भारत में बहु जातीय संस्कृति की झलक यहां बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों में साफ देखी जा सकती है। भारत का हर एक शहर, गांव-कस्बा अपने विविध भोजनों के लिए जाना जाता है। चाहे कश्मीर में खाए जाने वाला गरमा-गरम 'मटन रोगन जोश' हो या हैदराबाद की सड़कों की चमक बढ़ाती 'ईरानी चाय'। यूहीं नहीं भारत व्यंजनों के मामले में विश्व को टक्कर देता है।
यहां के स्वादिष्ट पकवानों को चखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं, यहां तक की भारतीय खाने के शौकीन कई विदेशी हमेशा के लिए भारत के ही होकर रह गए। 'नेटिव प्लानेट' की फूड सफारी में हमारे साथ जानिए भारत के कुछ चुनिंदा शहरों के लजीज व्यंजनों के बारे में, जिन्हें देखने भर से ही मुंह में पानी आ जाता है।
हैदराबाद की बिरयानी
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हैदराबाद शहर अपनी बिरयानी के लिए विश्व भर में जाना जाता है। यहां जितने प्रकार की बिरयानी बनाई जाती है, वो शायद भारत के किसी और राज्य में नहीं बनती होगी। यहां के ज्यादातर होटल्स, रेस्तरां अपनी लजीज बिरयानी के लिए ही जाने जाते हैं। यहां कई तरह की बिरयानी बनाई जाती है, जैसे चिकन, मटन, बीफ, फिश बिरयानी आदि। यहां तक कि यहां वेज बिरयानी भी बनाई जाती है। बिरयानी बनाने के लिए खास किस्म के चावलों का इस्तेमाल किया जाता है, जो आकार में काफी लंबे होते हैं। साथ ही यहां फ्रेश गोश्त का ही प्रयोग किया जाता है, जो बिरयानी की खूबसूरती और टेस्ट बढ़ा देते हैं।
हैदराबाद की ईरानी चाय
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हैदराबाद शहर अपनी बिरयानी के साथ-साथ स्पेशल चाय के लिए भी जाना जाता है। जिसे 'ईरानी चाय' कहते हैं। 'ईरानी' चाय को बनाने में खास तरह की विधि का इस्तेमाल किया जाता है। जो आम तरह की चाय बनाने से काफी अलग है। इस चाय का इतिहास काफी पुराना है। यह चाय ईरान के रास्ते पहले मुंबई फिर पुणे फिर बाद में हैदराबाद में आई। हैदराबाद में इसे इतना सम्मान मिला, कि अब यह चाय इस शहर की खासियत में शामिल हो गई है। आपको यहां ईरानी चाय के कई कैफे नजर आ जाएंगे। साथ ही आप इसका मजा सड़क किनारे बनी दुकानों में भी ले सकते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली
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देश की राजधानी दिल्ली अपने स्ट्रीट फूड्स की लिए दुनिया भर में जानी जाती है। यहां आप दही भल्ले, पराठे, बटर चिकन, रबड़ी, बादाम बर्फी आदि का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहां के पराठे इतने प्रसिद्ध हैं कि यहां एक 'पराठे वाली गली' भी मौजूद है, जहां कई तरह के पराठे बनाए जाते हैं। इसके अलावा आप यहां चटपटी चाट का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां कई ऐसे व्यंजनों का चलन है जिसका इतिहास कई सालों पुराना बताया जाता है। यहां मिलने वाला बटर चिकन, कभी 1950 के दशक में मोती महल, दरिजागंज में बनाया गया था और आज यह पूरे भारत में बनाया जाता है। वैसे दिल्ली का बटर चिकन काफी मशहूर है, इसलिए अगर आप दिल्ली आएं, तो इन स्ट्रीट फूड्स का आनंद जरूर लें।
कोलकाता का रसगुल्ला
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पश्चिम बंगाल का कोलकाता शहर अपने स्वादिष्ट गोल-गोल सफेद रसगुल्लों के लिए काफी प्रसिद्ध है। जिसे यहां मिठाईयों का राजा कहा जाता है। हर शुभ अवसरों पर इसका हाजिर होना लाज़मी है। यहां बनने वाले रसगुल्ले इतने स्वादिष्ट होते हैं कि इनके शौकीन एक बार में 20-30 रसगुल्ले खा डालते हैं। इन्हें बनाने के लिए शुद्ध खोए का इस्तेमाल किया जाता है। एक लंबी प्रकिया के बार इसे चाशनी में डुबो दिया जाता है। इसकी लोकप्रियता यहां से इतनी बढ़ी कि अब भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसका चलन शुरू हो गया है। लेकिन जो स्वाद आपको बंगाल के रसगुल्लों में मिलेगा वो और कहीं नहीं मिल ही नहीं सकता । यहां कई तरह के रसगुल्ले बनाए जाते हैं एक सफेद रसगुल्ला, गुड़ का बना रसगुल्ला और अब तो चॉकलेटी रसगुल्ले भी बनाए जाने लगे हैं।
