दिवाली के साथ साल के सभी पर्व खत्म हो जाते हैं, लेकिन उत्तर भारत में ऐसा कुछ कुछ नहीं होता, खासकर की प्रसिद्ध धार्मिक स्थान वाराणसी में तो बिल्कुल भी नहीं। ऐसा इसलिए क्यों कि,यहां दिवाली के ठीक 15 दिन प्रसिद्ध पर्व देव दिवाली यानी देव दीपावली मनायी जाती है।यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जब चांद पूरा होता है।
कब है देव दीपावली?
वर्ष 2017 में देव दीपावली 3 नवंबर को है...वाराणसी उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित है..इस नगरी में यह पर्व बेहद ही हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है। वाराणसी भारत के प्रसिद्ध धर्मिक स्थानों में से एक है। अगर आप हिन्दू संस्कृती और त्योहारों को एकदम करीब से देखना चाहते हैं तो वाराणसी जरुर जाएँ, जिसमे देव दीपावली भी एक है।
देव दीपावली भी दिवाली की तरह रोशनी का पर्व है...इस दिन पूरी वाराणसी दीयों की रोशनी से जगमगाती है। गंगा नदी के घाट दिये और लैम्प की रोशनी में सराबोर बेहद ही खूबसूरत नजर आते हैं। दक्षिणी हिस्से के रविदास घाट से लेकर दूसरी ओर राज घाट तक चारो ओर जिधर भी नजर घुमायो तो बस दीयों की रोशनी ही नजर आती है।
इसी के साथ इस दिन लाखो श्रद्धालु गंगा नदी के पावन जल में डूबकी लगाकर भगवान से मोक्ष की कामना करते हैं। शाम के वक्त यहां गंगा आरती होती है, जिसमे लाखो भक्त हिस्सा लेते हैं।
देशभक्ति वाली देव दीपावली
धार्मिक त्यौहार के अलावा इस वाराणसी में शहीद जवानों को भी याद किया जाता है। देव दीपावली के दौरान गंगा सेवा निधि संगठन के लोग एक प्रोग्राम आयोजित करते हैं, जहां शहीद वीर जवानों को श्रधांजली अर्पित की जाती है।
कैसे जायें वाराणसी?
वाराणसी कैसे पहुंचे वाराणसी तक एयर द्वारा, ट्रेन द्वारा और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते है।
कैसे पहुंचे काशी
हवाई जहाज द्वारा बाबतपुर विमानक्षेत्र (लाल बहादुर शास्त्री विमानक्षेत्र) शहर के केन्द्र से 24कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और इस एयरपोर्ट से चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, खजुराहो, बैंगकॉक, बंगलुरु, कोलंबो एवं काठमांडु आदि देशीय और अंतर्राष्ट्रीय शहरों की उड़ाने उपलब्ध है।
ट्रेन द्वारा
उत्तर रेलवे के अधीन वाराणसी जंक्शन एवं पूर्व मध्य रेलवे के अधीन मुगलसराय जंक्शन नगर की सीमा के भीतर दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। इनके अलावा नगर में16 अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क द्वारा
वाराणसी सभी राजमार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एन.एच.-2दिल्ली-कोलकाता राजमार्ग वाराणसी नगर से निकलता है। इसके अलावा एन.एच.-7जो भारत का सबसे लंबा राजमार्ग है, वाराणसी को जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, मदुरई और कन्याकुमारी से जोड़ता है।