर्लभ पक्षी देखे जा सकते हैं।
Pc: Prasannavathani.D
खरीददारी
कांचीपुरम अपनी रेशमी कांचीपुरम साडि़यों के लिए प्रसिद्ध है जो हथकरधे पर बनती हैं। ये साडि़यां विपरीत रंगों के मेल में बनाई जाती हैं और अपनी सुन्दरताके लिए विशेष रूप से जानी जाती हैं।Pc:Kamal Venkit
कैसे आयें
वायु मार्ग-
कांचीपुरम का निकटतम एयरपोर्ट चैन्नई है जो लगभग 75 किलोमीटर दूर है। चैन्नई से कांचीपुरम लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग-
कांचीपुरम का रेलवे स्टेशन चैन्नई, चेन्गलपट्टू, तिरूपति और बैंगलोर से जुड़ा है।
सड़क मार्ग-
कांचीपुरम तमिलनाडु के लगभग सभी शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। विभिन्न शहरों से कांचीपुरम के लिए नियमित अंतराल में बसें चलती हैं।Pc:Aaroo4