बेगूसराय पूर्वी भारतीय राज्य बिहार का एक खूबसूरत शहर है, जिसे राज्य का 'इंड्रस्ट्रीयल कैपिटल' भी कहा जाता है। शहर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है एक 'बेगम' और दूसरा 'सराय', सराय यानी की ठहरने या विश्राम करने के लिए बनाया गया स्थान। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि भागलपुर की रानी यहां गंगा के तट पर पूजा-अनुष्ठान करने के लिए आया करती थीं और शहर को इसका नाम इसी प्रकार प्राप्त हुआ।
यह शहर राज्य का एक बड़ा जिला है जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए ज्यादा जाना जाता है, इसके अलावा आप यहां कई शानदार प्राकृतिक स्थलों को भी देख सकते हैं। पर्यटन के लिहाज से यह एक आदर्श स्थल है, जहां आप कई खूबसूरत दर्शनीय स्थलों को अपनी यात्रा डायरी में शामिल कर सकते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए यह शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
काबर झील पक्षी अभयारण्य
बेगूसराय भ्रमण की शुरुआत आप यहां के खूबसूरत काबर झील पक्षी अभयारण्य से कर सकते हैं। यह न सिर्फ शहर का बल्कि राज्य के सबसे खूबसूरत पक्षी अभयारण्य और पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां रोजाना दूर-दराज के सैलानी इस स्थल के मनमोहक वातावरण का आनंद लेने और पक्षी विहरा के लिए आता हैं। यह अभयारण्य लगभग 63.11 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, जहां आप 59 प्रकार के प्रवासी और 106 स्थानीय प्रजातियों के पक्षियों को देख सकते हैं।
चूंकि यह झील के आसपास बसा है तो आप यहां मछलियों की 30 से ज्यादा प्रजातियों को देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं। इस स्थल को पक्षी अभयारण्य का दर्जा बिहार सरकार ने 1984 में दिया था।
बेगूसराय संग्रहालय
प्राकृतिक स्थलों की सैर के बाद आप यहां के सबसे खास पर्यटन स्थल बेगूसराय संग्रहालय की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह शहर का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है, जहां आपको इतिहास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजें देखने को मिल जाएंगी। इस संग्रहालय के माध्यम से आप बिहार और प्राचीन भारत के कई अहम पहलुओं को समझ सकते हैं। बेगूसराय संग्रहालय की स्थापना 1981 में की गई थी। बेगूसराय की संस्कृति को समझने का सबसे आदर्श स्थल यह म्यूजियम है। यहां गौतम बुद्ध के, भगवान गणेश के, सूर्य देवता और भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्तियां संग्रहित हैं।
इसके अलावा पाल - मौर्य साम्राज्य और ब्रिटिश काल के के सिक्के और अन्य प्राचीन वस्तुएं मौजूद हैं। इसके अलावा आप यहां पांडुलिपियां और मिट्टी से बनी प्राचीन आकृतियों को भी देख सकते हैं।
नौलखा मंदिर
बेगूसराय भ्रमण के दौरान आप यहां का प्रसिद्ध नौलखा मंदिर देखना न भूलें। शहर के ह्रदय स्थल में स्थित यह मंदिर शहर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां रोजाना श्रद्धालुओं की अच्छी खासी कतार लगती है। यह एक प्राचीन मंदिर है जो काफी खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। नौलखा का मतलब होता है कि नौ लाख।
जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान महंत डियर दास द्वाया किया गया था। जिसके बाद 192 में इस मंदिर के आकर्षक बनाने का जिम्मा यहां के महंत महावीर दास ने लिया। यहां की मुख्य देवी को आप आभूषणों से सजा देख सकते हैं। धार्मिक अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
जयमंगला गढ़ मंदिर
बेगूसराय के प्रसिद्ध मंदिरों में आप यहां के जयमंगला गढ़ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो मंजहौल गांव में स्थित है। जयमंगला गढ़ मंदिर एक धरोहर स्थल है जो पुरातात्विक महत्व भी रखता है। इस मंदिर को शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के अनुसार यह मंदिर पाल साम्राज्य के काल से संबंध रखता है।
मंदिर के अंदर आप भगवान विष्णु की एक प्रतिमा भी देख सकते हैं। इस गांव में एक बड़ा बाजार भी है, जहां बड़े स्तर पर आर्थिक लेनदेन होता है। काबर झील पक्षी अभयारण्य इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
अजातशत्रु का किला
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध ऐतिहासिक अजातशत्रु का किला देख सकते हैं। यह किला बेगूसराय के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जानकार के अनुसार इस फोर्ट का निर्माण छठी शताब्दी के दौरान मगध के राजा अजातशत्रु ने बनाया था। अजातशत्रु, बिंबसार के पुत्र थे जो एक मगध के एक शक्तिशाली राजा थे।
माना जाता है कि अजातशत्रु बौद्ध और जैन धर्म दोनों का अनुसरण करते थ। और इन्होने ही पाटलीपुत्र(आधुनिक बिहार) को खड़ा किया था। यह किला वर्तमान में अब एक खंडहर के रुप में स्थित है।