बौद्ध धर्म भारत के प्राचीन श्रमण धर्मों में से एक है, जिसकी स्थापना भगवान गौतम बुद्ध ने की थी। गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी, नेपाल में हुआ था, जिन्होंने अपना अंतिम समय बिहार के कुशीनगर में बिताया था। गौतम बुद्ध पूरे जीवन भर सत्य की राह पर चले, जिन्होंने अपने अंतिम समय तक लोगों को जीवन का सही मार्ग चुनने में मदद की।
आज भी भारत में बुद्ध से जुड़े कई स्मारक, मंदिर मौजूद हैं जहां आप बुद्ध के जीवन से जुड़ी अहम बातों को जान सकते हैं। आज हमारे साथ जानिए भारत में स्थित बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े कई साक्ष्य मौजूद हैं।
महाबोधि मंदिर
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महाबोधि मंदिर, भारत के बिहार राज्य के बोध गया में स्थित है। यह वो स्थान है जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह स्थान महाबोधि विहार के नाम से भी जाना जाता है। बौद्ध अनुयायियों के लिए यह जगह महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान मानी जाती है। जहां देश-विदेश से लोग यहां के दिव्य परिवेश में कुछ समय बिताने के लिए आते हैं। अब यह जगह यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कर दी गई है। यहां बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित है। माना जाता है यह मूर्ति उसी स्थान पर है जहां बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
महापरिनिर्वाण मंदिर
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महापरिनिर्वाण मंदिर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर शहर में स्थित है। यहां पुरातत्व खुदाई (1876 ) के दौरान गौतम बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी विशाल प्रतिमा निकाली गई थी। चुनार के बलुआ पत्थर को काटकर बनाई गई यह प्रतिमा 5वीं शताब्दी की बताई जाती है। भगवान बुद्ध की यह मूर्ति सीधी करवट लिए हुए है। अब यह स्थान एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बन चुका है। जहां दूर-दूर से सैलानी इस विशाल प्रतिमा के दर्शन के लिए आते हैं।
धामेक स्तूप
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भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा एक और स्थान धामेक स्तूप जो उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित है। वाराणसी से यहां तक का सफर लगभग 13 किमी में तय किया जा सकता है। बुद्ध को समर्पित इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था । इस स्मारक को बनवाने के लिए भारी मात्रा में ईंट रौड़ी-पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। इस स्तूप की ऊंचाई 43.6 मीटर है। बता दें कि यह सारनाथ बौद्ध से जुड़े प्रमुख तीर्थों में शामिल है, जहां दूर-दूर से लोग मानसिक व आत्मिक शांति के लिए यहां आते हैं। सारनाथ वो स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था।
नामद्रोलिंग न्यिंगमापा मोनेस्ट्री
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कर्नाटक राज्य के मैसूर स्थित नामद्रोलिंग न्यिंगमापा मोनेस्ट्री दुनिया के बड़े बौद्ध शिक्षण संस्थानों में शामिल है। जहां पांच हजार से भी ज्यादा लांबा रहते हैं। आधयात्मिक रूप से इस स्थान का बहुत ज्यादा महत्व है। जहां आज भी परंपरागत बौद्ध शिक्षा प्रदान की जाती है। विश्व के कोने-कोने से यहां बौद्ध अनुयायी धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के आते हैं। यहां आप बौद्ध से जुड़ी कई अनकही बातों को जान और समझ सकते हैं। यहां का वातावरण अपनी शांति के लिए जाना जाता है। जहां आपको हजारों की संख्या में बौद्ध अनुयायी दिख जाएंगे।
हेमिस लद्दाख
हेमिस लद्दाख का सबसे प्रसिद्ध मठ है, जो मुख्य शहर लेह से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यह विशाल बौद्ध मठ 1672 में राजा सिंघे नामग्याल द्वारा बनाया गया था। जो अब बौद्ध धर्म के लोगों के लिए मुख्य स्थानों में से एक माना जाता है। यह मठ अपने वार्षिक त्योहार के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। आज हेमिस लद्दाख के मुख्य आकर्षणों में से एक माना जाता है। जिसे देखने के लिए सैलानियों का तांता लगता है।