शहर की दौड़भाग भरी जिन्दगी से दूर कुछ पल सुकून के बिताने की चाहत रखने वालों के लिए मसूरी एक परफेक्ट हिल स्टेशन है।दिल्ली से मसूरी काफी नजदीक है। इसलिए जब भी हम दिल्ली वालों को सुकून के पल बिताने होते है तो
बस पहुंच जाते है मसूरी।
दिल्ली से मसूरी की दूरी 277 किलोमीटर है जो महज 7 घंटे में पूरी की जा सकती है। गढ़वाल पर्वत श्रृंखला पर समुद्र तल से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मसूरी हनीमून कपल्स के लिए वाकई किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
दिल्ली से मसूरी जाने के दो रूट है...
पहला रूट
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत-कुरूक्षेत्र-यमुनानगर-देहरादून-मसूरी। अगर आप यह रूट लेते है तो आप दिल्ली से मसूरी महज 7 घंटे और 15 मिनट(277 किमी) में मसूरी पहुंच जायेंगे।
दूसरा रूट
दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर-रूड़की-सहारनपुर-देहरादून-मसूरी अगर आप यह रूट लेते है तो आप दिल्ली से मसूरी महज 7 घंटे और 33 मिनट(298 किमी) में मसूरी पहुंच जायेंगे।
दिल्ली से मसूरी जाने के लिए हमने पहले रूट का चयन किया। इस रूट का चुनाव हमने इसलिए और किया क्योंकि इस रूट पर दूसरे रूट के मुकाबले ट्रैफिक कम होगा साथ ही आप जल्दी मसूरी भी पहुंच जायेंगे।
अगर आपने दूसरा रूट फॉलो किया है तो आपको इस रूट पर खाने के लिए काफी कुछ मिलने वाला है। अगर आपने सुबह की कॉफ़ी मिस कर दी है तो परेशान ना हो क्योंकि नॉएडा से निकलते ही कॉफ़ी कैफ़े डे नजर आएगा जहां आप सुबह की कॉफ़ी पी सकते हैं। मेरठ हाइवे बायपास के पास चीतल रेस्तरां।
दोपहर की भूख के लिए आप रास्ते में मेरठ हाइवे बायपास के पास चीतल रेस्तरां रेस्तरां ट्राई कर सकते हैं। यह रेस्तरां थोड़ा सा महंगा जरुर है लेकिन यकीन मानिए यहां का खाना और स्टाफ आपका दिल जीत लेगा।
यहां आपको साफ़ सफाई के अलावा पार्किंग की भी उचित सुविधा प्रदान की जाएगी। यूं तो आप मसूरी कभी भी घूम सकते हैं लेकिन मसूरी घूमने का सही मौसम अप्रैल से जून के बीच है।
कैम्पटी फॉल
कैम्पटी फॉल मसूरी से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह झरना 4500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।यह झरना चारों और से पहाड़ियों और घने पेड़ों से घिरा हुआ है। । यहां गर्मियों में, क्या बच्चे और क्या जवान सभी झरने का ठंडे पानी की बौछारों का जमकर लुत्फ उठाते हैं। यहां आप बोटिंग और टॉय ट्रेन का भी मजा ले सकते हैं।
नाग देवता का मंदिर
नागदेवता मंदिर मसूरी से करीब 6 किमी दूरी पर स्थितएक प्राचीन मंदिरहै। यहां से आप दून वादी की मनमोहक खूबसूरती को कैमरे में बखूबी कैद कर सकते हैं। नागदेवता मंदिर के दर्शन करने के नाद हमने ज्वाला जी जाने का निश्चय किया और निकल पड़े मां दुर्गा के मंदिर की ओर।
ज्वालाजी मंदिर (बेनोग हिल)
मसूरी से 9 कि॰मी॰ पश्चिम में 2104 मी. की ऊंचाई पर ज्वालाजी मंदिर स्थित है। यह बेनोग हिल की चोटी पर बना है, जहां माता दुर्गा की पूजा होती है। मंदिर के चारों ओर घना जंगल है, जहां से हिमालय की चोटियों, दून घाटी और यमुना घाटीके सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।
क्लाउड्स एंड
सन् 1838 में एक ब्रिटिश मेजर द्वारा बनवाया गया यह पुराना बंगला अब होटल में परिवतर्ति हो चुका है। चारों तरफ घने जंगलों से घिरे इस बंगले से बर्फ की चादर ओढ़े हिमालय पर्वतमाला व यमुना नदी का मनोरम दृश्य आपको दिखाई देगा
लाल टिब्बा
लाल टिब्बा मसूरी की सबसे ऊँची चोटी है यह जगह, मसूरी में लैंडअवर क्षेत्र में स्थित है जो मसूरी का सबसे पुराना आबादी वाला क्षेत्र है। लाल टिब्बा को डिपो हिल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में एक डिपो बना हुआ है।
