बैंगलोर में करने वाली 10 चीज़े, जिसे जानने के बाद आप खुद को नहीं रोक पाएगें
बैंगलोर शहर पुराने और नए को बेजोड़ मेल है। हालांकि इस शहर में अब भीड़ और प्रदूषण भी बहुत ज्यादा है। सालभर बैंगलोर का मौसम काफी सुहावना रहता है। ये शहर भारत के सभी हिस्सों और अंतर्राष्ट्रीय जगहों से जुड़ा हुआ है। इस शहर में कन्नड़ भाषा बोली जाती है और यहां पर हर इंसान को कम से कम दो भाषाएं तो आती ही हैं।
गुलाबी मौसम में मन को लुभाते बैंगलोर के आस-पास के पर्यटन स्थल
वीकेंड पर घूमने के लिए बैंगलोर के आसपास कई जगहें हैं। बैंगलोर एक ऐसा शहर के जिसके पास घूमने के लिए एक नहीं बल्कि कई सारी खूबसूरत जगहें और उन्हीं में से एक है मेल्कोटे। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का जन्मस्थान है मेल्कोटे। बैंगलोर से वीकेंड पर आप यहां आ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं बैंगलोर से मेल्कोटे के रोड ट्रिप के बारे में।
बैंगलोर से मेल्कोटे के लिए दो रूट बनते हैं।
पहला रूट : बैंगलोर - वादियुर - मेल्कोटे (148 किमी)
इस रूट पर एनएच 75 और एनएच 150 ए से मेल्कोटे पहुंचे।
रूट 2 : बैंगलोर - रामनगर - मद्दुरू - मंड्या - मेल्कोटे (159 किमी)
इस रूट पर एनएच 275 से होते हुए आपको रास्ते में कई खूबसूरत स्थान नज़र आएंगें।
तो चलिए बैंगलोर से मेल्कोटे तक इसी रूट पर चलते हैं।
सफर में 160 किमी तय करने के बाद आप कई खूबसूरत स्थानों पर रूक सकते हैं। बेहतर होगा कि आप अपना सफल सुबह जल्दी शुरु करें ताकि आप सफर का पूरा मज़ा ले सकें और आराम से किसी भी जगह पर अपने मन मुताबिक समय बिता सकें।
मेल्कोटे
मेल्कोटे में कई खूबसूरत मंदिर स्थापित हैं जो अपने प्राचीन ऐतिहासिक काल की दास्तान को बयां करते हैं। मेलकोटे में छेलुवा नारायण मंदिर और यदुगिरी पर्वत पर स्थित योग नरसिम्हा मंदिर लोकप्रिय स्थल हैं। यहां पर आप मेलकोटे वन्यजीव अभ्यारण में पशु-पक्षियों की अनेक प्रजातियां भी देख सकते हैं।
सुबह सफर की शुरुआत जल्दी करने पर आप कामत पैलेट कॉर्नर और कुडला रेस्टोरेंट पर रूक कर साउथ इंडियन व्यजंनों का लुत्फ उठा सकते हैं। सके अलावा आप श्रीवारी वेज फास्ट फूड और केबीआर फास्ट फूड भी जा सकते हैं।
नाश्ते के बाद अगली मंजिल शहर से 54 किमी दूर स्थित रामनगर है। बेंगलुरू और माईसुरू के बीच पड़ती है सिल्क सिटी रामनगर। इसके साथ ही पूरे एशिया में रामनगर में ही सबसे ज्यादा कोकून सिल्क मार्केट हैं। इस जगह पर फिल्म शोले की शूटिंग भी हो चुकी है। रामनगर में ग्रेनाइट की सबसे प्राचीन संरचना पर ट्रैकिंग करने का मज़ा ही कुछ और है। इसके बाद अगली जगह है मद्दुरू।
मद्दुरू
रामनगर से 35 किमी दूर स्थित है मद्दुरू। लगभग 662 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है मद्दुर। ये शिमशा नदी के तट पर है। मद्दुर को भारत की कोकोनट कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है।
मद्दुरू का इतिहास सदियों पुराना है। ये जगह महाभारत काल से भी जुड़ी हुई है। किवदंती है कि द्वापर युग के अंत निकट आने पर पांच पांडवों में से एक अर्जुन ने भगवान कृष्ण के नरसिंह अवतार को देखने की इच्छा जताई जिससे कृष्ण जी ने इंकार कर दिया। तब ब्रह्मा जी ने अर्जुन के लिए एक मूर्ति बनाई।
