राजस्थान स्थित अजमेर एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी धार्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह शहर प्रसिद्ध अरावली पर्वत श्रेणी पर स्थित है। जो चौहान राजा अजयराज सिंह द्वारा बसाया गया था। यहां मुख्यत : श्रद्धालु ख्वाजा साहब की दरगाह और पवित्र पुष्कर झील के दर्शन के लिए आते हैं। देश-दुनिया से लोग गरीबनवाज एवं दरगाह शरीफ के नाम से विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार में मत्था टेकने के लिए आते हैं।
दरगाह के ऐतिहासिक दरवाजें देखने लायक हैं। काफी बड़े क्षेत्र पर बनी यह दरगाह राजस्थान में मुख्य आकर्षणों में गिनी जाती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि अजमेर में सिर्फ ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर झील ही प्रसिद्ध है, यहां और भी कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिन्हें आप अपनी अजमेर यात्रा में शामिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन खास स्थानों के बारे में।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा
PC- Varun Shiv Kapur
राजस्थान के अजमेर स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक ऐतिहासिक मस्जिद है, जिसका निर्माण 1192 में मोहम्मद ग़ोरी के निर्देश पर कुतुब-उद-दीन ऐबक ने करवाया था। यह मस्जिद 1199 में पूरी तरह बनकर तैयार हो गई थी।
इस मस्जिद का नाम यहां चलने वाले ढ़ाई दिन के उत्सव (उर्श) के कारण पड़ा । कई जानकारों मानना है कि यहां पहले संस्कृत स्कूल हुआ करता था, जिसका निर्माण राजा बंसलदेव ने करवाया था। जिसके बाद यहां मोहम्मद ग़ोरी ने पाठशाला को हटाकर मस्जिद का निर्माण करवाया।
मस्जिद के निर्माण में खूबसूरत वास्तुकला का इस्तेमाल करवाया गया है। अजमेर की यात्रा के दौरान आप अढ़ाई दिन का झोंपड़ा देख सकते हैं।
आना सागर
PC- Fatehrawkey
अढ़ाई दिन का झोपड़ा देखने के बाद अगर आप चाहें तो अजमेर की आना सागर झील देख सकते हैं। यह एक बेहद ही खूबसूरत कृत्रिम झील है जिसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान के पिता आणाजी चौहान ने करवाया था। आणाजी से नाम पर ही इस झील का नाम आना सागर पड़ा।
झील के आसपास का इलाका बेहद खूबसूरत है, जहां का दौलत बाग देखने लायक है, जिसका निर्माण जहांगीर ने करवाया था। इस पार्क को सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। आप इस झील में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
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सोनीजी की नसिया
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सोनीजी की नसिया भी देखने लायक स्थान है। यह अजमेर स्थित बेहद खूबसूरत जैन मंदिर है, जिसे चैत्यालय भी कहा जाता है। इन जैन मंदिर का निर्माण सन् 1865 में सेठ बहादूर राय ने मूलचंद सोनी ने करवाया था।
यह मंदिर जैन तीर्थकर आदिनाथ को समर्पित है। यह मंदिर आकर्षक वास्तुकला का बेहद शानदार उदाहरन है।
खूबसूरत स्तंभों और नक्काशी से सजाया गया यह मंदिर सैलानियों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। अजमेर की यात्रा के दौरान आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
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पुष्कर सरोवर
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इसके अलावा आप चाहें तो विश्व विख्यात पुष्कर झील का भ्रमण कर सकते हैं। यह झील हिन्दू आस्था का एक बड़ा केंद्र है। भारत के पांच पवित्र सरोवर में पुष्कर झील की भी गिनती होती है।
विशेष अवसरों पर यहां श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आते हैं। इसके अलावा पुष्कर अपने प्रसिद्ध पशु मेले के लिए भी जाना जाता है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
यह पवित्र स्थान ब्रह्मा जी से विशेष संबंध रखता है। अजमेर घूमने आए सैलानी इस झील के दर्शन अवश्य करते हैं। यहां आप ऊंट की सवारी का रोमांचक आनंद ले सकते हैं।
तारागढ़ दुर्ग (ठेठ राजपूती किला)
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उपरोक्त स्थानों के अलावा अगर आप चाहें तो प्रसिद्ध तारागढ़ दुर्ग की सैर का आनंद ले सकते हैं। इस दुर्ग को 'बुंदी का किला' भी कहा जाता है। यह किला अढ़ाई दिन की झोपड़ी से बेहद नजदीक में स्थित है। जिसके लिए आपको तारागढ़ की पहाड़ी की 700 फीट की चढ़ाई चढ़नी होगी।
इस ऐतिहासिक किले का निर्माण राजा अजय पाल चौहान ने 11वीं सदी में करवाया था। यह राजस्थान के उन किलों में शामिल है जिसकी संरचना पर मुगलिया प्रभाव नहीं पड़ पाया।
यह पूरा किला राजपूती अंदाज में बनवाया गया था। दूर्ग में प्रवेश के लिए तीन विशाल द्वारों का निर्माण करवाया गया था। यहां आप खूबसूरत वास्तुकला और नक्काशी का अद्भुत मेल देख सकते हैं।