आज जीवन बहुत व्यस्त है, कई कारणों से व्यक्ति के पास एक दूसरे के लिए समय नहीं है, आलम ये है कि अब इस वक़्त की कमी ने लोगों के शादी शुदा जीवन को भी प्रभावित कर लिया है। हर व्यक्ति की ज़िन्दगी में एक समय ऐसा आता है जब उसके जीवन से रोमांस लगभग गायब हो जाता है। ऐसा होने के पीछे कई सारी वजहें भी हैं जैसे हमारी जीवन शैली, ऑफिस का वर्क लोड, टारगेट का टेंशन आदि। OMG : होटल जिसका किराया 6 लाख रूपये
अब हम आपसे ये जानना चाहेंगे कि आपमें से कितने लोग ऐसे हैं जो ये कहते हैं कि उनकी लाइफ से रोमांस पूरी तरह गायब हो चुका है? चलिए अब आपको घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं भारत के उन डेस्टिनेशन से जहां जा कर आप अपने खोये हुए स्पार्क को वापस ला सकते हैं।
तो अब देर किस बात की आज ही अपने ट्रेवल एजेंट से संपर्क करिये और टिकट बुक कराइये फिर निकल पड़िये भारत के ये 20 बेहद खूबसूरत डेस्टिनेशनों को निहारने और गहराई से इनका लुत्फ़ लेने। यकीन मानिये इस यात्रा का सुख आपको तभी मिल पायगा जब आप इन स्थानों कि यात्रा करेंगे, यूं शब्दों में बयां करना आपको वो एहसास नहीं दे पायगा। तो आइये जाने भारत के इन खूबसूरत डेस्टिनेशनों को।
श्रीनगर
श्रीनगर, कश्मीर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है जिसे समस्त भारतवासी धरती का स्वर्ग और पूरब का वेनिस कहते हैं। झेलम नदी के तट पर स्थित खूबसूरत झीलों, महान ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखने वाला शहर, श्रीनगर हर प्रकार के पर्यटन की धुरी पर खरा उतरता है और पर्यटकों का मन-पसंदीदा गंतव्य हैं। श्रीनगर मुख्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना है श्री और नगर। श्री का अर्थ होता है धन और नगर यानि शहर। धन का शहर से तात्पर्य है कि हर प्रकार से सम्पन्न, किसी भी प्रकार की कोई कमी न हों।
गुलमर्ग
गुलमर्ग का अर्थ है "फूलों की वादी"। जम्मू - कश्मीर के बारामूला जिले में लग - भग 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग, की खोज 1927 में अंग्रेजों ने की थी। यह पहले "गौरीमर्ग" के नाम से जाना जाता था, जो भगवान शिव की पत्नी "गौरी" का नाम है। फिर कश्मीर के अंतिम राजा, राजा युसूफ शाह चक ने इस स्थान की खूबसूरती और शांत वारावरण में मग्न होकर इसका नाम गौरीमर्ग से गुलमर्ग रख दिया।
लद्दाख
इंडस नदी के किनारे पर बसा ‘लद्दाख' , जम्मू और कश्मीर राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन-स्थल है। इसे, लास्ट संग्रीला, लिटिल तिब्बत, मून लैंड या ब्रोकन मून आदि के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य शहर ‘लेह' के अलावा, इस क्षेत्र के समीप कुछ प्रमुख पर्यटन-स्थल जैसे, अलची, नुब्रा घाटी, हेमिस लमयोरू, जांस्कर घाटी, कारगिल, अहम पैंगांग त्सो, और त्सो कार और त्सो मोरीरी आदि स्थित हैं ।
मनाली
मनाली, हिमाचल प्रदेश राज्य में समुद्र स्तर से 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते है। मनाली, कुल्लु जिले का एक हिस्सा है जो हिमाचल की राजधानी शिमला से 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्पन्न हुआ है जिन्हे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था। ऐसा माना जाता है कि मनु इसी जगह पर जीवन के सात चक्रों में बने और मिटे थे। मनाली की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है जिसे जीवन के 7 चक्रों रिवर्स सेज से सम्बन्धित माना जाता है।
धर्मशाला
काँगड़ा के उत्तर-पूर्व में 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शहर चंडीगढ़ से 239 किलोमीटर, मनाली से 252 किलोमीटर, शिमला से 322 किलोमीटर और नई दिल्ली से 514 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को काँगड़ा घाटी का प्रवेश रास्ता माना जाता है। इसकी पृष्ठभूमि में बर्फ से ढकी धौलाधार पर्वत श्रृंखला इस स्थान का नैसर्गिक सौंदर्य बढ़ाती हैं।
औली
औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह खूबसूरत जगह समुद्रतल से 2800मी. ऊपर स्थित है। यह जगह ओक धार वाली ढलानों और सब्ज़ शंकुधारी जंगलों के लिए जानी जाती है। औली का इतिहास 8वीं शताब्दी में पाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, गुरु आदि शंकराचार्य इस पवित्र स्थान पर आए थे। इस जगह को 'बुग्याल ' भी कहा जाता है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ है 'घास का मैदान'। ओस की ढलानों पर चलते हुए पर्यटक नंदादेवी, मान पर्वत तथा कामत पर्वत शृंख्ला के अद्भुत नज़ारें देख सकते हैं। यात्री इन ढलानों से गुज़रने पर सेब के बाग और हरेभरे देवदार के पेड़ देख सकते हैं।
नैनीताल
