भारत का उत्तर प्रदेश राज्य अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस राज्य के अधिकांश नगरों का इतिहास पौराणिक काल से मिलता है, और बहुत से नगर ऐसे हैं जिनका संबंध मुगल काल से रहा है। काशी, मथुरा, अयोध्या, इलाहबाद, कुशीनगर आदि ऐसे शहर हैं जिनके भ्रमण के लिए देश-विदेश से सैलानी यहां तक का सफर तय करते हैं।
इसी क्रम में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के एक ऐसे नगर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह है राज्य के ललितपुर जिले का 'देवगढ़ नगर'। जानिए पर्यटन के लिहाज से यह स्थल आपके लिए कितना खास है।
एक ऐतिहासिक नगर
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उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले स्थित देवगढ़ झांसी से लगभग 123 किमी की दूरी पर स्थित है। इस नगर का उल्लेख गुप्त, गुर्जर, प्रतिहार, मुगल और अंग्रेजों काल में काफी मिलता है। 1974 तक यह नगर झांसी जिले का भाग हुआ करता था। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यह नगर कभी जैनों का प्रमुख धार्मिक स्थल भी रह चुका है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां जैन धर्म से जुड़े 31 मंदिर मौजूद हैं। आइए जानते हैं इस नगर के कुछ प्रसिद्ध स्थानों के बारे में। जिनमें कई प्रसिद्ध मंदिर और किले भी शामिल हैं।
देवगढ़ का किला
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देवगढ़ अपने प्राचीन मंदिरों के साथ अपने ऐतिहासिक देवगढ़ के किले भी काफी प्रसिद्ध है। यह किला चंदेरी से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है। इस किले के अंदर भी आपको कई छोटे-बड़े जैन मंदिर दिख जाएंगे, जिनका निर्माण 9वीं से लेकर 10वीं शताब्दी के मध्य हुआ था। यहां आज भी प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती है।
इस अज्ञात किले से कुछ ही दूरी पर दशावतार मंदिर स्थित है जो अपनी आकर्षक मूर्तियों और नक्काशीदार स्तंभों के लिए काफी प्रसिद्ध है। अगर आप यहां आएं तो किले की सैर का आनंद लें। यहां की प्राचीन दीवारें बहुत कुछ कहती हैं।
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दशावतार मंदिर
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देवगढ़ के असंख्य जैन मंदिरों के बीच दशावतार मंदिर के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह ऐताहासिक मंदिर कभी पंचयत्न के नाम से भी जाना जाता था। इस ऐतिहासिक धार्मिक संरचना का संबंध गुप्त काल से बताया जाता है, गुप्त काल के दौरान ही इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ था जो उस काल की उत्कृष्ट वास्तुकला का साक्षी है। आप जैसी ही मंदिर में प्रवेश करेंगे आपको पवित्र गंगा और यमुना के खूबसूरत चित्र दिखाई देंगे।
इस प्रवेश द्वार के माध्यम से आप गर्भगृह को आसानी से देख सकते हैं। मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं। इसके अलावा मंदिर की मीनारें भी देखने योग्य हैं। मंदिर का माहौल काफी शांत भरा है। जहां आप आराम से बैठकर ध्यान-साधना कर सकते हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल
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देवगढ़ और दशावतार मंदिर स्थलों के अलावा भी देवगढ़ में देखने और दर्शन करने योग्य कई अन्य स्थल भी मौजूद हैं। आप यहां नीलकंठश्वेर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। घने जंगलों के बीच बसा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण चंदेल काल के दौरान किया गया था। भगवान शिव के इस मंदिर को शिव त्रिमुर्ति के नाम से जाना जाता है, इसके अलावा इसे पाली मंदिर भी कहा जाता है।
इसके अलावा आप यहां के 31 जैन मंदिरों को देख सकते हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। इन धार्मिक स्थानों से अलग यहां एक पुरातात्विक संग्रहालय भी मौजूद है। इस संग्रहालय में भी आप कई प्राचीन मूर्तियों को देख सकते हैं। यहां भारतीय इतिहास की बहुमुल्य कलाओं को सुरक्षित रखा गया है। देवगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में की गई पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों का यहां रखा रखा गया है।
कैसे करें प्रवेश
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ललितपुर जिले में स्थित देवगढ़ झांसी से काफी नजदीक है। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा ग्वालियर एयरपोर्ट है, जो यहां से लगभग 235 किमी की दूरी पर स्थित है। आप यहां तक आने के लिए रेल मार्ग का सहारा भी ले सकेत हैं।
जखलौन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा आप यहां सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कई शहरों से यहां तक के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है।
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