'गणपति बाप्पा मोरिया',चलिए भगवान गणेश जी की आराधना से शुभारम्भ करिये हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नए साल का। यूँ तो पुरे भारत में ही गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जगह-जगह पंडाल लगते हैं, मूर्तियां सजती हैं, अलग नए और खास व्यंजन बनते हैं। पर महाराष्ट्र में मनाये जाने वाले गणेश चतुर्थी की बात ही कुछ अलग होती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का प्रमुख त्यौहार मनाया जाता है। गणेश पुराण में उल्लेखित कथाओं के अनुसार इसी दिन सम्पूर्ण विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले, कृपा के सागर तथा भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश जी का आविर्भाव हुआ था। सोमवार 5 सितम्बर को मनाये जाने वाले इस त्यौहार की छटा हर साल की तरह मज़ेदार और हर्षोल्लास से भरी होगी।
गणेश चतुर्थी को मनाने से जुड़ी कथा इस प्रकार है कि, एक बार मां पार्वती स्नान ने करने से पूर्व अपनी मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसका नाम गणेश रखा। फिर उसे अपना द्वारपाल बना कर दरवाज़े पर पहरा देने का आदेश देकर स्नान करने चली गई। थोड़ी देर बाद भगवान शिव आए और द्वार के अन्दर प्रवेश करना चाहा तो गणेश ने उन्हें अन्दर जाने से रोक दिया।
इसपर भगवान शिव जी क्रोधित हो गए और अपने त्रिशूल से गणेश के सिर को काट दिया और द्वार के अन्दर चले गए। जब मां पार्वती ने पुत्र गणेश जी का कटा हुआ सिर देखा तो अत्यंत क्रोधित हो गई। तब ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं ने उनकी स्तुति कर उनको शांत किया और भोलेनाथ से बालक गणेश को जिंदा करने का अनुरोध किया। उन्होंने उनके अनुरोध को स्वीकारते हुए एक हाथी के कटे हुए मस्तक को श्री गणेश के धड़ से जोड़ कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। और उन्हें आशीर्वाद दिया कि देवों में सबसे पहले उनकी ही पूजा होगी फिर बाकि देवताओं की।
चलिए आज हम इसी शुभ लक्ष्य के आगमन पर महाराष्ट्र के कुछ प्रसिद्ध गणपति मंदिरों की यात्रा पर चलते हैं, जहाँ आप इस गणेश चतुर्थी दर्शन के लिए जाना न भूलें।
विग्नेश्वर मंदिर
विग्नेश्वर मंदिर महाराष्ट्र में कुकड़ी नदी के किनारे ओझर नाम के गाँव में स्थित है। यह भगवान गणेश के 'अष्टविनायक' पीठों में से एक है।
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वरद विनायक मंदिर
महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के छोटे से गांव महद में स्थापित वरद विनायक मंदिर भगवान गणेश जी के अष्टविनायक मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण लगभग तीन सदी पहले 1725 ईसवीं पश्चात पेशवा सरदार महादेव वरद विनायक बिवालकर द्वारा करवाया गया था।
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सिद्धिविनायक मंदिर, सिद्धटेक
महाराष्ट्र के सिद्धटेक में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर गणेश जी के अष्टविनायक मंदिरों में से एक है जो अहमदनगर जिले में भीम नदी के उत्तरी तट पर स्थापित है।
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सिद्धिविनायक मंदिर, मुम्बई
गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। महाराष्ट्र का यह सिद्धिविनायक मंदिर मुम्बई के प्रभादेवी में स्थापित है और यह मंदिर मुम्बई के सबसे संपन्न मंदिरों में से एक है।
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रांजणगाँव गणपति मंदिर
महाराष्ट्र के अष्टविनायक मंदिरों में से एक रांजणगाँव के रांजणगाँव गणपति मंदिर का निर्माण 9वीं से 10वीं शताब्दी के बीच हुआ था।
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लेण्याद्री गणपति मंदिर
लेण्याद्री महाराष्ट्र में पुणे जिले के जुन्नर के पास स्थित 30 चट्टानों को काट कर बनाया गया एक बौद्धिक गुफ़ा है। इन गुफ़ाओं में शामिल सातवां गुफ़ा गणेश जी का मंदिर है, जो अष्टविनायक मंदिरों में से एक है।
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कसबा गणपति मंदिर
कसबा गणपति मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में स्थापित एक प्रसिद्द मंदिर है।
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गणपतिपुले मंदिर
गणपतिपुले मंदिर, महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में कोंकण तट पर बसे गांव गणपतिपुले के प्रसिद्ध बीच के किनारे स्थापित प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति कथित तौर पर लगभग चार सौ वर्ष पुरानी मानी जाती है।
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दशभुजा मंदिर
दशभुजा मंदिर महाराष्ट्र के पुणे शहर में कारवे रोड पर स्थापित है।
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दगादुशेठ हलवाई गणपति मंदिर
दगादुशेठ हलवाई गणपति मंदिर महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थापित प्रमुख प्रसिद्द मंदिर है। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। कई चर्चित हस्तियां भी इस पावन अवसर पर गणपति जी के अद्भुत दर्शन को यहाँ आते हैं।
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चिंतामणि मंदिर
चिंतामणि मंदिर महाराष्ट्र के पुणे शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर थेउर में स्थापित है। यह मंदिर भगवान गणेश जी के अष्टविनायक मंदिरों में से एक है।
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बल्लालेश्वर पाली मंदिर
बल्लालेश्वर रायगढ़ ज़िला, महाराष्ट्र के पाली गाँव में स्थित भगवान गणेश के 'अष्टविनायक' शक्ति पीठों में से एक है। ये एकमात्र ऐसे गणपति हैं, जो धोती-कुर्ता जैसे वस्त्र धारण किये हुए हैं, क्योंकि उन्होंने अपने भक्त बल्लाल को ब्राह्मण के रूप में दर्शन दिए थे।
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कदव गणपति मंदिर
कदव गणपति मंदिर जिसे 'दिगंबर सिद्धिविनायक मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के छोटे से गांव करजत में स्थापित एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है।
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