देश में 6 वां सबसे बड़ा शहर, जिसे पहले मद्रास के नाम से जाना जाता था, और ब्रिटिश राज के समय से एक प्रमुख शहर है,जिसे हम अब चेन्नई के नाम से जानते हैं। यह शहर सांस्कृतिक विरासत, कला और वास्तुकला से बेहद समृद्ध है, जो जगह में कुछ जादुई आकर्षण को जोड़ता है।
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आप इस शहर की यात्रा के दौरान यहां कई संग्रहालयों, कला दीर्घाओं, मंदिरों, नृत्य कार्यक्रमों, संगीत समारोहों आदि को देख सकते हैं।
चेन्नई के आस पास लीजिये इन पर्यटक स्थलों का मजा
चेन्नई आकर्षक प्राचीन और औपनिवेशिक ऐतिहासिक शहर है,जिसमे कई खूबसूरत संग्रहालयों आदि हैं। जो चेन्नई के इतिहास के कई हिस्सों और समय के पारित होने के साथ प्रभावित प्रभावों का वर्णन करते हैं। इसी क्रम में हम आपको अपने लेख से बताने जा रहे हैं,कुछ ऐसे म्यूजियम के बारे में जो ना सिर्फ इतिहास में रूचि रखने को वालों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, साथ ही उन लोगो को जो चेन्नई के अतीत को करब से जानने की इच्छा रखते हैं।
रुक्मिणी देवी संग्रहालय
रुक्मिणी देवी संग्रहालय चेन्नई के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जोकि कलाक्षेत्र के संस्थापक रुक्मिणी देवी अरुंडेल की स्मृति में बनाया गया है। इस म्यूजियम में पर्यटक उनके द्वारा एकत्र किया गया सामान देख सकते हैं। इसके अलावा यहां कई सारे वस्तुएं देखी जा सकती हैं,जैसे साड़ी,लेखन सारिणी, कटलरी और क्रॉकरी आदि। इसके अलावा यहां बहुत सारी तस्वीरें , कांस्य मूर्तियों आदि हैं, जो पर्यटकों के लिए संजो कर रखी गयी हैं।Pc: ImpuMozhi
एगमोरे सरकारी संग्रहालय
एगमोरे सरकारी संग्रहालय ज्ञान का अद्भुत भंडार है, जो चेन्नई के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शामिल है। वर्ष 1851 में निर्मित, यह भारत का दूसरा सबसे पुराना संग्रहालय है और यह ऐतिहासिक महत्व का एक ढांचा है, जिसे वास्तुकला के इंडो-सरैसेनिक शैली में निर्मित है। इस संग्रहालय में राजा रवि वर्मा के कुछ दुर्लभ और सबसे लोकप्रिय चित्र आदि भी रखे हुए हैं, साथ ही यहां प्राचीन दक्षिण भारत के कुछ उत्कृष्ट बौद्ध अवशेष और सिक्के भी देखे जा सकते हैं।
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रीजनल रेलवे म्यूजियम
भारत में रेलवे का इतिहास काफी पुराना है,चेन्नई दक्षिणी रेलवे का मुख्यालय है, तो आप अपनी चेन्नई की यात्रा के दौरान आप यहां स्थित रेलवे संग्रहालय की यात्रा अवश्य करें।
6.5 एकड़ में फैली इस परिसर में पर्यटक बड़ी संख्या में खिलौना गाड़ियां, भाप इंजन और कोच आदि को देख सकते हैं, जोकि ब्रिटिश राज के दौरान बनाए गए थे।इस संग्रहालय की एक यात्रा के दौरान आप पराने दिनों की ट्रेनों को देख सकते हैं, और समझ सकते हैं, पुराने समय में ट्रेने कैसे दिखती थी।Pc: Destination8infinity
विवेकानंदर
मरीना बीच एक सामने स्थित राजसी बर्फ घर, जिसका निर्माण 1 9वीं शताब्दी में बर्फ का भंडार करने के लिए बनाया गया था,जिसे व्यवसायी फ्रेडरिक ट्यूडर द्वारा उत्तर अमेरिका से लाया गया था। किन्ही कारणों से वर्ष 1880 में यह बर्फ भंडार बंद हो गया है,जिसके बाद इस इमारत को एक स्थानीय अमीर व्यक्ति ने पुननिर्माण कर इसका नाम कैसल केर्नन कर दिया।
वर्ष 1897 में जब पश्चिम से वापस आने के बाद स्वामी विवेकान्द करीब 9 दिन तक यहां रुके थे। जिसके बाद वर्ष 1963 में इस इमारत का नाम बदलकर विवेकानंदर इल्लम रख दिया, अब यह इमारत एक म्यूजियम में तब्दील हो चुका है,जिसमे प्राचीन भारत के कुछ अमूल्य कलाकृतियों,जीवन और शिक्षाओं की स्थायी प्रदर्शनी आदि है, और इस म्यूजियम में एक ऐसा खंड भी है,जिसमे राष्ट्रीय विरासत में तमिल नाडू के योगदान को समझाया गया है।Pc:SriniG
अदार लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर
थियोसॉफिकल सोसाइटी के परिसर में स्थित अदार लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर की शुरुआत सिर्फ 200 किताबों से हुई थी, जो संस्थापक हेनरी स्टील ओल्कोट के निजी संग्रह का हिस्सा थी। वर्तमान में यह जगह सिर्फ एक लाइब्रेरी से बड़ी हो चुकी है और इसमें दुनिया भर से कुछ दुर्लभ प्राच्य पांडुलिपियां और किताबें रखी हुई हैं।Pc:officialy page