भड़केश्वर महादेव का मंदिर द्वारका में समुद्र के बीचो-बीच में स्थित है। हर साल जून-जुलाई के महीने में यह मंदिर समुद्र में डुबा रहता है। कहा जाता है कि उस समय समुद्र खुद ही महादेव का जलाभिषेक करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना है और यहां महादेव स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजित है।
मंदिर का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि
इस मंदिर में सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि पर मनाया जाता है। इस दिन मंदिर में और आसपास मेले का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है। लेकिन सुबह 8 से लेकर दोपहर 12 बजे तक ही शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है। मंदिर का गर्भगृह बहुत छोटा है, इसलिए गर्भगृह में एकसाथ ज्यादा लोग नहीं जा पाते।
समुद्र से घिरा है महादेव का मंदिर
इस मंदिर में होने वाली पूजा यहां के पुरोहित करते हैं, जो कई पीढ़ियों से चली आ रही है। छोटी सी पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में दर्शन करने के बाद आप यहां के नजारे को भूल ही नहीं पाएंगे। क्योंकि मंदिर के चारों ओर सिर्फ और सिर्फ आपको समुद्र ही दिखाई देगा। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के देवता की मूर्ति आचार्य जगतगुरु शकाराचार्य को गोमती, गंगा और अरबी समुद्र के पवित्र संगम पर मिली थी। यहां पर इस मूर्ति के अलावा 1300 शिवलिंग, 1200 सालग्रामशिला और 75 शंकराचार्य की भी मूर्तियां भी है, जो देखने में बेहद आकर्षक लगती है।
यहां पर सूर्यास्त का दृश्य काफी मनोरम
समुद्र के बीच में स्थित होने के चलते सूर्यास्त के समय यहां का दृश्य काफी मनोरम लगता है, जो पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है। मंदिर के गर्भगृह में फोटोग्राफी निषेध है।
रहस्यों से भरा है मंदिर
भड़केश्वर महादेव का मंदिर बेहद रहस्यों से भरा हुआ है। यहां पर महादेव की मर्जी के बगैर कोई उनका दर्शन नहीं कर सकता है। जब उनका मन होता है तो वे भक्तों को दर्शन देते हैं और जब उनका मन नहीं होता तब भगवान खुद समुद्र में गायब हो जाते हैं।
कैसे पहुंचे भड़केश्वर महादेव मंदिर
भड़केश्वर महादेव मंदिर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पोरबंदर में स्थित है, जो मंदिर से करीब 100 किमी. दूर स्थित है। वहीं, मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन द्वारका में स्थित है। इसके अलावा सड़क मार्ग की बात की जाए तो मंदिर तक राजमार्ग की सहायता से आसानी से पहुंचा जा सकता है।