घूमना किसे पंसद नहीं होता लेकिन किसी किसी को शांति वाली जगह भी काफी भाती है। अगर आप भी अदम्य शांति को तलाश रहे हैं तो आपके लिए मैकलॉडगंज एकदम बेस्ट प्लेस है। धौलाधार पहाड़ियों से घिरा हुआ मैकलॉडगंज बेहद शांतिप्रिय स्थल है। मैकलॉडगंज हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा और बेहद ही खूबसूरत सा शहर है। मनोरम दृश्यों वाला मैकलॉडगंज टूरिस्ट के बीच दलाई लामा के घर के रूप में भी जाना जाता है। मैकलॉडगंज का नाम पंजाब के गवर्नर डेविड मेक लॉड के नाम पर पड़ा था और गंज का मतलब होता है पड़ोसी। इस जगह को ल्हासा भी कहते हैं क्योंकि यह यहां बड़ी संख्या में तिब्बती माइग्रेंट्स बसे हैं, जिनके कल्चर की झलक पूरे शहर मे नजर आती है।
कैसे पहुंचे मैकलॉडगंज
मैकलॉडगंज जाने के दो रास्ते हैं- पहला रास्ता-दिल्ली-सोनीपत-करनाल-कुरुक्षेत्र-अंबाला-चंडीगड़-रूपनगर-आनंदपुर साहिब-नांगल-ऊना-अम्ब-देहरा-रानीताल-कांगड़ा-गग्गल-धर्मशाला- मैकलॉयड गंज इस तरह से आप दिल्ली से मैकलॉडगंज 9 घंटे 21 मिनट में पहुंच जायेंगे ।
दूसरा रास्ता
दिल्ली-अंबाला-खरार-रोपर-कीरतपुर,-आनंदपुर साहिब-नांगल-ऊना-अम्ब-देहरा-रानीताल-कांगड़ा-गग्गल-धर्मशाला- मैकलॉयड गंज इस तरह से आप दिल्ली से मैकलॉडगंज 8 घंटे 20 मिनट में पहुंच जायेंगे ।
अगर आपको जल्दी जाना है तो सेकंड रूट को फ़ॉलो कर सकते हैं ।इससे आपका समय भी बचेगा और आप जल्दी भी पहुंच जायेंगे।
PC : Affaf Ali
मैकलॉडगंज घूमने का सही समय
गर्मी- गर्मियों में मैकलॉडगंज जाने का सही समय मार्च से जून है क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान 22°C-38°C.के बीच रहता है। साथ ही यह समय उनके लिए सबसे बेस्ट है जो ट्रेकिंग और एडवेंचर के शौक़ीन है।
सर्दी
सर्दियों में मैकलॉडगंज जाने का सही समय दिसम्बर से फरवरी है क्योंकि इस दौरान
यहां का तापमान जीरो डिग्री रहता है। सर्दी में यह जगह हनीमून कपल्स के लिए एकदम परफेक्ट है।
PC : Hemant Bansal
मैकलॉडगंज में खाने का अड्डा
अगर आप सेकंड रूट से मैकलॉडगंज के लिए जा रहें हैं तो मुरथल के पास एक ढाबा है मन्नत । जहां आप एक अच्छा नाशता कर सकते हैं।मन्नत ढाबा के अलावा मुरथल में आप झिलमिल,ढाबा-पहलवान ढाबा और अमरीक
सुखदेव ढाबा भी ट्राय कर सकते हैं।
दोपहर के खाने के लिए आप रानीताल का रेस्तरां मसाला रेस्टोरेंट जा सकते हैं। इसके अलावा रानीताल में शर्मा पंजाबी ढाबा और डेस्टिनेशन 88 होटल & रेस्टोरेंट भी ट्राय कर सकते हैं।
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मैकलॉडगंज में घूमने की जगह
मैकलॉडगंज में घूमने के लिए काफी कुछ है..तो आइये जानते हैं मैकलॉडगंज में घूमने वालो स्थलों के बारे में
कालचक्र मंदिर
यह मंदिर वर्ष 1992 में बनाया गया है मंदिर के भीतर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है,अगर आप आंतरिक शांति की तलाश में है तो आपको इस मंदिर में आपको एक बार जरुर जाना चाहिए।
भागसूनाग मंदिर
भागसूनाग मंदिर भगवान शिव का मंदिर है जोकि गांव भाग्सू में स्थित है। यह मंदिर मैकलॉडगंज बाजार से करीब दो कि.मी की दूरी पर है। इस मंदिर का निर्माण गोरखा रेजिमेंट द्वारा किया गया था। यह एक बेहद ही पुराना ,मंदिर है जिसके पास एक झरना भी है।
भाग्सू वाटरफॉल
यह वाटरफॉल टूरिस्ट के बीच खासा प्रसिद्ध है। यह झरना भाग्सू मंदिर के बिल्कुल निकट ही है इसे भागसूनाग झरना भी कहा जाता है।झरने से आने वाला पानी यहां बनाए गए एक साफ-सुथरे पूल मे इकट्ठा कर लिया जाता है,जिसमें लोग स्नान करते हैं। मानसून सीजन में इसमें 30 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। इस झरने के आसपास ही कुछ कैफ़े भी हैं जहां आप मैगी और स्नैक्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
