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ओणम के पर्व में केरल की रोमांचक बोट रेस

केरल के रोमांचक सांप नाव दौड़ (वल्लम काली) का लंबा इतिहास है। ओणम त्योहार के मौसम में 400 साल पुराने पारंपरिक जल क्रीड़ा आयोजित किए जाते हैं।

By Goldi

केरल के रोमांचक सांप नाव दौड़ (वल्लम काली) का लंबा इतिहास है। ओणम त्योहार के मौसम में 400 साल पुराने पारंपरिक जल क्रीड़ा आयोजित किए जाते हैं। पुराने समय में एलेप्पी (अलाप्पुझा) के राजाओं द्वारा इस खेल को आयोजित किया जाता था, जो इन नौकाओं के माध्यम से लड़ते थे।

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साँप नौका (चंदन वल्लम) को उनके डोंगी आकार से नाम मिला है, इस नाव में करीबन 100 लोग आराम से बैठ सकते हैं..केरल के त्योहारों के दौरान विभिन्न नाव दौड़ आयोजित की जाती हैं। जोकि अगस्त से शुरू होकर सितम्बर में खत्म होती हैं। इस दौरान हजारों लोग इस पर्व का लुत्फ उठाने के लिए वहां पहुंचते हैं और इस पर्व का आनंद उठाते हैं।

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प्रत्येक नाव की दौड़ केरल के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाती है; जिसका अपना इतिहास और परंपराएं हैं केरल के अद्भुत बैकवाटर में नावों की दौड़ में विभिन्न रंगीन नावें दिखाई देती है।खास बात यह है कि,भगवान के इस देश में इस खेल को देखने के लिए हजारों की तादाद में पर्यटकों की भीड़ जमा होती है।

चंपककुलम मुलम बोट रेस

चंपककुलम मुलम बोट रेस

अंबलाप्पुजा चंपककुलाम मुलम केरल में एक प्राचीन नाव (वल्लम काली) की दौड़ है। पौराणिक कथायों के मुताबिक, कि इस मंदिर में जो कृष्णा की मूर्ति की स्थापना हो रही थी, वह अशुभ थी,जिसके बाद करिकुलम मंदिर से एक अन्य मूर्ति मंगाई गयी और उसकी स्थापना की अरणमुला के मंदिर में गयी ।चंपककुलाम मुलम नाव की दौड़ केरल में ओणम त्योहार के दौरान आयोजित की जाती है।

प्रेसिडेंट ट्रॉफी रेस

प्रेसिडेंट ट्रॉफी रेस

प्रेसिडेंट ट्रॉफी रेस कोल्लम में अष्टमुडी झील में आयोजित की जाती है। इस रेस का आयोजन हर साल 1 नवंबर को होता है, इस दिन केरल राज्य का जन्मदिन मनाया जाता है। इस ट्रॉफी का नाम प्रेसिडेंट ट्रॉफी इसलिए है..क्यों कि इस दिन इस बुका दौड़ को देखने खुद राष्ट्रपति पहुंचते हैं, साथ ही जीतने वाले को ट्रॉफी भी प्रदान करते हैं।

अरनमुला बोट रेस

अरनमुला बोट रेस

अरनमुला अर्नामुला बोट रेस केरल में सबसे पुरानी दौड़ है। अरनमुला शहर में इसे दो दिन आयोजित किया जाता है। एक नाव दौड़ के अलावा, यह एक परम्परा है कि,नाव की दौड़ अरनमुला परथासारथी मंदिर तक होगी। विशेषता है कि ओर्समेन गाने गाते हैं और लय के साथ नाव ले जाते हैं। केरल में इस नाव की दौड़ पाम्पा नदी के किनारे आयोजित होती है, जिसे हजारों की तादाद में लोग देखने पहुंचते हैं।

कुमारकोम बोट रेस

कुमारकोम बोट रेस

कुमारकोम श्री नारायण गुरु की यात्रा का जश्न मनाने के लिए कुमारकोम बोट रेस आयोजित किया जाताहै। अन्य नाव दौड़ के विपरीत, यहां इरटुकुट्टी नौकाओं (लड़ाकू नाव) दौड़ के लिए उपयोग की जाती है। इस दौड़ में सांप की नौकाओं को महत्व नहीं दिया जाता है, बल्कि इस रेस में एक ही कतार में करीबन 50 लोग नाव चलाते हैं।

नेहरू ट्रॉफी बोट रेस - पूननामदा झील

नेहरू ट्रॉफी बोट रेस - पूननामदा झील

हर साल अगस्त के दूसरे शनिवार को आयोजित केरल में प्रसिद्ध साँप नाव दौड़ में से एक है। कहानी यह है कि जब प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने केरल दौरा किया था, तो एलेप्पी के लोगों ने एक अचानक नाव की दौड़ का आयोजन किया । उनके प्रदर्शन से प्रभावित होकर नेहरूजी ने विजेताओं के लिए एक ट्रॉफी प्रदान की। इसलिए, नेहरू ट्रॉफी बोट रेस का नाम 8 अगस्त को नेहरु ट्रॉफी बोट रेस ने केरल के इस साल की नाव दौड़ की शुरुआत हुई।

काल्डा बोट रेस

काल्डा बोट रेस

कल्लादा नदी केरल जलोत्सवम केरल में अभी तक एक और लोकप्रिय नाव की दौड़ है। यह घटना मुनरो थुरुथु में कल्लादा नदी पर होती है, जिसका आयोजन ओणम के 28वें दिन होता है। केरल की बोट रेस नाव दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।

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