ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर, भारत के खूबसूरत शहरों में से एक है, जो पर्यटकों के बीच लिंगराज मंदिर के लिए लोकप्रिय है, इसके अलावा यह इतिहास के पन्नों में कलिंग के युद्ध के लिए दर्ज है। महानदी के तट पर स्थित, यह प्रचीन शहर अपने दामन में 3000 साल का समृद्ध इतिहास समेटे हुआ है। कहा जाता है कि एक समय भुवनेश्वर में 2000 से भी ज्यादा मंदिरें थीं। यही वजह है कि इसे भारत का मंदिरों का शहर भी कहा जाता है।
यूं तो पर्यटकों के लिए इस ऐतिहासिक और धार्मिक शहर में देखने को काफी कुछ है, लेकिन अगर आप भुवनेशवर में रहते हैं, या फिर भुवनेश्वर घूमने के बाद आसपास की खूबसूरत जगहों को अपने बचे समय में देखना चाहते हैं, तो ये खास लेख आप ही के लिए- आज हम आपको अपने इस लेख से बताने जा रहे हैं, भुवनेश्वर कर आसपास स्थित कुछ बेहद ही खूबसूरत वीकेंड डेस्टिनेशन के बारे में, जहां दोस्तों और परिवार के साथ रेफ्रेशिंग वीकेंड को एन्जॉय किया जा सकें
ब्रह्मपुर
भुवनेश्वर से करीबन 172 किमी की दूरी पर स्थित ब्रह्मपुर रेशम का शहर है, इसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि जो आज एक अनूठे अनुभव का सृजन करती है, इसका श्रेय इसके अतीत को जाता है। ब्रह्मपुर पत्ता कही जाने वाली जटिल रेशमी साड़ी एक स्मारिका है जोकि अनोखी है तथा कई प्रभावों की यादों को ताजा करती है जो आज इस शहर को बनाते हैं। हथकरघा और गहने के शोरूम इस शहर के परिदृश्यों का मुख्य आकर्षण हैं।
पर्यटक ब्रह्मपुर में समुद्री तट के किनारे अपने प्रियजनों के साथ सुकून के पलों को बिता सकते हैं। ब्रह्मपुर के मंदिर, संस्कृति, पाक शैली और थिएटर सारे अनूठे हैं, जो इस जगह को एक आदर्श हॉलिडे डेस्टिनेशन बनाते हैं। पर्यटक इस जगह को घूमते हुए बंकेश्वरी, कुलाड़, नारायणी मंदिर, महेंद्रगिरि, मां बुधी ठाकुरानी मंदिर, तारातरणि मंदिर, बुगुड़ बिरांचिनारायम मंदिर, बालकुमारी मंदिर और मंत्रिदि सिद्ध भैरवी मंदिर आदि देख सकते हैं।
पूर्वोतर का ऑफ़बीट डेस्टिनेशन- थेनजोल
पुरी
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भुवनेश्वर से करीबन 69 किमी की दूरी पर स्थित पुरी पूरी दुनिया में श्री जग्गनाथ मंदिर के लिए जाना जाता है, जिसके लिए यहाँ श्रद्धालु हज़ारों मीलों दूरी को तय करके अपनी मुरादें और भगवान के दर्शन करने के लिए यहाँ आते हैं। ऐसा माना जाता है कि पुरी भारत के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यहां के समुद्री तट और सी-फूड्स पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय हैं। पुरी के तटों से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा काफी मनमोहक लगता है, इस दौरान आप पर्यटकों की ज्यादा भीड़ देख सकते हैं।
पुरी में देखें जगन्नाथ मंदिर और समुद्री तट के आकर्षण दृश्य
कटक
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भुवनेश्वर से 28 किमी की दूरी पर स्थित कटक, प्राचीन समय में ओड़िशा की राजधानी हुआ करती थी, इसे मध्यकालीन युग से अभिनाबा बारानासी कटक के रूप में जाना जाता है। हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक यहां के मन्दिरों, स्मारकों को देखने पहुंचते हैं, और वर्तमान में भी सांस्कृतिक जीवन की जीवंतता को महसूस कर सकते है। कटक पर्यटन के दौरान अनशुपा, एक ताजे पानी की झील की मनोरम सुंदरता को भी निहारा जा सकता है। यहां धनबलेश्वर तट और धनबलेश्वर मंदिर स्थित है जहां पर्यटकों की निगाह ठहर जाती है।
एक ट्रैवलर के लिए खुद में क्या समेटे हुए हैं उड़ीसा की सांस्कृतिक राजधानी-कटक
क्योंझर
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भुवनेश्वर से 220 किमी की दूरी पर स्थित क्योंझर राज्य के सबसे बड़े जिलों में से एक है। इस जिले की खास बात यह है कि, यह जिला उत्तर में झारखंड, दक्षिण में जयपुर, पश्चिम में ढेंकनाल और पूर्व में मयूरभंज स्थित है। यहां प्रसिद्ध क्योंझर पठार स्थित है जिससे बैतरणी नदी निकलती है।
हर साल लाखों पर्यटक इस जगह की खूबसूरती को निहारने आते हैं, यहां सुरम्य कैस्केडिंग झरने भी स्थित है। क्योंझर राज्य में एक ऐसा जिला है जहां विविध प्राकृतिक संसाधन पाएं जाते है। यहां आकर पर्यटक कांदाधर झरना, सांगाहारा झरना, बड़ा घाघरा झरना, आदि को देख सकते है।
तप्तापानी
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भुवनेश्वर से करीबन 258 किमी की दूरी पर स्थित तप्तापानी एक गर्म पानी का झरना है, जो अपने अंदर कई औषधीय गुण समाए बैठा है। चर्म रोगी और अन्य त्वचा संबंधी उपचार के लिए यह गर्म कुंड का पानी किसी दैवीय जल से कम नहीं है। तप्तापानी प्राकृतिक खूबसूरती के बीच बसा एक आकर्षक दर्शनीय स्थल है, जहां के आसपास के नजारे(जंगल, घाटी) देखने लायक है। साथ ही यह स्थान ओडिशा के समुदायों का घर भी है।