तमिलनाडु में पर्यटकों के लिए कई शानदार जगहें मौजूद हैं। इस राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य से लेकर मानव निर्मित कई खूबसूरत इमारतें हैं। तमिलनाडु की धरती पर ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज़ स्थलों की कोई कमी नहीं है। इन्हीं खूबसूरत जगहों में से एक है महाबलीपुरम जो आज भी सालों पहले की तरह की खूबसूरत है।
प्राचीन समय में इसे ममल्लापुरम के नाम से जाना जाता था। तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित महाबलीपुरम एक समुद्रतटीय शहर है। इस शहर का इतिहास सातवीं सदी पुराना है और पल्लव राजवंश के काल से जुड़ा हुआ है। आज महाबलिपुरम भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसका नाम यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है। जुलूस, पत्थरों को काटकर बनाई गइ संरचनाएं और प्राचीन मंदिरों के लिए मशहूर महाबलीपुरम एक ऐतिहासिक रत्न से कम नहीं है।
इस खूबसूरत शहर की यात्रा में आपको सदियों पुरानी गुफाएं देखने का मौका भी मिलेगा।
आने का सही समय
महाबलीपुरम का मौसम ऊष्णकटिबंधीय रहता है और यहां के तापमान में आद्रता रहती है इसलिए गर्मी के मौसम में यहां घूमना बिलकुल भी अच्छा नहीं रहता है। पर्यटकों को अप्रैल से सितंबर के बीच में महाबलीपुरम बिलकुल नहीं आना चाहिए।
महाबलीपुरम आने का सबसे सही समय नवंबर से फरवरी के अंत तक रहता है। इस दौरान यहां का मौसम बड़ा सुहावना रहता है और आराम से यहां घूम सकते हैं।Pc:J'ram DJ
चेन्नई से महाबलीपुरमकैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो आपको एयरपोर्ट से महाबलीपुरम के लिए कैब बुक करनी पड़ेगी। चेन्नई सिटी तक कैब से और फिर महाबलिपुरम तक बस से पहुंच सकते हैं।महाबलीपुरम का निकटतम हवाई अड्डा चेन्नई एयरपोर्ट है जोकि 55 किमी दूर है।
रेल मार्ग द्वारा : चेन्नई से महाबलीपुरम के बीच में कोई भी सीधी ट्रेन नहीं चलती है। हालांकि आप चेन्नई से छेंगलपट्टू तक ट्रेन और फिर महाबलीपुरम तक कैब से पहुंच सकते हैं। छेंगलपट्टू लगभग 28 किमी दूर है महाबलीपुरम से।
सड़क मार्ग द्वारा : चेन्नई से 57 किमी दूर सड़क मार्ग द्वारा आसानी चेन्नई और अन्य शहरों से महाबलीपुरम पहुंचा जा सकता है। आप चाहें तो चेन्नई से महाबलीपुरम के लिए कैब भी बुक कर सकते हैं या चेन्नई से महाबलीपुरम के लिए सीधी बस ले सकते हैं।
अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं निम्न रूट देखें :
रूट 1 : चेन्नई - कोवलम - थिरुविदनधई - महाबलीपुरम
रूट 2 : चेन्नई - थंडलम - वंदलुर - महाबलीपुरम
हालांकि, पहला रूट छोटा है इसलिए आपको उससे ही जाना चाहिए।
महाबलीपुरम के सफर में आपको कई खूबसूरत जगहें देखने का भी मौका मिलेगा, जो इस प्रकार हैं :
कोवलम
चेन्नई से 40 किमी दूर स्थित है कर्नाटिक नवाबों के काल में बनाया गया कोवलम शहर। कोवलम को बंदरगाहह शहर के रूप में बसाया गया था। ये शहर अपने वर्जिन तटों और खूबसूरत वातावरण के लिए मशहूर है। अपने शानदार सौंदर्य के कारण कोवलम ऑफबीट ट्रैवलर्स के बीच बहुत लोकप्रिय है। यहां पर आप पर्यटकों को बीच पर पानी में घूमते हुए या विंडसर्फिंग करते हुए देख सकते हैं। अगर आप सफर में बीच मं कहीं रूकना चाहते हैं तो कोवलम से बेहतर और कोई जगह हो ही नहीं सकती है।Pc: Ronald Tagra
थिरुविदनधई
महाबलीपुरम के रास्ते में ब्रेक लेकर आप थिरुविदनधई में भी रूक सकते हैं। यहां पर आपको सौ मगरमच्छ आराम फरमाते हुए दिख जाएंगें। क्रोकोडाइल बैंग के आसपास आप ये नज़ारा देख सकते हैं। अगर आपको मगरमच्छ देखना पसंद है तो इस सफर में आप ये काम भी कर सकते हैं। यहां पर आप मगरमच्छ के अलावा घडियाल, मगर और समुद्री जल मगरमच्छ देख सकते हैं।Pc:Adam Jones Adam63
महाबलीपुरम के दर्शनीय स्थल
महाबलीपुरम पहुंचने के बाद आपको इस शहर की कई खूबसूरत जगहों को देखने का मौका मिलेगा। महाबलीपुरम जा रहे हैं तो इन जगहों को जरूर देखें। महाबलीपुरम की ये जगहें विश्व धरोहर की सूची में शामिल है।
शोर मंदिर
बंगाल की खाड़ी पर तटीय रेखा पर स्थित ये मंदिर आठवीं शताब्दी में बनवाया गया था। ग्रेनाइट के पत्थरों से बना ये मंदिर सात पगोड़ा में से एक माना जाता है। भारत में पत्थरों को काटकर बनाई गई संरचनाओं में से ये भी एक है।
इस मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है। यहां आप समुद्र तट के पास बैठकर मंदिर के सौंदर्य को निहार सकते हैं। महाबलीपुरम आने पर इस मंदिर को जरूर देखें।
Pc: Aravindan Ganesan
अर्जुन की तपस्या
इसे डिसेंट ऑफ गैंग्स के नाम से भी जाना जाता है। ये इस शहर की सबसे प्राचीन जगहों में से एक है। इस जगह पर पत्थरों पर की कई नक्काशी उत्कृष्ट है। गंगा और अर्जुन की तपस्या के वंश का चित्रण यहां अकल्पनीय कला और उत्कृष्टता को दर्शाता है।
इसे बौद्ध धर्म पर हिंदू धर्म की विजय का जश्न मनाने के लिए मध्ययुगीन काल के दौरान बनाया गया था।Pc: Emmanuel DYAN
पंच रथ
महाबलीपुरम में एक अन्य उत्कृष्ट स्थल है पंच रथ जिसमें एक ही पत्थर से त्रिकोण आकार में पांच पत्थर बने हुए हैं। महाभारत में पांच पांडवों के ऊपर इस जगह का नाम रखा गया है। ये मंदिर रथ के आकार में ही बना हुआ है। इस पंच रथ की प्रमुख विशेषता है कि इस पूरी संरचना को एक ही पत्थर से बनाया गया है।Pc: Ashwin Kumar
कृष्ण बटर बॉल
एक बड़ा सा पत्थर लंबे समय से एक ही जगह पर टिका हुआ है। इस रहस्यमयी पत्थर को कृष्ण की बटर बॉल कहा जाता है। इससे जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि एक बार पल्लव वंश के राजा ने सात हाथियों के बल से इस पत्थर को हटाने का प्रयास किया था लेकिन ये पत्थर अपनी जगह से एक ईंच भी नहीं हिला। इस पत्थर के बारे में प्रचलित कथाओं को सुनने के लिए आपको यहां जरूर आना चाहिए।
Pc: Leon Yaakov