राज्य की पांरपरिक सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है खूबसूरत अजमेर शहर। इस शहर में अनेक शानदार किले और इस्लामिक स्थल हैं। अरावली की पहाडियों में रॉयल सिटी जोधपुर" loading="lazy" width="100" height="56" />राजस्थान राज्य की पांरपरिक सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है खूबसूरत अजमेर शहर। इस शहर में अनेक शानदार किले और इस्लामिक स्थल हैं। अरावली की पहाडियों में रॉयल सिटी जोधपुर
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प्राचीन शहर होने के बाद भी इसका आकर्षण कम नहीं हुआ है और इस शहर की अनूठी संस्कृति और अनेक पंरपराएं आज भी प्रचलित हैं। आज भी इस शहर में मुगल काल की कई इमारतें मजबूती से खड़ी हैं। जोधपुर से अजमेर पहुंचने में लगभग 4.5 घंटे का समय लगता है।
अजमेर आने का बेहतर समय
मॉनसून यानि जुलाई से सितंबर तक का समय इस पवित्र शहर में आने का सबसे सही समय है। इस दौरान इस शहर में हर ओर हरियाली फैली रहती है। कभी-कभी ये जगह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती है।
सर्दियों में अक्टूबर से मार्च तक अजमेर का मौसम बहुत बढिया रहता है इसलिए इस दौरान भी यहां घूम सकते हैं। गुलाबी मौसम में यहां आकर पर्यटकों को मन मंत्रमुग्ध हो जाता है।
गर्मी के मौसम में बिलकुल भी अजमेर ना आएं क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और इतनी गर्मी में पर्यटकों का घूम पाना बहुत मुश्किल होता है।Pc:Billyakhtar
कैसे पहुंचे अजमेर
जोधपुर से अजमेर की दूरी काफी कम है इसलिए यहां कोई फ्लाइट नहीं चलती है। यहां आने का सबसे सही माध्यम सड़क मार्ग है क्योंकि इससे आप सफर के बीच पड़ने वाली खूबसूरत जगहों को भी देख सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा : जोधपुर से अजमेर तक के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं।
बस मार्ग द्वारा : राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम और निजी बस चालकों द्वारा अजमेर और जोधपुर के बीच सुविधाजनक और लग्जरियस बसें चलाई जाती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा : अजमेर को जोधपुर से तीन नेशनल हाईवे जोड़ते हैं। ये सड़के पूरी तरह से व्यवस्थित हैं और इन दो शहरों के बीच सफर करने के लिए ये माध्यम सबसे बेहतर भी है।Pc:Shahrukhalam334
रूट मैप
रूट 1: जोधपुर - जैतारण - बेवाड़ - अजमेर
205 किमी की इस दूरी को तय करने में लगभग 4 घंटे का समय लगेगा।
रूट 2 : जोधपुर - जैतारण - बाबरा - बेवाड़ - अजमेर
218 किमी की इस दूरी को तय करने में लगभग 4 घंटे 30 मिनट का समय लग सकता है।
रूट 3: जोधपुर - पाली - बेवाड़ - अजमेर
इस रूट से राजस्थान के इन दो शहरों के बीच सफर 251 किमी लंबा है और इसमें आपको 4 घंटे 15 मिनट का समय लग सकता है।
छोटा और सीधा होने के कारण आपको पहले रूट से जाना चाहिए।
जोधपुर से जैतारण
राजस्थान के पाली जिले में स्थित है जैतारण। यहां पर ऐतिहासिक स्थलों से लेकर सांस्कृतिक आकर्षणों की भरमार है। साथ ही यहां पर हर उम्र के लोग एडवेंचर और मनोरंजक कार्य कर सकते हैं।
जैतारण की धरती पर शेर शाही सूरी और राव मालदेआ राठौड़ के बीच कई युद्ध लड़े गए हैं। जैतारण में भवल देवी का भवल मंदिर, गायत्री मंदिर और कुड़की के राजा की पुत्री मीराबाई का जन्मस्थान कुडकी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।Pc:Piyush Tripathi
बेवाड़
बेवाड़, राजस्थान के विकासशील शहरों में से एक है और ये अरावली की पहाडियों में बसा है। ऊन और कालीन ग्रेड यार्न के साथ यह सबसे बढ़िया और सामरिक व्यापार केंद्र है।
बेवाड़ सीमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक और इसकी मिट्टी कई खनिज भंडारों में समृद्ध है। बेवाड़ का सबसे अधिक लोकप्रिय स्थल है जिसमें चांग गेट जोकि एक व्यस्ततम मार्केट और ट्रांस्पोर्ट हब है।
अंतिम गंतव्य - अजमेर
अजमेर शहर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है और ये जगह राजस्थान के लोगों के बीच खास के महत्व रखती है। यहां पर संत मोइनुद्दीन चिश्ती की याद में उनकी पुण्यतिथि पर उर्स उत्सव का आयोजन किया जाता है। हिंदुओं और जैनियों के बीच अजमेर धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि यहां पर कई शानदार मंदिर मौजूद हैं।
दरगाह शरीफ
अजमेर के धार्मिक स्थलों में से एक है दरगाह शरीफ। इसमें बुलंद दरवाजा जैसे कई स्मारकों की सुविधा है। हर साल कई पर्यटक और श्रद्धालु इसके दर्शन करने आते हैं। जहालरा का पानी पहले पानी का प्रमुख स्रोत हुआ करता था और आज भी इस जगह पर इसके पानी से कई तरह की रस्में की जाती हैं।Pc:Shahnoor Habib Munmun
तारागढ़ किला
चाणक्य राजवंश द्वारा बनवाया गया तरागढ़ किले को एशिया का सबसे पहला पहाड़ी किला कहा जाता है। अरावली की पहाडियों में स्थित इस किले से अजमेर शहर का मनोरम नज़ारा दिखाई देता है। इस किले के तीन दरवाजे हैं और इसमें कई सुरंगें भी हैं। तारागढ़ किले में एक विशाल घाटी इसका प्रमुख आकर्षण है।Pc: Daniel Villafruela.
मैगज़ीन म्यूजियम
राजकुमार सलीम के शाही महल को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है और यहां पर अब आप राजस्थान के समृद्ध इतिहास की झलक देख सकते हैं। संग्रहालय में कई प्राचीन मूर्तियां और कवच रखे गए हैं जो मुगल काल और राजपूत शासन की याद दिलाती हैं।
Pc:Suryansh Singh (DarkUnix)
अना सागर झील
12वीं शताब्दी में बनाई गई अना सागर एक आर्टिफिशियल झील है जिसका नाम पृथ्वी राज चौहान के दादा अनाजी चौहान के नाम पर रखा गया है। यह झील भारत में मानव निर्मित सबसे बड़ी झीलों में से एक है। अना सागर झील के पास प्रसिद्ध खोबरा बहरून मंदिर और दौलत बाग गार्डन है।Pc:Logawi
अजमेर में एडवेंचर का मज़ा
अजमेर शहर पर्यटकों को लाजवाब रहन-सहन, खाना और खरीदारी के विकल्प उपलब्ध कराता है। यहां दरगाह बाज़ार, नल्ला बाज़ार और महिला जैसी जगहों पर राजस्थान की पारंपरिक चीज़ों की खरीदारी कर सकते हैं। इन लोकल मार्केट में आपको राजस्थान के स्वादिष्ट व्यंजन भी खाने को मिलेंगें।Pc:A Vahanvati