पश्चिम बंगाल के कोलकाता से लगभग 587 किमी की दूरी पर स्थित कुर्सेओंग राज्य के चुनिंदा सबसे खूबसूरत पर्वतीय स्थलों में गिना जाता है। पहाड़ियों से घिरा यह खूबसूरत हिल स्टेशन समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुर्सेओंग कभी उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम का एक भाग हुआ करता था, लेकिन भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान यह पश्चिम बंगाल की सीमा के अंतर्गत आ गया ।
चूंकि यह एक शानदार पहाड़ी स्थल था तो अंग्रेजों ने इसे विकसित करने की सोची, उन्होंने यहां सड़कों का निर्माण करवाया और कुर्सेओंग को एक शानदार हिल स्टेशन के रूप में बदल दिया। आज यह स्थल राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन गंतव्य है। जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से कुर्सेओंग आपके लिए कितना खास है।
ईगल क्रेग
PC- Neil Satyam
पहाड़ी पस बसा ईगल क्रेग कुर्सेओंग का सबसे चुनिंदा व्यू प्वांइट है जहां से आप खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। ईगल क्रेग पहुंचने के लिए आपको कुर्सेओंग ने नैरो लने लेनी होगी जहां से लगभग 25 मीनट तक पैदल सफर के बाद आप इस व्यू व्वांइट तक पहुंच सकते हैं। ईगल क्रेग ने न आप पहाड़ी चोटियों का आनंद ले सकते हैं बल्कि सिलीगुड़ी के खूबसूरत मैदानों को भी देख सकते हैं।
यहां शाम के वक्त का नजारा देखने के लिए होता है। ढलती शाम को देखने के लिए बहुत से सैलानी यहां बैठकर इंतजार करते हैं। शांत समय बिताने के लिए यह जगह एक आदर्श विकल्प है।
डॉव हिल
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कुर्सियांग हिल स्टेशन कई पहाड़ियों में फैल हुआ है। उनमें से एक पहाड़ी है डॉव हिल । डॉव हिल का एक बड़ा हिस्सा घने जंगल से ढंका है जहां तेंदुए जैसे जंगली जानवर भी रहते हैं। हालांकि यहां के जानवरों ने गांव के किसी इंसान को चोट नहीं पहुंचाई है। फिर भी एक गांव वालों के मन में एक डर सा बना रहता है। यह पहाड़ी अपने सुंदरता के साथ-साथ अन्य आकर्षणों का घर भी है।
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अम्बोतिया शिव मंदिर
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पहाड़ी खूबसूरती के अलावा कुर्सेओंग अपनी कई धार्मिक स्थानों के लिए भी जाना जाता है। अम्बोतिया शिव मंदिर यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां दर्शन के लिए आसपास के लोगों के अलावा सैलानी भी आते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए आपको चाय के बागानों से नीचे उतरकर कच्ची सड़क के सहारे जंगल की तरफ आगे बढ़ना होगा। आगे पहुंच कर आपको 20 मीनट का और समय लगेगा। यह एक स्थानीय हिन्दू मंदिर है जहां भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।
यहां ज्यादातर चाय के बागानों में काम करने वाले स्थानीय लोग दर्शन के लिए आते हैं। लोगों का मानना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है।
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चाय के बागान
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चाय के बागान कुर्सेओंग के मुख्य आकर्ण का केंद्र हैं। यहां की पहाड़ियां आपको इन्हीं हरे भरे चाय के बागान से सजी दिखेंगी। ये बागान यहां के स्थानीय लोगों के लिए मुख्य आय का श्रोत्र हैं, दिहाड़ी और मासिक आधार पर यहां मजूदर काम करत हैं, कुछ इस तरह चलता है इनका काम। बागानों की देखरेख से लेकर चाय की पत्तियां इक्ट्टा करना जैसा काम इन मजदूरों को करना होता है।
इन टी गार्डन की वजह से यहां की पहाड़ियों ज्यादा खूबसूरत दिखाई देती हैं। आप इन स्थानीय लोगों से मिलकर यहां का इतिहास और चाय के बागानों के विषय में और भी जानकारी ले सकते हैं ।
डॉव हिल जलाशय
PC- Kunalkrishna008
डॉव हिल में एक बड़ा जलाशय मौजूद है जहां बारिश का पानी इकट्टा किया जाता है। आधुनिक और प्राकृतिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इस जलाशय का निर्माण किया गया है। इस जलाशय में इकट्ठा हुआ बारिश का पानी आसपास के क्षेत्रों में जल स्रोत के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह जलाशय काफी खूबसूरत वन वनस्पत्तियों से घिरा हुआ है।
इसका दृश्य किसी चित्र समान नजर आता है। देवदार और शंकुधारी पेड़ इस जलाशय की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा यह स्थान एक शानदार पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है। अगर आप इस बीच यहां का प्लान बनाएं तो यहां की सैर का आनंद जरूर लें।