गन हिल
गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे बड़ी चोटी है, इसका नाम गन हिल क्यों पड़ा इसके पीछे भी एक कहानी है। बताया जाता है कि, आजादी के पहले इस पहाड़ी के ऊपर रखी टॉप से रोजाना दोपहर में गोली चलाई जाती थी, जिससे लोग अपनी घड़ी का वक्त मिला सके। गन हिल में आप ट्रेकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। ट्रेकिंग के लिए आपको यहां गाइड आसानी से मिल जायेगा। मॉल रोड से यहां पहुँचने में महज 20 मिनट लगते हैं।
इस पहाड़ी से आप हिमालय पर्वत श्रृंखला अर्थात् बंदरपंच, श्रीकांता, पिठवाड़ा और गंगोत्री समूह आदि के सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
कैमल बैक रोड
अगर आपको मसूरी में सनसेट देखना है तो आप कैमल बैक रोड जा सकते हैं। यह रोड कुलरी बाजार के बिल्कुल ही समीप है। बता दें, यह कैमल रॉक एक बैठे हुए एक ऊंट के जैसे लगती है। यहां से आप हिमालय में होते सूर्यास्त को काफी अच्छे से निहार सकते हैं।
भट्टा फाल
यह फाल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 कि॰मी॰ दूर स्थित है। पर्यटक बस या कार द्वारा यहां पहुंचकर आगे की 3 कि॰मी॰ दूरी पैदल तय करके झरने तक पहुंच सकते हैं।
धनोल्टी
टिहरी सड़क पर स्थित धनोल्टी एक शांत सी जगह है। यह जगह ऊंचे-ऊंचे देवदार वृक्षों व खूबसूरत फलों के बगीचों के कारण प्रसिद्ध है। शहर की भीड़ से दूर यहां के टूरिस्ट बंगले में समय बिताना अपने-आप में एक अलग तरह का अनुभव होगा। आप चाहें तो मसूरी के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में अपना समय बिता सकती है।इनके अतिरिक्त यमुना ब्रिज, चंबा, लखा मंडल व सुरखंडा देवी यहां के कुछ अन्य दर्शनीय स्थल हैं। अप्रैल के महीने में मसूरी आने पर लक्ष्मण सिद्ध मेला घूमना न भूलें। यकीनन यह आपको लंबे समय तक याद रहेगा
मसूरी-नागटिब्बा
अगर आप भी ट्रेकिंग के दीवाने है तो यहां तीन जगह ट्रेकिंग की जा सकती है।
मसूरी-नागटिब्बा
हमने ट्रेकिंग के मसूरी नागटिब्बा चुना। नागटिब्बा से हिमालय की चोटियां का शानदार दृश्य दिखाई देते है जो यकीनन आपके मन को मोह लेंगे। यहां से बरास्ता पंथवाड़ी, नैनबाग और कैम्पटी की कुल 62 कि॰मी॰ की दूरी कवर की जा
सकती है।
मसूरी-भद्रज
बरास्ता पार्क टोल-क्लाउड्स एंड, धुधली मसूरी से लगभग 15 कि॰मी॰ दूर यह ट्रेकिंग के लिए एक बेस्ट प्लेस है। मसूरी शहर के एकदम पश्चिमी क्षेत्र में स्थित भद्रज से दून घाटी, चकराता श्रृंखला और गढ़वाल हिमालय के जौनसर बालर क्षेत्र का शानदार दृश्य दिखाई देता है। भगवान बालभद्र को समर्पित भद्रज मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। प्रति वर्ष अगस्त माह के तीसरे सप्ताह (श्रावण संक्रांति) में यहां एक वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है।
मसूरी-धनोल्टी
26 कि॰मी॰ लंबे इस मार्ग पर हिमालय की चोटियों और घाटी के कुछ दिल दहलाने वाले दृश्य दिखाई देते हैं।
मोमोज
अगर आप खाने के शौक़ीन है तो मसूरी में आने के बाद आपकी चांदी ही चांदी है। क्योंकि आपको यहां खाने की कई वैरायाटी मिलने वाली है। मसूरी में आप नार्थ इंडियन फ़ूड और साउथ इंडियन फ़ूड का बखूबी मजा ले सकते हैं। अगर आप मसूरी मे हैं तो कुरली के मोमोज खाना तो बिल्कुल भी ना भूले।
शॉपिंग
घूमने के बाद बारी आती है शॉपिंग की सभी को पसंद होती है। मसूरी में आपको शॉपिंग के लिए काई चीजें मिलेगी जैसे गर्म कपड़े तिब्बती आर्टक्राफ्ट को भी खरीदा जा सकता है।और हां मसूरी की स्ट्रीट मार्केट में शॉपिंग करना बिल्कुल भी ना भूले क्योंकि वहां आपको ढेरो वैरायटी काफी वाजिब दामों में मिल सकती है।