जब भी बात घूमने की आती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम शिमला या मनाली आता है...शिमला मनाली में आप रोमांटिक छुट्टियों के साथ एडवेंचर हनीमून भी मना सकते हैं।जी हां ट्रेकिंग के साथ आपका हनीमून रोमांटिक और एडवेंचर भी होगा।
हिमाचल की बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच पिन-भाभा पास सबसे दिलचस्प ट्रेक में से एक है जोकि किन्नौर के घने जंगल और घास के मैदानों से शुरू होता है और बंजर परिदृश्य में समाप्त होता हैयह मार्ग कई वर्षों से यात्रियों और ट्रेकर्स द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है।
ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स राज्य के समृद्ध हिमाची संस्कृति और बौद्ध मठों से भी परिचित होते हैं। इस ट्रेक का आधार शिविर काफनु, भाबा घाटी के एक विलक्षण गांव, किन्नौर है। यह ट्रेकिंग उन लोगो के लिए जो ट्रेकिंग करने में निपुढ हैं... उच्च पारित होने पर, मई और अक्टूबर के बीच के महीनों में बर्फ की संभावना बहुत अधिक है और आपको तकनीकी गाइड से मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी। यह ट्रेकिंग उच्च स्तर की फिटनेस की मांग करती है।
क्षेत्र-हिमाचल प्रदेश
उचित समय- मई से सितम्बर
ग्रेड-मॉडरेट
कितने दिन- 6 दिन
नजदीकी एयरपोर्ट- शिमला
सड़क द्वारा- दिल्ली शिमला- निचार
पहला दिन ट्रेक फॉर्म कफनु - मल्लिंग (3,100 मी) 7 घंटे 5 घंटे
सुबह नाश्ते के बाद ट्रेकर्स तेजस्वी भाभा पास ट्रेक मार्ग द्वारा मल्लिंग की ओर प्रस्थान करते हैं..इस ट्रेक को पूरा करने में करीबन 6 से 7 घंटे का समय लगता है।
दूसरा दिन : मुलिंग से करह (11,653 फीट) तक का ट्रेक - 6.03 किमी
दूसरे दिन की ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स को एक पहाड़ी पर चढाई करनी होती है। ऊँची पहाड़ी पर पहुंचकर ट्रेकर्स गांव झाका को बखूबी देख सकते हैं। ट्रेकर्स चाहे तो झाका में अपना कैम्प बनाकर आराम भी कर सकते हैं।
तीसरा दिन:करह से भाबा बेस - 5 घंटे
मल्लिंग से करह के दौरान ट्रेकर्स अपनी फोटोग्राफी के हुनर का भी उपयोग कर सकते हैं..क्योंकि ऊँची पहाड़ी से नीचे के गांव व् नजारे बेहद ही खूबसूरत नजर आते हैं। ट्रेकर्स इसके बाद हरी भरी घाटियों से होते हुए भाभा क्रॉस की ट्रेकिंग पूरी कर सकते हैं।
चौथा दिन: फस्टिरांग-पिन भाबा पास-भाना बेस फुलधर सात घंटे
चौथे दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है भाबा बेस से यह एक खड़ी पहाड़ी ट्रेक है हालांकि इस ट्रेक को हिमपात क्षेत्र पर चलना पर ट्रेकिंग को पूरा करने में अधिक समय लग सकता है। ट्रेकर्स थोड़ी देर स्पीति पर आराम आकर सकते हैं। । स्पीति के विशिष्ट रूप से आश्चर्यजनक परिदृश्य पर रास्ता बनाते हैं। यहां का इलाका घास के मैदानों और विभिन्न रंगों के पहाड़ों का मिश्रण है। इसके बाद ट्रेकर्स फुलधर में कैम्प लगाकर आराम कर सकते हैं।
पांच दिन: फुलधर से मड गांव
फुलधर से ट्रेकर्स मड गांव हरे भरे मैदानों से होते हुए विशाल पहाड़ों से होते हुए नीचे आ जायेंगे। मडम गांव लगभग 250 आबादी का एक छोटा गांव है। यह एक विचित्र मठ है और कुछ चाय वाले घरों में बैकपैकर केलिए चाय नाश्ते का इंतजाम रहते है...आप चाहे तो यहां रह के आराम कर सकते हैं।
छठा दिन : मड- काजा-मनाली
ट्रेकिंग के आखिरी दिन ट्रेकर्स मड से काजा जा सकते हैं...इसके बाद काजा से ड्राइव से मनाली और इस तरह आपकी ट्रेकिंग की हुई समाप्ती।
ट्रेकिंग के दौरान जरूरी चीजे
कॉटन मोज़े
ऊनी मोज़े
दो जोड़ी जूते
बैग पैक
ट्रैक पेंट
टोर्च लाइट
जैकेट
सनग्लास
कैप
सन्सक्रीम
ऊनी दस्ताने
वाल्किंग स्टिक