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इन खंडहरनुमा किलों में दफन हैं छत्रपति शिवाजी से जुड़े बड़े राज

महाराष्ट्र स्थित ऐतिहासिक किले जिनका संबंध जुड़ा है महान शिवाजी से। Historic fort located in Maharashtra related to Great Shivaji.

भारत का गौरवशाली इतिहास कई विशाल संरचनाओं से भरा हुआ है। जिनका निर्माण राजा-सम्राटों द्वारा अपने साम्राज्य को बढ़ाने और सुरक्षा के लिहाज से किया जाता था । इन ऐतिहासिक संरचनाओं में दुर्ग/किलों की अहम भूमिका होती थी। जो विशाल क्षेत्र में बनावाए जाते थे। मजबूत दीवारों के घेरे में बने ये किले राजपरिवार को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करते थे।

हालांकि आज ये ऐतिहासिक संरचनाएं हमारे सामने खंडहर के रूप में मौजूद हैं, लेकिन इनका महत्व आज भी बरकरार है। आज 'नेटिव प्लानेट' की ट्रैवल सफारी में हमारे साथ जानिए महाराष्ट्र स्थित चुनिंदा किलों के बारे में जहां दफन हैं महान छत्रपति शिवाजी के कई बड़े राज।

शिवनेरी किला

शिवनेरी किला

PC- rohit gowaikar

महाराष्ट्र के पुणे के पास जुन्नर गांव में स्थित शिवनेरी दुर्ग एक ऐतिहासिक किला है। जहां महान छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। इसी किले की दीवारों के बीच शिवाजी का बचपन बिता। किले के अंदर आज भी माता शिवाई का एक मंदिर देखा जा सकता है। माता शिवाई के नाम पर ही वीर शिवाजी का नाम रखा गया था। किले के अंदर गंगा-जमुना के नाम से दो जलस्त्रोत (ताजे मीठे पानी) भी मौजूद हैं। जहां से सालभर पानी निकलता रहता है। पास में एक खाई भी मौजूद है, जिससे किले की हिफाजत होती थी। खंडहर में तब्दील इस किले में आज भी कई गुप्त गुफाएं मौजूद हैं, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है।

पुरंदर का किला

पुरंदर का किला

PC- Himanshu Sarpotdar

पुणे से लगभग 50 किमी की दूरी पर (सासवाद गांव) पुरंदर नाम का एक किला मौजूद है। कहा जाता है शिवाजी ने अपनी पहली जीत इसी किले पर कब्जा कर हासिल की थी। यह वो स्थान था जहां शिवाजी के बेटे सांबाजी राजे भोसले का जन्म हुआ था। इसलिए यह शिवनेरी के बाद काफी महत्वपूर्ण किला माना जाता है। इस किले पर कभी मुगल सम्राट औरंगजेब का कब्जा था , लेकिन महान शिवाजी ने अपने पराक्रम के बल पर इस किले पर अपना पताका फहरा दिया। इस किले में भी गुप्त सुरंगे बनाई गई थीं, जिसका इस्तेमाल युद्ध के समय आपातकालिन निकासी के लिए किया जाता था।

रायगढ़ का किला

रायगढ़ का किला

PC- rohit gowaikar

रायगढ़ का किला, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड की पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण 1674 ईवी छत्रपति शिवाजी ने करवाया था। रणनीतिक तौर पर यह किला काफी ज्यादा मायने रखता था। कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी काफी लंबे समय तक यहां रहे थे। रायगढ़ का किला एक विशाल संरचना है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2,700 मीटर है। किले तक पहुंचने के लिए करीब 1737 सीढ़ियां को चढ़ाई करनी पड़ती है। सुरक्षा के लिहाज के यह किला काफी व्यवस्थित ढंग से बनाया गया था। यह किला बाद में अंग्रजों के हाथ चला गया था, जिन्होंने यहां भारी लूटपाट मचा कर इस विशाल किले के कई अहम हिस्सों को नष्ट कर दिया था।

