हिमाचल प्रदेश में कई हिल स्टेशन है जैसे शिमला, कुल्लू मनाली, धर्मशाला आदि। मै भी इन्ही जगहों को घूमने की प्लानिंग कर रही थी कि, तभी मेरी एक फ्रेंड ने मुझे खजियार जाने की सलाह दी। मैंने जब गूगल पर खजियार के बारे में पढ़ा तो मै वहां जाने के लिए काफी उत्साहित हो गयी। बीते हफ्ते ही मुझे अपने कजिन्स के साथ खजियार जाने का मौका मिला। दिल्ली से खजियार जाने के चार रूट है।
दिल्ली से खजियार जाने के चार रूट है
पहला रूट
दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक-हंसी-संगरूर -लुधियाना-जालंधर-पठानकोट-डलहोजी-खजियार। अगर अप इस रूट को लेते है तो आप 10 घंटे और 29 मिनट में 579 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली से खजियार पहुंच जायेंगे। (पहला रूट उन दिल्लीवासियों के लिए परफेक्ट है जो कीर्ति नगर, राजौरी गार्डेन,तिलक नगर, पंजाबी बाग़ में रहते हैं।)
दूसरा रूट
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ-बुधना-शामली-करनाल-लुधियाना-जालन्धर-पठानकोट-डलहोजी-खजियार। अगर अप इस रूट को लेते है तो आप 12 घंटे और 10मिनट में 672 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली से खजियार पहुंच जायेंगे।
(दूसरा रूट गाजियाबाद और नॉएडा निवासियों के लिए एकदम परफेक्ट है। सैलानी इस रस्ते में मेरठ से होते हुए करनाल से होते शामली तक पहुंच सकते है और इस रूट को फॉलो कर सकते हैं। )
तीसरा रूट
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत-करनाल-कुरुक्षेत्र-चंडीगढ़-नांगल-डलहोजी-खजियार। अगर अप इस रूट को लेते है तो आप 11 घंटे और 15 मिनट में 592 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली से खजियार पहुंच जायेंगे। (यह रूट उन लोगो के लिए बेहतर है ओ पीतमपुरा,रोहिणी,शालीमार या अलीबाग में रहते है। )
चौथा रूट
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत-करनाल-कुरुक्षेत्र-अंबाला-गृहशंकर-होशियारपुर-दसुयु-पठानकोट-डलहोजी-खजियार। अगर अप इस रूट को लेते है तो आप 11 घंटे और 40 मिनट में 592 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली से खजियार पहुंच जायेंगे। (यह रूट उन लोगो के लिए बेहतर है जो पीतमपुरा,रोहिणी,शालीमार या अलीबाग में रहते है।)
पहला दिन
हमने दिल्ली से खजियार जाने के लिए दूसरा रूट लिया क्योंकि हमारा घर नॉएडा में था। हमने दिल्ली से खजियार जाने के लिए कैब ली । दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर सारी पैकिंग करने के बाद हम सभी दिल्ली से खजियार के लिए रवाना हो गये।
दिल्ली से खज्जर जाने के लिए हम पहले मेरठ पहुंचे फिर वहां से करनाल वायपास होते शामली और करनाल पहुंचे। करनाल पहुंचते पहुंचते हम सभी को जोर से भूख लगने लगी थी। जिसके लिए हमने करनाल में स्टॉप लिया और पेट पूजा करने का प्लान बनाया।
करनाल पहुंचकर हम सभी ने करनाल हवेली में एक अच्छा सा लंच किया। अगर आप भी करनाल से होते हुए खजियार जा रहे हैं तो करनाल हवेली में लंच करना बिल्कुल ना भूले।यहां आपको पार्किंग की भी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा आप यहां केवल ढाबा,झिलमिल ढाबा, हॉट बिलियंस भी ट्राई कर सकते हैं।
