जब भी हम उत्तर पूर्वी भारत का नाम सुनते हैं या उसके बारे में सुनते हैं तो हमारी उत्सुकता और बढ़ जाती है वहाँ जाने को। और इसका कारण वहाँ की छुपी प्राकृतिक खूबसूरती और वहाँ के संस्कृति है। हम हमेशा से ही उन चीज़ो में ज़्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं जो रहस्यमय हो या फिर बहुत ही कम लोगों को जिनके बारे में पता हो। इसी बात को साबित करते हुए देश का उत्तर पूर्वी क्षेत्र हमेशा से ही लोगों को अपनी प्राकृतिक भव्यता से अचंभित करता आया है और प्रेरणा भी देता है कि कैसे हम अपनी प्रकृति को संरक्षित कर पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे ही कई क्षेत्रों के साथ मेघालय का एक आकर्षक नगर है डॉकी जो हमें अपनी प्राकृतिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देगा।
इसमें तो कोई शक नहीं है की, मेघालय एक ऐसा राज्य है जहाँ हमें एक के बाद एक आश्चर्य कर देने वाले क्षेत्र और चीज़ें दिखेंगी। उन्हीं में से एक क्षेत्र है, डॉकी जो मेघालय की राजधानी शिलौंग से 95 किलोमीटर की दूरी पर है और बांग्लादेश के बॉर्डर से सिर्फ़ 2 किलोमीटर की दूरी पर। शिलौंग से पहाड़ों के बीच की यात्रा आपको एक प्रकृति से संपन्न केंद्र में ले जाएगी।
डॉकी का निलंबित पुल
Image Courtesy: Vikramjit Kakati
कौन सी बातें डॉकी को सबसे शानदार जगह बनाती हैं?
डॉकी चारों तरफ से घिरे हरे भरे पेड़ पौधों की हरियाली की वजह से जाना जाता है, और यह वास्तव में इस क्षेत्र का सबसे बड़ा वरदान है। यह नगर सिर्फ़ एक पर्यटक स्थल ही नहीं, बांग्लादेश पहुँचने का सबसे नज़दीकी रास्ता भी है।
यह कई सालों से दोनो देशों के बीच एक व्यापारिक केंद्र होने का भी किरदार निभा रहा है। डॉकी मुख्य रूप से कोयले और चुना पत्थरों के निर्यात की वजह से भी जाना जाता है जिसकी वजह से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध बने हुए हैं। यहाँ तक कि डॉकी इकलौता ऐसा क्षेत्र है जो बांग्लादेश से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
डॉकी में चट्टानों से बहता छोटा सा झरना
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डॉकी के बहुत सारे आकर्षक केंद्रों के बीच, उम्न्गोत नदी ऐसी है जो लोगों का मन मोह लेती है और जो इस क्षेत्र की पहचान भी है। उम्न्गोत नदी की कुछ तस्वीरें आए दिन सोशल मीडीया में भी आती रहती हैं। आपने वहीं पर ऐसी भी तस्वीर देखी होगी जिसमें एक नदी में नाव बह रही है और उस नदी का पानी पूरे तरीके से पारदर्शी है, जिससे की आपको नदी के अंदर की चीज़ें भी साफ नज़र आती हैं। वह नदी और कोई नहीं उम्न्गोत नदी ही है।
यह कहना ग़लत नहीं होगा की उम्न्गोत नदी भारत की सबसे साफ नदी है। जब हम दूर से इस नदी पर कोई नाव चलती हुई देखते हैं तो इस नदी का पानी हमें पारदर्शी प्रतीत होता है। खेती और खनन के अलावा मछली पकड़ना यहाँ के मुख्य व्यवसायों में से एक है। इसलिए आपको इस नदी में कई मछली पकड़ने वाली नावें भी दिख जाएँगी।
उम्न्गोत नदी
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डॉकी के एक तरफ री नार(जैंतिया पर्वत) और हीमा खाइरिम(ख़ासी पर्वत) के बीच की प्राकृतिक सीमा है तो दूसरी तरफ भारत-बांग्लादेश के बीच की बॉर्डर। उम्न्गोत नदी के उपर बना निलंबित पुल एक सड़क मार्ग है जो दोनो सीमाओं को जोड़ती है। यह पुल अँग्रेज़ों द्वारा सन् 1932 में बनाया गया था।
डॉकी में ही एक छोटा सा मार्केट है जिसे दोनो देशों के बीच के लोगों में व्यापार संबंध बनाने के लिए बनाया गया है।
उम्न्गोत नदी में मछली पकड़ता मछुआरा
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इसी वजहों से डॉकी क्षेत्र सबके लिए किसी हैरत भरे क्षेत्र से कम नहीं है। प्रकृति की मंत्रमुग्ध कर देने वाली खूबसूरती को और वहाँ की अद्वितीय संस्कृति को जानने का अनुभव आपके लिए सबसे अलग और दिलचस्प होगा।
डॉकी पहुँचें कैसे
सड़क यात्रा द्वारा: डॉकी शिलौंग के रास्ते से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसलिए यहाँ जाने के लिए आप कोई निजी वाहन बुक करा सकते हैं या फिर यहाँ तक के लिए बस की सुविधा भी उपलब्ध है।
रेल यात्रा द्वारा: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन यहाँ का सबसे नज़दीकी स्टेशन है। डॉकी यहाँ से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर है।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव और अनुभव नीचे व्यक्त करें।