कर्नाटक स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्व प्रसिद्ध इस वाइल्ड पार्क में एशियाई हाथी पाए जाते हैं। इस पार्क में हाथियों के बड़े बड़े झुंडो को बखूबी देखा जा सकता है।
नागरहोल का दो शब्दों से मिलकर बना है- नागा, जिसका अर्थ है सांप और छेदअर्थ धारा। यह पार्क दक्कन के पठार का हिस्सा है। जंगल के बीच में नागरहोल नदी बहती है, जो कबीनी नदी में मिल जाती है। कबीनी नदी पर बने बांध के कारण पार्क के दक्षिण में एक झील बन गई है जो इस उद्यान को बांदीपुर टाइगर रिजर्व से अलग करती है।
लंढौर उत्तराखंड का अनुछुआ अनसुना पर्यटन स्थल
अगर आप इस जगह की यात्रा मानसून से पहले करते हैं...तप आप यहां रंग बिरंगे पक्षियों को निहार सकते हैं..वन्यजीव और बर्ड वाचिंग करने वालों के लिए यह जगह उनके लिए स्वर्ग से कम नहीं है।
इस रहस्यमयी पत्थर को हाथियों से खिचवाया गया..लेकिन नहीं हुआ टस से मस
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कब आयें
यूं तो आप इस पार्क की सैर कभी भी कर सकते हैं..लेकिन यहां आने का उचित समय अक्टूबर से जून है...मानसून में अप्रत्याशित बारिश के कारण ट्रेक या सफारी पर जाकर मुश्किल होता है,इसलिए मानसून में आने से बचे।
PC:Sanjay Krishna
रूट
पहला रूट- NH 275 - केआरएस आरडी करीमंती में - एलिवाल - राइट ऑन एनएच 275 - एसएच 86 - नागरहोल रोड - नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (226 किमी - 5 घंटे)
रूट 2: - एनएच 275 - मलवल्ली-मादुर आरडी - मालवल्ली-मैसूर आरडी - डोडडाहंसुर - नागरहोल रोड - नागरहोल (24 9 किमी - 5 घंटे 30 मिनट)
मार्ग 3: सी.वी. रमन आरडी - एनएच 75 - एसएच 8 - एसएच 57 - दोडदाहंसुर - नागरहोल आरडी - नागरहोल (281 किमी - 5 घंटे 45 मिनट)
रामनगर
बैंगलोर से 50 किमी की दूरी पर स्थित रामनगर ग्रैनाइट के ऊंचे पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है,रामनगर को पहले कोलोसेपेट कहा जाता था। यह शहर बहुत सारे कारणों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर कई कारणों से प्रसिद्ध है जैसे यहां के पहाड़,इस जगह आने वाले पर्यटक यहां रॉक क्लाइम्बिंग का जमकर लुत्फ उठा सकते हैं। बता दें, यह वाही जगह है, जहां बॉलीवुड की आइकोनिक फिल्म शोले की शूटिंग हुई थी।PC:Vaibhavcho
मद्दुर
मद्दुर रामनगर से 35 किमी की दूरी पर स्थित है..अगर आपको लॉन्ग ड्राइव का शौक है..तो आप यहां आ सकते हैं। अगर आप नागरहोल जा रहे हैं तो मुद्दुर में रूककर मद्दुर बड़े खाना कतई ना भूले..ये बड़े सूजी और प्याज के होते है..जोकि यहां आने वाले पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध है।
जब आप रामनगर से मद्दुर के लिए बढ़ेंगे तो रास्ते में एक छोटा सा गांव पड़ता है.. चन्नापटना, जोकि खिलौनों के गांव के नाम से प्रसिद्ध है..तो आप यहां रुककर खिलौनों को खरीद सकते हैं।
PC: Subhashish Panigrahi
श्रीरंगपट्टण
