मध्य प्रदेश का ऐतिहसिक शहर ग्वालियर अपने ऐतिहासिक खजाने, वास्तुशिल्प चमत्कार और संग्रहालयों के अलावा अपने गौरवशाली इतिहास का वर्णन करता है। मध्य प्रदेश की पर्यटन राजधानी ग्वालियर वह स्थान है जहाँ इतिहास आधुनिकता से मिलता है। यह अपने ऐतिहासिक स्मारकों, किलों और संग्रहालयों के द्वारा आपको अपने इतिहास में ले जाता है तथा साथ ही साथ यह एक प्रगतिशील औद्योगिक शहर भी है। आधुनिक भारत के इतिहास में ग्वालियर को अद्वितीय स्थान प्राप्त है।
ग्वालियर की खूबसूरती और ऐतिहासिक विरासत को घूमने के बाद पर्यटक इस नगर के आसपास भी कई खूबसूरत और अद्वितीय जगहों को घूम सकते हैं, जो आपके यात्रा अनुभव को दूसरे स्तर पर ले जाएंगी।
ग्वालियर के निकट ही कई खूबसूरत सुरम्य पिकनिक स्थान आदि मौजूद हैं, जैसे नेशनल पार्क, जो यहां की जैव विवधता वनस्पति और जीवों के बारे में बताती है, इसके अलावा पर्यटक ओरछा और बेटेश्वर जैसे ऐतिहासिक स्थलों की सैर कर अविश्वसनीय विरासत को देख अचंभित हो सकते, तो आइये इसी क्रम में जानते हैं, ग्वालियर शहर के आसपास कुछ बेहद ही बेहतरीन हॉलिडे डेस्टिनेशन के बारे में
बटेश्वर
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ग्वालियर से महज 40 किमी की दूरी पर स्थित जिला मुरैना में स्थित बटेश्वर एक बेहद ही खूबसूरत जगह है, जो वास्तुकला प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां करीबन 200 जर्जर मन्दिरों के समूह को एएसआई द्वारा सरंक्षित किये गये, इन मंदिर की उत्कर्ष्ट वास्तुकला यहां आने वाले हर पर्यटक और इतिहास प्रेमी को आश्चर्यचकित करती है। आपको यहाँ पहुँच ऐसा लगेगा कि शायद यहाँ पत्थरों को तराशने के दैरान कारीगरों में कोई प्रतियोगिता भी हुई होगी।
बटेश्वर के सैकड़ों शिव मंदिर जिन्हें है पत्थर माफियाओं से खतरा!
बटेश्वर की ढलान वाली पहाड़ियों में गुर्जरा-प्रतिहारों द्वारा पीले बलुआ पत्थर में निर्मित, अधिकांश मंदिर शिव, विष्णु या शक्ति को समर्पित हैं। यहां कई मंदिरों के कोण आकार में उनके शिखर बने हुए हैं तो कई समय की मार की वजह से खंडहर में तब्दील हो गए हैं। पत्थर की वास्तुकला, नक्काशीदार मूर्तियां और इसकी पूरी शैली उस समय कला के प्रति जूनून को बखूबी दर्शाते हैं।
तिघरा डैम
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माधव नेशनल पार्क
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पद्मावती पवाया
ओरछा
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आज ओरछा पर्यटकों के आकर्षण बना हुआ है। वास्तुकला के प्रतीक, बुंदेलखन्ड राज्य के महल, किले, पवित्र भव्य मंदिर तथा इस राज्य के संस्कृति से जुड़ी प्रतिमा, चित्रकला आदि से आप खुद को यहाँ जुड़ा हुआ सा महसूस करेंगे। यहां पर्यटकों के घूमने के लिए कई प्राचीन हवेलियां ,मंदिर आदि मौजूद हैं।
चन्देरी
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ग्वालियर से करीबन 200 किमी की दूरी पर स्थित चंदेरी, हरे भरे जंगलों और सुन्दर झीलों से घिरा हुआ है तथा विंध्य की पहाड़ियों पर स्थित है। कई ऐतिहासिक स्मारकों और जैनों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र चन्देरी, पूरी दुनिया में चंदेरी साड़ियों के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि, दूसरी शताब्दी से ही यह बुनकरों का केंद्र रहा है। विंध्यांचल का यह इलाका बुनकरी के लिए तब से ही जाना जाता रहा है। चंदेरी साड़ियाँ, तीन तरह के मशहूर एवं शुद्ध फैब्रिक प्योर सिल्क, चंदेरी कॉटन और सिल्क कॉटन से निर्मित की जाती हैं।
झांसी
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आजादी की लड़ाई में झांसी ने एक अहम भूमिका अदा की थी, आज भी झाँसी की वीर गाथाएं पर्यटकों को इस जगह को देखने और जानने पर मजबूर करती है, तो अगर आप भी झांसी के गौरव पूर्ण इतिहास को जानना और समझना चाहते हैं। तो झाँसी आकर यहां के गौरवशाली अतीत और महारानी लक्ष्मी बाई के गौरव गाथायों को पराक्रम को जाने।
"खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी"
झाँसी में आप ऐतिहासिक किला देख सकते हैं, साथ ही, यहां पर्यटक महाराजा गंगाधर राव की छतरी, गणेश मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर शामिल आदि भी देख सकते हैं।