भारत मन्दिरों का देश है, जिन्हें देखने और घूमने हर साल लाखों की तादाद में भक्त और श्रद्धालु पहुंचते हैं। भारत में कई ऐसे मंदिर है, जो सिर्फ श्रधालुयों के बीच मंदिर के रूप में प्रसिद्ध नहीं है बल्कि अपने शांतिपूर्ण माहौल वातावरण प्रदान करने के साथ साथ, उस जगह के इतिहास आदि से भी रूबरू कराते हैं।
झारखंड के भारत के उन राज्यों मे से है, जो सैकड़ों प्राकृतिक और ऐतिहासिक चमत्कारों का घर होने के बावजूद आज भी पर्यटकों की बाट जोह रहा है। तो क्यों ना इन छुट्टियों में झारखंड के इतिहास और वहां के प्राचीन मन्दिरों कि खूबसूरती को जाना और समझा जाये?
तो आइये जानते हैं, झारखण्ड के सदियों पुराने मन्दिरों से लेकर नवनिर्मित मन्दिरों के बारे में, जिन्हें आपको बतौर यात्री बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए
मालुती मंदिर
Pc: Moongo.in
दुर्भाग्य की बात है कि आज ये मंदिर खतरे में पड़े विरासत स्थलों की सूचि में शामिल हैं। आज इनकी मरम्मत और देखभाल ठीक से न होने की वजह से 108 मंदिरों में से 36 मंदिर ध्वस्त हो चुके हैं। हालाँकि 72 मंदिर अभी भी मौजूद हैं पर इनमें से कई बुरी हालत और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद हैं। वास्तुकला के ऐसे शानदार नमूनों को देखना और इनकी सुंदरता को कैद करना अपने में ही एक उत्साहिक कार्य है। ऐसी आकर्षक और ऐतिहासिक जगह की सैर करना तो एक बार ज़रूरी ही है।
हरिहर धाम
Pc:Vsvinaykumar2
झारखंड के गिरीडीह जिले में स्थित हरिहर धाम पर्यटकों और हिंदू भक्तों के बीच विशाल शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, इस मंदिर में संसार का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है जिसकी ऊँचाई 65 फीट है। 25 एकड़ में फैला हुआ यह मंदिर नदी से घिरा हुआ है। इस बड़े शिवलिंग को पूरा करने में तीस साल लगे थे। पूरे देश से भक्त गण, श्रावण मास की पूर्णिमा को इस मंदिर में आते हैं इसके अलावा पर्यटक, साल भर यहाँ आते रहते हैं। यहां मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में महा शिवरात्रि शामिल हैं।
बैद्यनाथ मंदिर
Pc:Ravishekharojha
जगन्नाथ मंदिर
Pc:Ms Sarah Welch
झारखंड की राजधानी रांची में स्थित जगन्नाथ मंदिर हिंदुयों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण करीबन 17 शताब्दी में हुआ था। एक उंची छोटी सी पहाड़ी पर स्थित जग्गनाथ मंदिर से आसपास की खूबसूरती को अच्छे से निहारा जा सकता है, जो मंदिर की शांति और मजबूती को बनाए रखने में मदद करती है।
भगवान विष्णु के रूप में भगवान जगन्नाथ को समर्पित, मंदिर की स्थापत्य शैली ओडिशा राज्य के पुरी जगन्नाथ मंदिर जैसी है। यदि आप इस स्थान के समृद्ध इतिहास की खोज करना और अपने गौरवशाली अतीत के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस मंदिर को अवश्य देखें।
दिउड़ी मंदिर
Pc:TribhuwanKumar
किंवदंतियों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जो भी मंदिर के वास्तुकला को बदलने की कोशिश करता है, वह निश्चित रूप से देवताओं और देवी द्वारा दंडित किया जाएगा। तो क्यों ना इस बार मां दिउड़ी मंदिर का दौरा करने और इसकी किंवदंतियों और संरचनात्मक गठनके बारे में में जाना जाये।
बिंदुधाम
, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती,को समर्पित मंदिर है, मंदिर के उपरी छोर पर हनुमान की बड़ी मूर्ति स्थापित है। मंदिर के प्रमुख द्वार पर, सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित है। नवरात्र के अवसर पर इस मंदिर में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ को देखा जा सकता है। यह झारखंड के एक प्राचीन मंदिर " loading="lazy" width="100" height="56" />देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती,को समर्पित मंदिर है, मंदिर के उपरी छोर पर हनुमान की बड़ी मूर्ति स्थापित है। मंदिर के प्रमुख द्वार पर, सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित है। नवरात्र के अवसर पर इस मंदिर में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ को देखा जा सकता है। यह झारखंड के एक प्राचीन मंदिर
श्री श्री कलिका महारानी मंदिर
Pc: ashiyan Estate Developers
झारखण्ड के बोकारो में में स्थित और देवी काली को समर्पित, श्री श्री कालिका महाराणी मंदिर राज्य के सुंदर डिजाइन किए गए मंदिरों में से एक है। यह झारखंड का नवनिर्मित मंदिर है, जहां त्यौहार और पर्व के दौरान पर्यटकों का तांता लगा रहता है। बोकारो की यात्रा के दौरान इस मंदिर को अवश्य निहारे, इस मंदिर की वास्तुकला सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।