श्रीरंगपट्टणा मंड्या जिले में स्थित है,जोकि रामनगर से 78 किलोमीटर दूर स्थित है। श्रीरंगापट्नम अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण एक बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस शहर का नाम यहाँ स्थित रंगनाथस्वामी मंदिर के नाम पर रखा गया है। नौवीं शताब्दी में बने इस मंदिर को बहुत सालों तक अनेक प्रकार से सजाया गया। परिणामस्वरूप, आज यह होयसल और विजयनगर की शैलियों में वास्तुकला का एक उम्दा उदाहरण है। श्रीरंगापट्नम में अनेक बेहद खूबसूरत दर्शनीय स्थल हैं। मौजमस्ती के लिए प्रसिद्ध अनेक स्थानों में से एक है-‘शिवानसमुद्र झरना‘ जो कि भारत का दूसरा सबसे बड़ा झरना है।एक अन्य दर्शनीय स्थल है-‘श्रीरंगापट्नम का संगम‘, जहाँ कावेरी, काबिनी और हेमवती नदियाँ मिलती हैं।
PC: Cchandranath84
कोक्केर बेल्लूर पेलिकनरी पक्षी
कोक्केर बेल्लूर पेलिकनरी पक्षी बर्ड वाचिंग करने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है..इस बर्ड सेंचुरी में आप विभिन्न प्रकार के पक्षियों को निहार सकते हैं।स्थनीय लोग पक्षियों के लिए इमली पेड़ लगाते हैं, साथ ही उनका हार साल आने का इंतजार करते हैं..स्थानीय लोगो की माने तो ये पक्षी उनके लिए गुडलक लेट हैं। आप यहां नवंबर से जून तक अ सकते हैं।PC:Koshy Koshy
रंगनाथित बर्ड अभयारण्य
रंगनाथितु कर्नाटक का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है,जोकि कोकके बेल्लूर से 63 किमी की दूरी पर स्थित है,। यह एक विविध पक्षी अभयारण्य है, जो कि विभिन्न प्रजातियों जैसे कि काले रंग वाले आइबिस, भारतीय शाग, एग्रेट्स, पेंटेड स्टॉर्क जैसे पक्षियों के लिए जाना जाता है। आप यहां जून से फरवरी महीने में आ सकते हैं।PC:David Brossard
नागरहोल नेशनल पार्क
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी घाट की तलहटी में बसा हुआ है, जोकि श्रीरंगपट्ट से लगभग 96 किमी दूर स्थित है। इस पार्क में प्रचुर मात्रा में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, जानवरों और पेड़ों का निवास स्थान है। बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, चार-सींग वाले एंटेलोप और गोल्डन शंख जैसे पशु यहां पाए जाते हैं। आप यहां लुप्तप्राय प्रजातियों की विभिन्न स्तरों जैसे नीलगिरि की लकड़ी कबूतर, ग्रेटर व्हाइट इब्स, रेड-चेड्ड गिल्चर, ब्लू-पंख वाले पार्कीकेट और कई और अधिक के पक्षियों को भी देख सकते हैं!
सफारी का मजा
640 वर्ग किलोमीटर में फैले नागरहोल अभयारण्य में अनेक जानवर पाए जाते हैं। इसलिए जंगल की सफारी से इनको करीब से देखना रोमांचक अनुभव होता है। यद्यपि यहां बहुत सारे शेर और चीते हैं, फिर भी इन्हें ढूंढ़ और देख पाना इतना आसान नहीं हैं। शेर और चीतों के अलावा हिरन, चार सींग वाला हिरन, कलगी वाला साही और काली गर्दन वाले खरगोश भी यहां देखे जा सकते हैं। पर्यटक अभयारण्य में केवल 30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ही घूम सकते हैं। यहां जीप और बस की सफारी उपलब्ध है।PC:RimpaD
सफारी विवरण
भारतीय नागरिकों के लिए सफ़ारी शुल्क 300 रुपये और विदेशी नागरिकों के लिए 1100 रुपये है।
सफ़ारी समय सुबह 6.30 बजे से सुबह 8.30 बजे तक और शाम को 3.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक होती है। सफारी आम तौर पर एक घंटेकी होती है। हम आपको सलाह देते हैं कि वन विभाग के साथ सफ़ारी उपलब्धता के बारे में कॉल करें और पता करें कि यह खराब मौसम के कारण कभी-कभी रद्द भी हो जाती है।PC: Abhinavsharmamr
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