टुंडे कबाब लखनऊ
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नवाबों का शहर लखनऊ अपनी बिरयानी के साथ-साथ यहां बनने वाले टुंडे कबाब के लिए प्रसिद्ध है। नॉन वेज खाने वालों का यह पसंदीदा व्यंजन है। लखनऊ आने वाला नॉन वेज का शौकीन इसे एक बार चखने की हसरत जरूर रखता है। इस खास कबाब को बनाने के लिए भैंस के गोश्त का इस्तेमाल किया जाता है। इस टुंडे कबाब को गलौटी कबाबा के नाम से भी जाना जाता है। टुंडे कबाब और भी कई तरह के बनाए जाते हैं जिसमें चिकन और मटन या पनीर का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे बनाने के लिए कई खास मसालों का प्रयोग होता है। यह पारंपरिक व्यंजन लखनवी कल्चर में शामिल है, जिसका इतिहास कई सालों का है। अगर आप भी नॉन वेज के शौकीन हैं, तो लखनऊ के टुंडे कबाब ट्राई कर सकते हैं।
बनारस की मलइयो
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भारत की धार्मिक नगरी बनारस अपने गंगा घाटों के साथ-साथ यहां बनने वाले पकवानों के लिए प्रसिद्ध है। शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि बनारस में एक ऐसी मिठाई बनाई जाती है, जिसमें ओस की बूंदों का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्वादिष्ट मिठाई का नाम है 'मलइयो'। यह मिठाई ओस के बगैर बन ही नहीं सकती है, इसलिए यह सिर्फ सर्दियों के मौसम में ही बनाई जाती है।
ऐसे बनती है मलइयो
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निखालिस दूध से बनी मलइयो को बनाने के लिए बड़े कड़ावों में कच्चे दूध को अच्छी तरह खौलाया जाता है, जिसके बाद इसे रात भर के लिए खुले आसमान के तले रख दिया जाता है। रात भर ओस पड़ने के कारण दूध में झाग बन जाते हैं। फिर इस दूध को मथा जाता है, फिर केसर, बादाम, मावा व इलायची डालकर कुल्हड़ में ग्राहकों को सर्व किया जाता है।
पुरी, सी-फूड
उड़ीसा राज्य समुद्र के किनारे बसा है। इसलिए यहां आपको भोजन में समुद्री चीज़े ज्यादा देखने को मिलेंगी। अगर आप सी-फूड के शौकीन हैं, तो उड़ीसा के पुरी शहर आ सकते है। यहां आप फ्रेश मछली, केकड़े, झींगों से बने लजीज भोजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां के समुद्री तटों के पास आप बेस्ट बंगाली व उड़िया भोजनों का आनंद उठा सकते हैं। यह शहर सी-फूड्स के साथ-साथ मिठाईयों के लिए भी जाना जाता है। यहां बनने वाला 'खाजा' काफी प्रसिद्ध है। इसे बनाने के लिए मैदा, चीनी व घी का इस्तेमाल किया जाता है। उड़ीसा के अलावा यह पश्चिम बंगाल और बिहार में भी बनाया जाता है।
पटना, लिट्टी चोखा
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लिट्टी-चोखा बिहार का पारंपरिक भोजन है, जिसे अब बड़ी-बड़ी पार्टियों में भी सर्व किया जाता है। इस भोजन का स्वाद लेने के लिए देश- दुनिया से लोग आते हैं। यह इतना हेवी फूड होता है कि आप इसे नाश्ते, लंच-डिनर में भी खा सकते हैं। इस आकार कुछ राजस्थान की बाटी जैसा होता है, पर यह उससे काफी अलग है, इसके अंदर सत्तू भरा जाता है। जिसे फिर आग पर रख पकाया जाता है। लिट्टी चोखा स्वादिष्ट बैंगन के चौखे के साथ खाया जाता है। बैंगन का चोखा बनाने के लिए बैंगन के साथ टमाटर, धनिया, मिर्च व कुछ चुनिंदा मसालों का इस्तेमाल किया जाता है।