झारखंड स्थित गुमला राज्य का एक खूबसूरत स्थल है, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी महत्व रखता है। गुमला राज्य के छोटा नागपुर पठार के दक्षिणी भाग में स्थित है। घने जंगलों, नदी-झरनों और पहाड़ियों से घिरा यह स्थल खनिज संपदा से काफी संपन्न है। यहां से बहने वाली दक्षिण कोयल, उत्तरी कोयल और संख नदी इस स्थल को संवारने का काम करती है।
इस स्थल से एक पौराणिक किवदंती भी जुड़ी है, माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म यहीं हुआ था। जानकारी के अनुसार यहां भगवान हनुमान और उनकी माता को समर्पित एक मंदिर भी मौजूद है। गुमला का इतिहास बताता है कि यह स्थल मध्यकाल से जुड़ा हुआ है, जब यहां नाग राजवंश का शासन चला करता था। गुलमा देवनंदन सिंह के साम्राज्य के अंतर्गत आता था।
यह स्थल ब्रिटिश शासन के दौरान लोहरदगा जिले का हिस्सा था, जिसे 1843 में बिशुनपुर का हिस्सा बना दिया गया था। गुमला 1902 में रांची के अंतर्गत एक उपखंड बना और 1984 में इसे रांची से अलग कर एक स्वतंत्र जिला बनाया गया। जानिए पर्यटन के लिहाज से यह स्थल आपको किसा प्रकार आनंदित कर सकता है।
अंजन
अंजन झारखंड के गुमला जिले के अंतर्गत एक खूबसूरत नगर है, जो चेनपुर, घागरा, टोटो और रायदीह से घिरा हुआ है। इस नगर का नाम भगवान हनुमान की मां 'अंजनी' के नाम पर रखा गया है। पौराणिक किवदंतियों के अनुसार, यह नगर ही भगवान हनुमान का जन्म स्थान है।
यहां एक अंजनी गुफा भी मौजूद है, जो यहां के लोकप्रिय स्थलों में गिनी जाती है। यह गुफा यहां की पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इसी गुफा में एक मंदिर भी बना हुआ है, जहां माता अंजनी के साथ बाल हनुमान की प्रतिमा बनी हुई है। अंजन के आसपास आप देवकी मंदिर, सदनी जलप्रपात, समसेरा धाम, माधव कोना आदि स्थलों पर भी जा सकते हैं।
हापमुनी
अंजन के अलावा आप यहां हापमुनी स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं, हापमुनी एक प्राचीन गांव है, जो घाघरा ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यह गांव अपने महामाया मंदिर के लिए जाना जाता है, जहां दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण नाग राजवंश के 22वें राजा गजघाट रे ने करवाया था। मंदिर के अलावा आप इस प्राचीन गांव का भ्रमण कर सकते हैं, यहां की लोक कला संस्कृति को करीब से देख सकते हैं।
बाघमुंडा जलप्रपात
गुमला के पर्यटन स्थलों की श्रृंखला में आप बाघमुंडा जलप्रपात की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह जलप्रपात यहां के प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट में गिना जाता है, जहां पर्यटक समय बिताना काफी पसंद करते हैं। यहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के पर्यटकों का भी आगमन होता है।
यह जलप्रपात यहां स्थित एक पुराने जगन्नाथ मंदिर के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, माना जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन कलिंग शैली में किया गया है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
टांगीनाथ
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां प्राचीन और बेहद आकर्षक स्थल टांगीनाथ की सैर का प्लान बना सकते हैं। गुमला जिले के अंतर्गत टांगीनाथ एक खास स्थल है, जहां आप आकर्षक वास्तुकला के काम और प्राचीन और मध्यकाल से जुड़ी कलाकृतियां देख सकते हैं। इस स्थल पर कई शताब्दी पुराना एक त्रिशूल भी मौजूद है। यह स्थल शिवस्थली के नाम से भी जाना जाता है, जहां आप टांगीनाथ मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर यहां की पहाड़ी पर बना है, जो खूबसूरत वास्तुकला और कलाकृतियां को प्रदर्शित करता है। मंदिर परिसर में 100 से ज्यादा शिवलिंग बने हुए हैं।
कैसे करें प्रवेश
गुमला झारखंड का एक प्रसिद्ध स्थल है, जहां आप परिवहन के तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं, यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा रांची एयरपोर्ट है, रेल मार्ग के लिए आप लोहरदगा रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से गुलमा राज्य के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।