दक्षिण भारत का कर्नाटक राज्य प्राचीन संपदाओं से भरा पड़ा है, यहां इतिहास से जुड़ी कई अद्वितीय संरचनाओं को उनके प्रारंभिक रूप में देखा जा सकता है। बैंगलोर से लगभग 500 किमी की दूरी पर स्थित ऐहोल कुछ ऐसा ही प्राचीन दृश्य दिखाने का का काम करता है। कर्नाटक का छोटा सा गांव ऐहोग आश्चर्यचकित कर देने वाली कृतियों का घर है। यहां आप अतीत से जुड़े कई गुफा मंदिरों को देख सकते हैं।
पांचवी शताब्दी के दौरान चालुक्य शैली में बनाए गए कई शानदार रॉक कट मंदिर यहां मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए विश्व भर से सैलानी यहां तक का सफर तय करते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए ऐहोल के सबसे शानदार प्राचीन मंदिरों के बारे मे।
लड खान मंदिर
PC- Meesanjay
लड खान मंदिर ऐहोल के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है लेकिन इसका नाम किसी मुस्लिम राजकुमार के नाम पर रखा गया था। इस मंदिर का निर्माण चालुक्य काल के दौरान कुछ अलग ही शैली में किया गया था। उस काल में बने बाकी मंदिरों की तुलना में इस मंदिर की वास्तुकला काफी भिन्न है।
देखने में भले ही यह उनका भव्य न हो पर पत्थर को काटकर बनाई गई आकृतियों को यहां आसानी से देखा जा सकता है। अतीत की कुछ अलग झलक देखने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
दुर्गा मंदिर
PC- Ms Sarah Welch
ऐहोल की प्राचीन रॉक कट मंदिरों मे सबसे खास यहां स्थित दुर्गा मंदिर माना जाता है, 7वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया यह मंदिर आज भी अपनी मजबूत संरचना के साथ खड़ा है। माता दुर्गा को समर्पित इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया था। इस मंदिर के नाम को लेकर भी कई भ्रम बने हुए हैं, बहुतों का मानना है कि इस सरंचना का नाम देवी दुर्गा के नाम पर पड़ा, जबकि अन्य का मानना है कि दुर्ग (किला) से निकट होने के कारण इसका नाम दुर्गा पड़ा।
बेलनाकार आकृति की यह संरचना अपने स्तंभों के साथ काफी आकर्षक नजर आती है। अगर आप इतिहास के साथ-साथ कला में भी दिलचस्पी रखते हैं तो यहां आ सकते हैं।
रावण पद्दी गुफा मंदिर
PC- Meesanjay
भगवान शिव को समर्पित आप यहां एक और मंदिर देख सकते हैं। रावण पद्दी गुफा मंदिर यहां के मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है। सैंडस्टोन के काट कर बनाया गया यह मंदिर देखने का काफी अद्भुत नजर आता है। यह गुफा मंदिर थोड़े ऊंचे स्थल पर बना हुआ है, जहां सीढ़ियों की मदद से पहुंचा जा सकता है।
रावण पद्दी गुफा मंदिर न सिर्फ कर्नाटक के बल्कि भारत के चुनिंदा खास रॉक कट मंदिरों में शामिल है। बड़ी खूबसूरती से तराशे गए स्तंभ और दीवार भगवान की कहानियां सुनाते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 550 ईस्वी में कया गया था।
ज्योतिर्लिंग समूह
रावण पद्दी गुफा मंदिर से कुछ ही दूरी पर कुछ मंदिर स्थित हैं जिन्हें ज्योतिर्लिंग समूह के नाम से जाना जाता है। इन मंदिरों में से दो की छत समतल है, और बाकी के अंदर गर्भगृह और फ्रंट हॉल बना है। इन मंदिरों में चालुक्य काल के मीनारे और शिलालेख मौजूद हैं। ज्योतिर्लिंग समूह के कुछ मंदिर खंडहर अवस्था में मौजूद हैं, जबकि कुछ आज भी अपनी प्रारंभिक अवस्था के साथ खड़े हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों का निर्माण 8वीं से लेकर 10वीं शताब्दी के बीच किया गया था।
मेगुती जैन मंदिर
PC- Ms Sarah Welch
उपरोक्त मंदिरों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मेगुती जैन मंदिर को देख सकते हैं। चट्टानी पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का निर्माण 643 वर्ष के दौरान किया गया था । मंदिर अपनी मीनारों और स्तंभों के साथ पर्यटकों को काफी हद तक प्रभावित करने का काम करता है।
चूंकि मंदिर ऊंचाई पर स्थित है इसलिए आप मंदिर की छत से आसपास के अद्भुत नजारे देख सकते हैं। इतिहास और कला मे दिलचस्पी रखने वाले यहां आ सकते हैं।