कोयंबटूर,तमिलनाडु के दक्षिणी राज्य में स्थित एक शहर है। यह शहर, क्षेत्रफल के हिसाब से राज्य में दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसे भारत का 15 वां सबसे बड़ा राज्य घोषित किया गया है और एक महानगर भी माना जा चुका है। यह शहर देश का प्रमुख औदृयोगिक केंद्र है और इसे दक्षिण का मैनचेस्टर कहा जाता है। कोयंबटूर में पिछले दो दशकों में, शिक्षा और औदृयोगीकरण के मामले में प्रमुख सुधार और विकास हुआ है।
हालांकि, अभी भी इस शहर के रंगीन ऐतिहासिक अतीत को देखा जा सकता है। कोयंबटूर में कई वंश के शासकों ने राज्य किया है जिनमें से चेर, चोल, उसके बाद पांड्या, विजयनगर साम्राज्य के राजा और मदुरई के नायक जैसे प्रमुख शाही राजवंश भी शामिल है।
Read : भारत के लोकप्रिय और अपने आप में अनोखे पुल कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरों में
आपको बता दें कि कोयंबटूर में सबसे ज्यादा सैर किए जाने वाले स्थलों में मारूधामलाई मंदिर, धान्यालिंगा मंदिर, इंदिरा गांधी वन्यजीवन अभयारण्य और राष्ट्रीय पार्क और ब्लैक थंडर थीम पार्क है। आइये इस लेख के जरिये जाना जाये कि अपनी कोयंबटूर यात्रा पर ऐसा क्या है जो आपको अवश्य देखना चाहिए।
कोवाई कुट्टारालम
कोवाई कुट्टारालम, कोयंबटूर का सबसे प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है जो शहर के पास ही स्थित है। इस पिकनिक स्पॉट पर एक झरना बहता है जो सुंदर दृश्य प्रदान करता है। यह स्थल सिरूवानी पहाडियों पर स्थित है। यह पहाडियां, पश्चिमी घाट के एक हिस्से पर स्थित है। यह स्थल, कोयंबटूर के पश्चिमी ओर स्थित है। कोवाई कुट्टारालम तक शहर से आसानी से पहुंचा जा सकता है और यह पिकनिक स्पॉट शहर से 35 किमी. की दूरी पर स्थित है।
मारूधामलाई मंदिर
मारूधामलाई, कोयंबटूर में हिंदूओं के भगवान मुरूगन को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इसे मारूधामलाई पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर प्राचीन काल के दौरान कांगू वेट्टाउआ गाउंडर राजाओं की सम्पत्ति थी। इस मंदिर का महत्व, अरूपादाईवीदु मंदिर के आता है जो भगवान मुरूगन को समर्पित है। भगवान मुरूगन के भक्त मानते है कि मारूधामलाई, भगवान मुरूगन के सातवें पादाईवीदु है। यह मंदिर काफी पुराना और इस मंदिर में कई शिलालेख भी बने हुए है। वास्तव में, तिरूमुरूगनपोंदी मंदिर में बने शिलालेखों में भी मारूधामलाई मंदिर के बारे में उल्लेख मिलता है। इन शिलालेखों से स्पष्ट पता चलता है कि यह मंदिर लगभग 1200 साल पुराना है।
सिंगानल्लुर झील
सिंगानल्लुर झील, कोयंबटूर क्षेत्र के सिंगानल्लुर क्षेत्र में स्थित है। यह झील, क्षेत्र का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है जहां आकर पर्यटक सैर कर सकते है। इस झील के आसपास कई प्रकार के जीव - जन्तु और वनस्पतियां स्थित है जो यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है। वास्तव में यह स्थान, पक्षी निहारने का शौक रखने वालों के लिए एक स्वर्ग समान स्थल है। यहां झील के किनारों हजारों पक्षी अपना बसेरा बसाएं हुए है। इस क्षेत्र में 100 से ज्यादा प्रजातियों की चिडि़यां देखने को मिलती है।
पट्टीश्वेश्वर मंदिर
पट्टीश्वेश्वर मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है जो कोयंबटूर के निकट पेरूर में स्थित है। पट्टीश्वेश्वर मंदिर में भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती की आराधना की जाती है। यह मंदिर, नोय्याल नदी से 7 किमी. की दूरी पर स्थित है और नदी के पश्चिमी ओर स्थित है। पेल्लायाकारर राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था, जो कोंगू वेट्टउआ ग्वांडडर समुदाय के थे।
अलियार बांध
अलियार बांध, पोल्लाची से 24 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस बांध को 1959 से 1969 के दौरान बनवाया गया। यह बांध 81 मीटर ऊंचा है और इसमें काफी अच्छी तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। यह बांध, स्थानीय लोगों के बीच आकर्षक पर्यटन स्थल है।
ध्यानलिंग
ध्यानलिंग, वेल्लयांगिरी में 1994 में सद्गुरू द्वारा स्थापित किया गया था। इस मंदिर के बारे में 1999 में सद्गुरू द्वारा पहली बार चर्चा की गई। 23 नंबवर 1999 में इस मंदिर के द्वार आम जनता के लिए खोले गए। इस मंदिर का आम जनता के बीच काफी महत्व है जो लोग तनाव और चिंता से मुक्ति चाहते है वह इस मंदिर में आकर दर्शन कर सकते है। इस स्थान पर आकर लोग ध्यान लगा सकते है और शांतिपूर्ण वातावरण में समय व्यतीत कर सकते है। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए किसी को कोई बंधन नहीं है, यहां किसी भी धर्म और जाति के लोग प्रवेश कर सकते है।
कैसे जाएं कोयंबटूर
फ्लाइट द्वारा : कोयंबटूर का एयरपोर्ट, पीलामेदु में स्थित है जो कोयंबटूर शहर से 11 किमी. की दूरी पर बना है। यह एयरपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है। वहां सुलुर पर एक एयरफोर्स बेस भी है। इस एयरपोर्ट से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी भरी जाती है। यह शहर, उड़ानों के जरिए देश के कोने - कोने तक पहुंचा सकती है। यहां से शारजहां और सिंगापुर के लिए नियमित उड़ाने भरी जाती है।
रेल द्वारा : कोयंबटूर में सबसे पहले रेल की शुरूआत 1852 में हुई थी। शुरूआत में शहर के अंदर ही रेल चलाई गई, इसके बाद धीरे - धीरे इसे पूरे देश से विभिन्न ट्रेन के द्वारा जोड़ दिया गया। कोयंबटूर से पूरे देश में ब्रॉड गेज ट्रेन चलती है। यहां से देश के कई प्रमुख शहरों दिल्ली, चेन्नई, मुम्बई, बंगलौर, हैदराबाद और कोलकाता आदि के लिए ट्रेन नियमित रूप से चलती है।
सड़क मार्ग द्वारा : कोयंबटूर शहर से होकर सात मुख्य सड़कें जाती है और तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते है। कोयंबटूर शहर से राज्य के हर शहर के लिए बसें आसानी से उपलब्ध है। पूरे शहर में कई बस स्टैंड है। यहां प्राईवेट टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है जिसकी मदद से पूरे शहर का भ्रमण किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बसें भी यहां अच्छी तरह चलती है।