राजस्थान एक अर्ध रेगिस्तान क्षेत्र हैं , लेकिन यहां वनस्पति उद्यान है,जिन्हें कई वन्य जीव पाए जाते हैं। इन्ही में से एक है कुम्भलगढ़ है, जो मध्ययुगीन काल के दौरान मेवाड़ और मारवाड़ राज्य के बीच विभाजन रेखा, कुम्भलगढ़ शाही महाराजाओं के लिए एक प्रसिद्ध शिकार का मैदान हुआ करता था, हालांकि बाद में वर्ष 1971 में इस शाही शिकार क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया था।
अभयारण्य की बीहड़ स्थलाकृति, और पूर्व में 3,478 फुट ऊँची पहाड़ियां इस क्षेत्र को और भी खूबसूरत बनाती है। पूर्वी पहाड़ियों में स्थित इस क्षेत्र का बनस नदी पानी का इकलौता स्त्रोत है। यह अभ्यारण्य अरावली पर्वतमाला को ढकते हुए राजसमन्द ,उदयपुर और पाली ज़िले को घेरा हुआ है।
कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य संरक्षण के अपने प्रबल प्रयासों के लिए जाना जाता है। यह चौसिंगा (चार सींग वाले मृग), सुस्ती भालू, पेंजर्स और तेंदुए का घर है, जोकि वन्य जीवन की प्रचुरता के साथ हरे वनस्पति से भरपूर है।
कब आयें कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी
गर्मियों के दौरान राजस्थान बेहद ही गर्म रहता है, इसलिए गर्मियों के दौरान इस जगह की यात्रा करने से बचना चाहिए। इस जगह की सैर करने के लिए सर्दियों का मौसम (दिसम्बर-मार्च)सबसे उचित है, इस दौरान पर्यटक कई जानवरों को देख सकते हैं। मानसून के दौरान भी सी जगह की सैर की जा सकती है, इस दौरान सब कुछ काफी हर भरा रहता है।Pc: Soumiaiims
कैसे पहुंचे कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी
हवाईजहाज द्वारा
कुम्भलगढ़ का नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर है, जोकि यहां से करीबन 168 किमी की दूरी पर स्थित है, हवाई अड्डे पहुँचने के बाद यहां से टैक्सी या कैब द्वारा कुम्भल गढ़ पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन द्वारा
कुम्भलगढ़ का नजदीकी रेलवे स्टेशन रानी है जो कुम्भलगढ़ से करीबन 35 किमी की दूरी पर स्थित है। पर्यटक यहां से बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क द्वारा
कुम्भलगढ़ राजसमन्द से 48 किमी और जोधपुर से 207 किमी और 345 किमी जयपुर से दूर स्थित है। इन तीनों ही जगह से यात्री बस द्वारा आसानी से कुम्भलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पहुंच सकते हैं।
Pc:Rajasthan State Forest Department
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य अरावली रेंज के विस्तार पर स्थित है। कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य कई पशु पक्षियों की प्रजाति का घर है। पर्यटक इस वन्य जीव पार्क में जीप सफारी का भी मजा ले सकते हैं, जोकि कुम्भलगढ़ से ठंडी बेरी तक की होती है, जिसे 3:30 घंटे में पूरा किया जा सकता है।Pc:Dr. Raju Kasambe
रणकपुर जैन मंदिर
रणकपुर जैन मंदिर वन्य जीव सेंचुरी के अंत में स्थित है, जिसे आपको अवश्य घूमना चाहिए। रणकपुर जैन मंदिर को जैनियों के पांच महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी ओर स्थित यह मंदिर भगवान आदिनाथ जी को समर्पित है। हल्के रंग के संगमरमर का बना यह मन्दिर बहुत सुंदर लगता है। किंवदंतियों के अनुसार, एक जैन व्यापारी सेठ धरना शाह और मेवाड़ के शासक राणा खम्भा द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मन्दिर के मुख्य परिसर चमुखा में कई अन्य जैन मंदिर शामिल हैं। PC: Christopher Walker
कुम्भलगढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किले के बाद कुम्भलगढ़ मेवाड़ का दूसरा सबसे बड़ा किला है, जोकि 3600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। किले को वन्य जीव पार्क की पहाड़ियों से देखा जा सकता है। इस किले का निर्माण मेवाड़ के राणा सांगा द्वारा किया गया था और यह किला राणा प्रताप का जन्मस्थान भी है।Pc:Antoine Taveneaux
जोबा वुल्फ पॉइंट
सदरी से सात किमी की दूरी पर जोबा गांव भेड़ियों के निवास स्थान के लिए जाना जाता है, जोकि करीबन 500 हेकटेयर में फैला हुआ है।Pc:Rudraksha Chodankar
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