ब्रिजेश्वरी मंदिर
शक्ति पीठो में से एक शक्तिपीठ धर्मशाला में भी स्थित है। इस मंदिर का नाम ब्रिजेश्वरी मंदिर है, जो की मां दुर्गा को समर्पित है। कहा जाता है कि, इस प्राचीन मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। वर्ष 1905 में एक एक भूकम्प मे
यह मंदिर क्षतिपूर्ण हो गया था, जिसके बाद अब इस मंदिर का रखरखाव सरकार द्वारा किया जा रहा है।
मिनकीनी पास
त्रिउंड हिल ट्रैकिंग के अलावा टूरिस्ट मिनकीनी पास ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। यह पहाड़ी ट्रेकिंग पॉइंट की ऊंचाई समुद्री तल करीबन 14250 फीट है। इस ट्रेकिंग के जरिये आप
धौलाधार पहाड़ियों से घिरे हुए मैकलॉडगंज को बखूबी निहार सकते हैं। यह एक बेहद ही खूबसूरत और मनोहर स्थल हालांकि यह ट्रेकिंग थोड़ी सी मुश्किल है, लेकिन यहां के नजारे उतने ही मनोरम है।
PC : Gongfu King
तिब्बती म्यूजियम
यहां एक तिब्बती म्यूजियम भी स्थित है। इस तिब्बती म्यूजियम के अंदर आप तस्वीरों के जरिये जानेंगे कि, कैसे तिब्बतियों ने अपनी स्वतंत्रता कील लड़ाई लड़ी साथ ही उन्हें किन किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह म्यूजियम
त्सुग्लाग्खंग परिसर के अंदर स्थित है। इस म्यूजियम में तस्वीरों के जरिये तिब्बतियों की कहानी गड़ी गयी है।
नामग्याल मोनेस्ट्री
नामग्याल मोनेस्ट्री त्सुग्लाग्खंग परिसर के अंदर स्थित है। इस जगह को 14वें दलाई लामा के घर के रूप में भी जाना जाता है।
PC : Kiran Jonnalagadda
त्रिउंड हिल ट्रैकिंग
यह एक नौ किमी लम्बा ट्रैक है जोकि धर्मशाला से होते हुए धर्मकोट और रककर को क्रॉस करता हैं।इस ट्रेकिंग पॉइंट की ऊंचाई समुद्री तल सेकरीबन 2842 फीट है।इस ट्रैक की शुरुआत गालू मंदिर से होती है।अगर आप ट्रेकिंग करना चाहते हैंतो पहले आपको कैब या टैक्सी से गालू मंदिर पहुंचना होगा। यह रास्ता ट्रेकिंग के लिए लिए बिना कठिनाई वाला है जिसे टूरिस्ट आराम से पांच से छ घंटे में खत्म कर सकते हैं।
बता दें, यह ट्रेकिंग महज एक दिन के लिए है।इतना ही नहीं नहीं एडवेंचर लवर पैराग्लाइडिंग का भी भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं।
सेंट जॉर्ज चर्च
सेंट जॉर्ज चर्च की स्थापना वर्ष 1852 मे हुई थी। इस चर्च के पास एक वायसराय लॉर्ड इलगिन जेम्स ब्रूस का स्मारक भी बना है। चर्च में विंडो ग्लास पेंटिंग लगाई गई है, जिसे इटालियन आर्टिस्ट ने बनाया था। ये
चर्च मैकलॉडगंज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
नद्दी
अगर आपको सनसेट देखने के काफी शौक़ीन हैं और आपको एक नद्दी जरुर जाना चाहिए ।यह गांव मैकलॉडगंज कांगाड़ा से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पूरी जगह धौलाधार पहाड़ियों से घिरी हुई है।अगर आप बर्फ से घिरी हुई पहाड़ियों के बीच सनसेट देखना चाहते हैं तो नद्दी से बस्ती प्लेस कोई नहीं है।
शॉपिंग
घूमने और खाने के बाद बारी आती है शॉपिंग की सभी को पसंद होती है। मैकलॉडगंज में आप चाय से लेकर कपड़े कारपेट आदि सभी खरीद सकते हैं साथ ही यहां से तिब्बती आर्टक्राफ्ट को भी खरीदा जा सकता है। और हां मैकलॉडगंज
की स्ट्रीट मार्केट में शॉपिंग करना बिल्कुल भी ना भूले क्योंकि वहां आपको ढेरो वैरायटी काफी वाजिब दामों में मिल सकती है।