मानसून लगभग शुरू हो चुका है, अब ऐसे में बारी है एक ऐसे स्थान की, जहां बारिश का भी आनंद आ जाए और प्राकृतिक सौंदर्य का भी। अधिकतर पर्यटक कुछ ऐसा ही डेस्टिनेशन पसंद करते हैं, जहां जाकर वे प्राकृतिक सुंदरता के बीच घिरे रहे। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपातों के बारे में, जहां जाकर आप अपने आपको चारों ओर से प्रकृति के गोद में बैठा हुआ पाएंगे। इनकी सुंदरता और खूबसूरती आपको इनका होने पर मजबूर कर देगी।
1. कुंचिकल जलप्रपात (कर्नाटक)
कर्नाटक, अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां स्थित कुंचिकल जलप्रपात इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। जी हां, कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित यह जलप्रपात (झरना) भारत का पहला और एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यह देश में सबसे कम देखे जाने वाले झरनों में से एक है। इस झरने के नीचे उच्च शक्ति वाली बिजली प्रदान करने के लिए एक जल विद्युत संयंत्र बनाया गया है। मानसून में बारिश के कारण यहां कई और झरने का निर्माण हो जाता है, जिससे ये जगह और भी सुंदर बन जाती है। यह झरना करीब 455 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यहां आप जुलाई से सितंबर के बीच कभी भी जा सकते हैं।
2. बरेहीपानी जलप्रपात (उड़ीसा)
ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित बरेहीपानी जलप्रपात (झरना) भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है। करीब 400 मीटर ऊंचे इस झरने की सुंदरता बारिश में देखते बनती है। यह झरना सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में पड़ता है। यह झरना बुधबलंग नदी के प्रवाह मार्ग पर बना है जो मेघासुनी पर्वत के ऊपर से होकर बहती है। घने जंगलों से घिरे होने के चलते बारिश में यह इतनी सुंदर दिखती है कि मानो जैसे जिंदगी कम पड़ गई हो, इसे निहारने के लिए। वैसे तो यहां सालभर पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रहती है लेकिन बारिश के दिनों में यहां आना किसी जन्नत से कम नहीं।
3. नोहकलिकाइ जलप्रपात (मेघालय)
नोहकलिकाइ जलप्रपात, मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में स्थित है, जो करीब 340 मीटर ऊंचाई से बहती है। मानसून के दौरान ये झरने अपने उफान पर रहते हैं, जिससे इनकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। चेरापूंजी के नजदीक होने के चलते यह पर्यटकों से भरा रहता है। लेकिन मानसून के दौरान यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है। यहां आसपास में कई वन्यजीव अभयारण्य भी है, जहां ट्रेक का भी आनंद ले सकते हैं।
4. नोहस्गिथियांग जलप्रपात (मेघालय)
नोहस्गिथियांग जलप्रपात भी मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में स्थित है, जो करीब 315 मीटर ऊंचाई से बहती है। बारिश के मौसम में जब इस झरने का पानी खासी हिल्स की चूना पत्थर की पहाड़ियों की चोटी पर गिरती है, तो इसकी सुंदरता देखते बनती है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। पर्यटन के लिहाज से यह झरना काफी अच्छा जगह माना जाता है। यहां, सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
5. दूधसागर जलप्रपात (गोवा)
दूधसागर जलप्रपात का नाम शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने ना सुनी हो। इसकी सुंदरता और खूबसूरती किसी से छिपी नहीं है। इसे देखने पर मानो ऐसा लगता है कि जैसे किसी पहाड़ का दुग्धाभिषेक किया जा रहा है। यह झरना गोवा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। यहां एक रेलवे लाइन (महाराष्ट्र से गोवा या कर्नाटक आते समय) भी गुजरती है, जो इसे और भी खूबसूरत बनाती है। ट्रेन से इसकी खूबसूरती को निहारना मानो किसी सपने के साकार होने जैसा लगता है। अगर आप यहां मानसून के दौरान आने की सोच रहे हैं तो जरूर आएं, मानसून में इसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है। इसकी ऊंचाई करीब 310 मीटर है।