ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब उत्तराखंड सरकार राष्ट्रीय उद्यानों की तरफ रूख कर रही है। वन्यजीव सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथी सफारी पर रोक लगा दिया है। अब पर्यटक देश के पहले नेशनल पार्क में इस खास सफारी का रोमांच भरा अनुभव नहीं ले पाएंगे। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा यह बड़ा फैसला हाल ही में वन्यजीव सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस लेख के माध्यम से जानिए इस फैसले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।
हाथी सफारी पर क्यों लिया गया बड़ा फैसला ?
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जानकारी के अनुसार यह बड़ा फैसला हाथी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए लिया गया है। हाईकोर्ट ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत यह नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि जानवरों पर हो रहे अत्याचार को लेकर मूक दर्शक न बनी रहे। कोर्ट ने सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
पार्क की गाड़ियों भी की गई सीमित
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हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने हाथी सफारी पर रोक लगाने का फैसला लिया है, साथ ही राष्ट्रीय उद्यान की गाड़ियां भी 100 तक सीमित कर दी गई है। इसके साथ ही उद्यान प्रशासन को हाथियों की सही से देखभाल और समय समय पर पूरा चेकअप करने का भी निर्देश जारी किया गया है। सरकार के इस बड़े फैसले का वाइल्ड लाइफ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है।
देश सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान
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उत्तराखंड के नैनीताल स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क देश का पहला टाइगर रिजर्व परियोजना के तहत स्थापित(1936) राष्ट्रीय उद्यान है। इसके अलावा यह देश का सबसे पुराना नेशनल पार्क भी है। लगभग 520 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र में फैला यह उद्यान जैव विविधता के मामले में समृद्ध रिजर्व क्षेत्र है, जहां आप वनस्पतियों के साथ-साथ वन्यजीवों की भी विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, हाथी, जंगली बिल्ली, हिरण आदी को देख सकते हैं।
इसके अलावा आप यहां कई स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों को देखने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां वन्यजीवन को करीब के देखने के लिए जीप सफारी का रोमांच भरा आनंद ले सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
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रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास बसा एक छोटा सा शहर है, जो दिल्ली, नैनीताल, मुरादाबाद और बरेली जैसे बड़े उत्तरी भारतीय शहरों से सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस शहर से आप कुछ घंटे का सफर तय कर नेशनल पार्क तक पहुंच सकते हैं। यहां से रामनगर रेलवे स्टेशन कुछ ही कि.मी पर स्थित है।
सड़क मार्ग: बेहतर सड़क नेटवर्क के माध्यम से रामनगर उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कॉर्बेट नेशनल पार्क राजधानी शहर दिल्ली से 237 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, दिल्ली, नैनीताल, हल्दवानी और मुरादाबाद से राष्ट्रीय उद्यान तक के लिए राज्य सरकार द्वारा कई बसों का संचालन किया जाता है।
रेलवे: आप जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर रेलवे स्टेशन के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली, बरेली और मुरादाबाद से यहां तक के लिए आपको नियमित ट्रेनें मिल जाएंगी। आप कॉर्बेट लिंक एक्सप्रेस, रानीखेत एक्सप्रेस और काठगोदाम एक्सप्रेस का सहारा ले सकते हैं।
हवाई मार्ग : जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है, यहां का नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून स्थित जॉली ग्रांट और दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।