करनाल में पेट पूजा कर हम निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर। करनाल से कुरुक्षेत्र होते चंडीगढ़ डलहोजी और फिर आख़िरकार पहुंचे खजियार ।इस यात्रा के दौरान हमने दो तीन छोटे छोटे टी ब्रेक्स भी लिए।जिसके चलते हम शाम को करीबन 7 बजे अपनि मंजिल खजियार पहुंचे।
भीड़भाड़ से दूर खजियार की अपार शांति मनमोहने वाली है। खजियार को देख कर ऐसा ही लगता है जैसे कुदरत ने इसे बड़ी ही फुरसत में बनाया हो इसका हर एक सौंदर्य इसकी खूबसूरती को पूर्ण व्याख्या से दर्शाता है। यहाँ का दृश्य ऐसा लगता है जैसे खजिहार बर्फ की दुशाला ओढ़े हुए हो।
खजियार पहुंचते पहुंचते रात हो चुकी थी, जिसके चलते हमने पहले दिन होटल में आराम करना ही मुनासिब समझा। खजियार सैलानियों के बीच ज्यादा लोक प्रिय नहीं है जिस कारण यहां आपको टूरिस्ट बेहद ही कम देखने को मिलेंगे। शायद इस कारण आप यहां की खूबसूरती और भी बखूबी निहार सके।
दूसरा दिन
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर हमने खजियार घूमने का फैसला किया। बता दें, खजियार समुद्री स्तर से 6, 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। शिमला की तरह खजियार में भी आपको बर्फ से ढके हुए पहाड़ मिलेगी और साथ ही जमी हुई नदियां भी। हमने भी जमी हुई नदियां देखी को वाकई में काफी अचंभित था।
खजियार ज्यादा बड़ा नहीं है अप इसे आराम से पैदल घूम सकते है।होटल से निकलकर कर हम एक बड़े से मैदान में पहुंचे जहां हमे बड़े बड़े पेड़ बर्फ से ढके हुए दिखाई दे रहे थे। हमने इस मैदान में घूम रहे थे की तभी वहां एक पैरा ग्लाईडिंग वाला हमारे सामने आ पहुँचा।
हमने ऐसे ही उससे पता करना चाहा कि उड़ाने के कितने रुपये लेते हो। उसने हमें 1800 रुपये बताये थे। हम सभी दोस्तों ने इस मौके का फायदा उठाया और उससे बार्गेनिंग कर हमने प्रति व्यक्ति 1500 रुपये देकर पैरा ग्लाईडिंग का लुत्फ उठाया।
खजियार में पैरा ग्लाईडिंग का लुत्फ उठाने के बाद हम सभी दोस्तों ने हॉर्स राइडिंग का भी मजा लिया। अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है तो खजियार एकदम बेस्ट प्लेस है।
अगर फोटोग्राफी का शुक नहीं भी है तो भी यहां की खूबसूरती आपकी फोटोग्राफर बना ही देगी। यहां जमकर तस्वीरें क्लिक करने के बाद हम सभी ने यहां के लोकल संगीत का भी जमकर मजा लिया।
दोपहर होते होते हम सभी को जोरो की भूख लग आयी। जिसके बाद हम सभी निकल पड़े खजियार में ढाबा ढूंढने।खजियार में आपको खाने की ज्यादा वैरायटी तो नहीं मिलेगी लेकिन यहां आप नूडल्स और सूप का मजा ले सकते है।
खाजियर में खाना खाने के बाद हमने आसपास की एक और दो जगह घूमी और फिर हमने ज़ोर्बिंग बाल का आनन्द लिया । हालांकि यह खेल बच्चो के लिए है लेकिन फिर भी हमने इसका जमकर मजा लिया। पूरा दिन घूमने के बाद हम बुरी तरह थक चुके थे। शाम को घूमने के बाद होटल में ही डिनर करने का फैसला किया, और खापीकर सो गये।
तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर हमने अपना सारा सामन पैक किया और निकल पड़े दिल्ली।