मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले जी द्वारा गाया गया गीत 'ये दुनिया खेल तमाशा, अरे घड़ी में तोला घड़ी में माशा' हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच है। ज़िंदगी में रोज़ आने-जाने वाले उतार चढ़ाव ही एक मनुष्य को बेहतर इंसान बनाते हैं। बिना उतार-चढ़ाव के तो ज़िंदगी भी नीरस बन जाती है। इन्हीं उतार चढ़ावों को दिखाने के लिए और उन्हें सामने से रूबरू करने के लिए मनुष्य ने एक बेहतरीन तरीका निकाला है, नाटक।
नाटक द्वारा हर बार लोगों को ज़िंदगी के कई पहलुओं से वाकिफ़ कराया जाता है ताकि उन परिस्थितियों का हम आसानी से और मज़बूती से सामना कर सकें। ऐसे ही कई नाटक आए दिन दिल्ली की सड़कों पर प्रस्तुत किए जाते रहते हैं। आपको मनोरंजन के साथ साथ कई सीख भी सिखाई जाती है इन सारे कार्यक्रमों में। दिल्ली की सबसे अलग ख़ासियत और सड़को की यात्रा के साथ, मनोरंजन का मज़ा लेने वालों के लिए ये सबसे अच्छा मौका है अलग अलग नाटकों और क्रियाओं में हिस्सा लेने का।
चलिए ऐसे ही कुछ मज़ेदार नाटकों और क्रियाओं में भाग लेने दिल्ली की सड़कों पर!
राहगिरी डे में कार्यक्रम प्रस्तुत करते लोग
राहगिरी डे (अपनी राहें, अपनी आज़ादी)
'अपनी राहें, अपनी आज़ादी', सिद्धांत के साथ, टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा शुरू किया गया यह राहगिरी अभियान साल 2014 से ही हर रविवार दिल्ली की सड़कों में आयोजित किया जाता है। अपनी यूनीक थीम के साथ यह अभियान आम लोगों को अलग अलग क्रियाओं में हाथ आज़माने का मौका देती है। डांस, ड्रामा, गाना बजाना, ऑर्केस्ट्रा जैसे कई प्रोग्राम आयोजित होते हैं। स्वास्थ के प्रति जागरूक लोगों को भी कई महत्वपूर्ण टिप्स पेशेवरों से मिलते हैं। बच्चों से लेकर बड़े लोगों, हर उम्र के लोगों के लिए यह रविवार, छुट्टी के दिन की शानदार शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है।
राहगिरी डे में नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करते कॉलेज विद्यार्थी
कई बड़ी हस्तियाँ और म्यूज़िक बैंड्स भी इसमे शामिल हो लोगों के उत्साह को और बढ़ाते हैं। दिल्ली में यह अभियान रोहिणी, कनोट प्लेस, शाहदरा, द्वारका, और गुड़गाँव की सड़कों में आयोजित किया जाता है। भारत के अन्य शहरों जैसे भोपाल, चंडीगढ़, हैदराबाद और भुवनेश्वर की सड़कों में भी लोग इस आयोजन का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं।
दिल्ली ड्रम सर्कल में ढोल बजा कर हिस्सा लेते वरिष्ठ नागरिक
दिल्ली ड्रम सर्कल(डी डी सी) में ड्रम्स की ताल पर थिरकिये
दिल्ली ड्रम सर्कल की पहचान ही है संगीत, नृत्य और लोगों का सौहार्द्र। हर तरह के वाद्य यंत्रों के साथ यहाँ हर उम्र के लोगों का स्वागत किया जाता है। यह जाम सेशन एक एक शनिवार को छोड़ हर दूसरे शनिवार को दिल्ली के औरोबिंदो मार्ग और हौज़ खास विलेज के हिरण पार्क में आयोजित किया जाता है। लोग अपने अपने वाद्य यंत्रों के साथ जमा हो एक गोलाकार आकृति में इकट्ठे होते हैं और अफ्रिकन जनजातियों की तरह सामंजस्य बैठा कर गाने बजाने का कार्यक्रम करते हैं। लोग इन धुनों में खोकर एक दूसरे के साथ अपनी खुशी का इज़हार करते और माहौल का लुत्फ़ उठाते हैं।
दिल्ली ड्रम सर्कल में गाते बजाते और नृत्य करते मज़े में मशगूल लोग
मज़े लीजिए उत्कृष्ट नाटकों का
फिल्मी थियेटरों में तो आप हर बार फिल्मों का मज़ा लेने जाते हैं। इस बार कुछ नया ट्राय करने की कोशिश करिए और चलिए, सामने बैठ कर ड्रामे का लुत्फ़ उठाने के लिए, जहाँ कई सारे शौकीन और पेशेवर अपने नाटक की कला का प्रदर्शन कुछ अलग और शानदार तरीके से करते हैं। कई सारे थियेटर आपको 50-60 साल पुराने ज़माने में भी ले जाएँगे। इन नाटकों का मज़ा लेने के लिए,अक्षरा थियेटर, कमानी ऑडिटोरियम, श्रीराम सेंटर और लिटिल थियेटर ग्रूप ऑडिटोरियम हैं।
अक्षरा थियेटर
Image Courtesy: Akshara2016
हर किसी में कला के प्रति झुकाव होता ही है। तो अपनी कला को उजागर कर अपने अंदर के छुपे किरदार और कलाकार को बाहर निकाल पूरी दुनिया के सामने पेश करने के इस शानदार मौके का लुत्फ़ उठाइए दिल्ली के इन जगहों की यात्रा कर और अपनी छुट्टियों के दिन को और भी रोमांचक बनाइए इन जगहों की क्रियाओं में शामिल हो।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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