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ओडिशा स्थित बारगढ़ एक प्रसिद्ध शहर है, जिसे संबलपुर से अलग कर 1993 में स्थापित किया गया था। पर्यटन से क्षेत्र में यह राज्य का चुनिंदा लोकप्रिय स्थल है, जहां सालभर पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। आप यहां प्राचीन मंदिरों से लेकर खूबसूरत वन्यजीव अभयारण्य, जलप्रपात, नदी, पहाड़ आदी देख सकते हैं। यहां बहुत से ऐसे भी स्थल मौजूद हैं, जिनका संबंध पौराणिक काल से बताया जाता है। इस शहर का अपना अलग इतिहास भी है, जहां कई शासकों का शासन रह चुका है। माना जाता है कि यहां कई वर्षों तक चौहान राजवंश का शासन रहा है, लेकिन उनके निवास के संबंधित कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं। यहां आसपास कई प्राचीन संरचनाओं के अवशेष देखे जा सकते हैं। इस लेख के माध्यम से आज हमारे साथ जानिए बारगढ़ के निकटवर्ती पर्यटन स्थलों के बारे में, जानिए ये स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
डेबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
बारगढ़ के प्रसिद्ध निकटवर्ती स्थलों में आप डेबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की रोमांचक सैर का प्लान बना सकते हैं। यह अभयारण्य राज्य के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां सालबर सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। समुद्र तल से 2267 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह अभयारण्य विभिन्न वनस्पतियों, जंगली जानवरों और पक्षी प्रजातियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। आप यहां वन्यजीवन को काफी करीब से देक सकते हैं। जगंली जीवों में आप यहां हाथी, बाइसन और हिरण आदि को देख सकते हैं। एक रोमांचक सैर के लिए आप यहां जरूर आएं।
संबलपुर
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डेबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के अलावा आप यहां से संबलपुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह ओडिशा राज्य का एक प्रसिद्ध शहर है, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। इस शहर का नाम यहां की समलेश्वरी देवी के नाम पर पड़ा है। मां समलेश्वरी शक्तिरूप में हैं जिनकी पूजा पूरे क्षेत्र के लोगों द्वारा की जाती है। इस शहर को महानदी खूबसूरत बनाने का काम करती है। पर्यटन के लिहाज से यह स्थल काफी मायने रखता है, जहां आप कई मंदिर और अन्यट पर्यटन आकर्षणों को देख सकते हैं। आप यहां मां समलेश्वरी और मां घंटेश्वरी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा आप संबलपुर में उषाकोठी वन्यजीव अभयारण्य की सैर का प्लान भी बना सकते हैं।
गंधमादन पर्वत
बारगढ़ के निकटवर्ती स्थलों में आप गंधमादन पर्वत की सैर का प्लान बना सकते हैं। गंधमादन पर्वत, राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जिसका संबंध पौराणिक काल से है। दरअसल गंधमादन पर्वत रामायण की एक घटना से संबंध रखता है। पौराणिक किवदंती के अनुसार जब मूर्क्षित लक्ष्मण के लिए भगवान हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में पूरे पहाड़ को उठा लाए थे, तो पहाड़ का एक अंश इसी स्थल पर गिर गया था। इसलिए यह पहाड़ी स्थल हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है। जानकारी के अनुसार यहां यहां 500 से ज्यादा दुर्लभ जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं।
हीराकुंड बांध
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप बारगढ़ से हीराकुंड बांध की सैर का प्लान बना सकते है। यह महानदी पर बनया गया है और देश की बड़ी नदी घाटी परियोजनाओं में गिना जाता है। इस बांध का निर्माण 1948 में शुरु किया गया था और 1957 में यह पूरी तरह बन कर तैयार हो गया था। बांध की भौगोलिक स्थित इसे खास बनाने का काम करती है। यहां वीकेंड पर पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। दूर-दूर तक फैला जलाशय सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करने का काम करता है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।