सुवर्णदुर्ग का किला

सुवर्णदुर्ग का किला

PC- Ankur P

शिवाजी से संबंधित बाकी किलों की तरह सुवर्णदुर्ग का किला भी काफी ज्यादा मायने रखता है। जिसपर शिवाजी ने 1660 में कब्जा किया था। यह वो दौर था जब हर जगह शिवाजी के पराक्रम का बोलबाला था। इस किले को गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। शिवाजी ने यह किला आदील शाह द्वितिय को रणभूमि में धूल चटाकर हासिल किया था। जिसे विशाल मराठा साम्राज्य का हिस्सा बनाया गया। इतिहासकारों की मानें तो इस किले पर कब्जा करना रणनीतिक लिहाज के काफी ज्यादा जरूरी था। थल के साथ समुद्री पकड़ बनाने के लिए सुवर्णदुर्ग काफी ज्यादा महत्वपूर्ण बना ।

प्रतापगढ़ किला

प्रतापगढ़ किला

PC- Bernard Oh

प्रतापगढ़ किला, मराठों की शौर्य की दास्तां बयां करता था। इस किले को प्रतापगढ़ में हुए युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। 10 नवंबर 1656 को अफजल खान और छत्रपति शिवाजी के मध्य भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें शिवाजी ने अफजल को बुरी तरह हराया। दरअसल वो धोखे से शिवाजी को मारना चाहता था लेकिन इस बीच शिवाजी उसकी मंशा भांप गए और बाघनख (बाघ के नाखूनों वाला हथियार) से उसका पेट चीर दिया। यह जीत मराठा साम्राज्य के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण नींव बनी। यह किला महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है।

सिंधुदुर्ग का किला

सिंधुदुर्ग का किला

PC- ShevantiRaj

कोंकण तट पर स्थित सिंधुदुर्ग का निर्माण सामरिक उद्देश्य के लिए करवाया गया था। इतिहासकारों की मानें तो सिंधुदुर्ग को बनाने में लगभग 3 साल का समय लगा था। 48 एकड़ में फैला यह एक किला एक विशाल संरचना मानी जाती है। जिससे मराठों के विशाल साम्राज्य का पता चलता है। यह किला मुंबई शहर से लगभग 450 किमी की दूरी पर स्थित है।

लोहगढ़दुर्ग का किला

लोहगढ़दुर्ग का किला

PC- vivek Joshi

छत्रपति शिवाजी द्वारा बनवाए गए भव्य किलों में लोनावाला स्थित लोहगढ़दुर्ग का भी नाम आता है। इस किले का इस्तेमाल मराठा साम्राज्य की संपत्ति रखने के लिए किया जाता था। माना जाता है कि सूरत में लूट के बाद हासिल किया गया खजाना यहीं रखा गया था। यह किला काफी लंबे समय तक मराठा के पेशवा नाना फडणवीस का निवास स्थान रहा। बाकी ऐतिहासिक किलों की तरह यह किला भी खंडहर में तब्दिल हो गया है। जो अब बस पर्यटन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। दूर-दूर से लोग शिवाजी की विरासतों को देखने के लिए आते हैं।

अर्नाला का किला

अर्नाला का किला

PC- keval

महाराष्ट्र के वसई गांव में स्थित अर्नाला का किला पेशवा बाजीराव के भाई चीमाजी अप्पा द्वारा कब्जा किया गया था। 1739 के दौरान हुए इस युद्ध में काफी लोग मारे गए थे। यह किला ज्यादा समय तक मराठों के पास नहीं रहा। एक संधि के तरह अर्नाला का किला अंग्रेजों के पास चला गया। बता दें कि यह किला तीनों ओर से समंदर से घिरा हुआ है। जो सुरक्षा के लिहाज से काफी ज्यादा मायने रखता था।

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