मद्दुरू के उग्र नरसिंह मंदिर में उग्र नरसिंह मूर्ति की पूजा की जाती है। मंदिर में दर्शन के बाद आपका अगला स्टॉप मद्दुरू से 18 किमी दूर मंड्या होगा। मंड्या को सक्कारे नाडु भी कहा जाता है। श्री वरदराज मंदिर और श्री पट्टाभीराम मंदिर जैसे दो मंदिरों के लिए मंड्या प्रसिद्ध है।
एनएच 150 ए पर मंड्या से 53 किमी दूर है मेल्कोटे। मेल्कोटे में कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं जिन्हें आपको जरूर देखने चाहिए।
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योग नरसिम्हा मंदिर
यदुगिरी पर्वत की चोटि पर स्थित है योग नरसिम्हा मंदिर। होयसला शासन के दौरान बने इस मंदिर को आप दूर से ही देख सकते हैं। भगवान योग नरसिम्हा को समर्पित इस मंदिर में हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद द्वारा मूर्ति को स्थापित किया गया है। ये मंदिर नरसिम्हा के सात प्रमुख मंदिरों में से एक है।
चेलुवनारायण मंदिर
ये मंदिर भी यदुगिरी पर्वत पर स्थित है।। भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर अत्यंत प्राचीन है। वैष्णव समुदाय का ये प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। किवदंती है कि इस स्थान पर भगवान राम अपने पुत्र कुश के साथ आए थे और उन्होंने भगवान नारायण की आराधना की थी। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को संपथ कुमारांद और रामप्रिय के नाम से जाना जाता है। मंदिर में देवी को यदुगिरी नचियार के रूप में पूजा जाता है।
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राय गोपुरा
इतिहास प्रेमियों के लिए राय गोपुरा आकर्षण का मुख्य केंद्र है। विजयनगर राजवंश द्वारा बनाए गए इस मंदिर की संरचना अधूरी है। कहा जाता है कि इस मंदिर को एक रात में ही बनाया गया था और इसमें 4 जटिल नक्काशी भी की गई है किंतु मंदिर में एक भी स्तंभ नहीं है। इस जगह पर कई दक्षिण भारतीय और बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।PC: Philanthropist 1
थोंडानुर झील
मान्यता है कि यहां पर स्थित थोंडानुर झील को स्वामी रामानुज द्वारा बनाया गया था। इस झील के आसपास पद्मगिरी पर्वत है, टीपू गुफाएं और रामानुज गंगे नामक झरना बहता है। इस झील के पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि एक बार टीपू सुल्तान भी इस झील पर आए थे और इसके साफ और मोती से चमकते पानी को देखकर उन्होंने इसका नाम मोती तालाब रख दिया था जिसका मतलब है मोतियों की झील।PC:sai sreekanth mulagaleti
वानप्रस्थ आश्रम
2010 में इस्कॉन द्वारा इस आश्रम की स्थापना की गई थी। यक एक उपदेश केंद्र होने के साथ-साथ वैदिक वृद्धाश्रम भी है।
मेल्कोटे में कहा ठहरें
अगर आप मेल्कोटे में रूकने की सोच रहे हैं तो मंड्यम श्रीवैष्ण्णव सभा में श्रद्धालुओं को कम कीमत में रहने के लिए जगह मिल जाती है। होटल और रिजॉर्ट की सुविधा के लिए आपको मैसूर रोड़ा जाना पड़ेगा। आप अंबले हॉलीडे रिजॉर्ट और होटल ली रूचि, द प्रिंस और होटल मयूरा रिवरव्यू में भी ठहर सकते हैं।