नैनीताल को भारत का झीलों वाला कस्बा भी कहा जाता है। यह हिमालयन बेल्ट में स्थित है। यह कुमाऊँ की पहाड़ियों के मध्य में स्थित है और इसे खूबसूरत झीलों का आशीर्वाद प्राप्त है। नैनीताल अपने खूबसूरत परिदृश्यों और शांत परिवेश के कारण पर्यटकों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश व्यापारी, पी. बैरून ने 1839 में, यहाँ की सम्मोहित कर देने वाली खूबसूरती से प्रभावित होकर ब्रिटिश कॉलोनी स्थापित करके नैनीताल को लोकप्रिय बना दिया। जो पर्यटक नैनीताल भ्रमण की योजना बना रहे हैं वे हनुमानगढ़ की यात्रा भी कर सकते है जो कि भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा नैनीदेवी मंदिर एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भारत के 51 शक्ति-पीठों में गिना जाता है।
जैसलमेर
जैसलमेर,'गोल्डन सिटी', राजस्थान के शाही महलों और लड़ने वाले ऊंटों के साथ एक रेतीले रेगिस्तान के आकर्षण का प्रतीक है। यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महान थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। जैसलमेर जिले के प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में सेवारत होने के साथ, यह पाकिस्तान, बीकानेर, बाड़मेर और जोधपुर की सीमाओं से लगा है। यह सुनहरा शहर राज्य की राजधानी जयपुर से सिर्फ 575 किमी दूर है। पर्यटन जिले की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण प्रमुख भूमिका निभाता है। शहर के संस्थापक राव जैसल, जिन्होंने 12 वीं सदी के दौरान जैसलमेर पर शासन किया, के नाम पर इस शहर को नामित किया गया है।
उदयपुर
उदयपुर एक खूबसूरत जगह है, जो 'झीलों का शहर' के रूप में भी जाना जाता है और अपने शानदार किलों, मंदिरों, खूबसूरत झीलों, महलों, संग्रहालयों, और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने वर्ष 1559 में इस शहर की स्थापना की। यह जगह भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा के लिए विख्यात है।
महाबलेश्वर
महाराष्ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल है। महाबलेश्वर में पर्यटक गर्मी के मौसम में आना पसंद करते है। महाबलेश्वर का शाब्दिक अर्थ होता है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्णा नामक पांच नदियां बहती है। 4,450 फीट की ऊंचाई पर बसा यह शहर 150 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। महाबलेश्वर, मुम्बई से 220 किमी. और पुणे से 180 किमी. दूर स्थित है।
कूर्ग
कुर्ग या कोडागु, कर्नाटक के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कूर्ग, कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है जो समुद्र स्तर से लगभग 900 मीटर से 1715 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।कूर्ग को भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है और इसे कर्नाटक का कश्मीर भी कहा जाता है।
अलेप्पी
लगून, शांति और फुरसत के पल बिताने की जगह के रूप में प्रसिद्ध अलेप्पी को पूरब का वेनिस कहा जाता है। यहाँ की नहरों और पाम के पेड़ों के बीच स्थित सुन्दर जलभराव और हरियाली रोमाँच को जागृत कर आपको कल्पनाओं के नये आयाम में पहुँचा देते हैं। केरल के प्रथम योजनाबद्द तरीके से निर्मित शहरों में से एक, इस शहर में जलमार्ग के कई गलियारे हैं जो वास्तव में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में मदद करते हैं और आपकी यात्रा को यादगार बनाते हैं।
मुन्नार
मुन्नार एक अविश्वसनीय, शानदार और अतिआकर्षक मन को लुभाने वाला हिल स्टेशन है जो इडुक्की जिले में स्थित है। पहाड़ों के घुमावदार इलाकों से घिरा हुआ यह हिल स्टेशन पश्चिमी घाट पर स्थित है। मुन्नार नाम का अर्थ होता है तीन नदियां और जो मधुरपुजहा, नल्लाथन्नी और कुंडाली नदियों के अजीब मिलन स्थल वाले क्षेत्र को प्रदर्शित करता है।
ऊटी
ऊटी नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर शहर है। इस शहर का आधिकारिक नाम उटकमंड है तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए इसे ऊटी का संक्षिप्त नाम दिया गया है। भारत के दक्षिण में स्थित इस हिल स्टेशन में कई पर्यटक आते हैं। यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है।
कोडैकनाल
कोडैकनाल पश्चिमी घाट में पलानी पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर और खूबसूरत हिल स्टेशन है। शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और लोकप्रियता के कारण हिल स्टेशनों की राजकुमारी के रूप में प्रसिद्ध है। तमिलनाडु के डिंडागुल जिले में स्थित शहर समुद्र तल से 2133 मीटर की ऊंचाई पर एक पठार के ऊपर है।
पुरी
पुरी, पूर्वी भारत के ओड़िशा राज्य का एक शहर है जो गर्व से बंगाल की खाड़ी पर खड़ा है। यह ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर से 60 किमी दूर स्थित है। पुरी शहर को जगन्नाथ मंदिर के कारण जगन्नाथ पुरी के नाम से भी बुलाया जाता है जो इस शहर को इतना लोकप्रिय बनाता है। लोगों के अनुसार, भारत में हिंदू तीर्थ यात्रा पुरी के दर्शन बिना अधूरी है। जगन्नाथ मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जहां राधा, के साथ दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती, सती, और शक्ति सहित भगवान कृष्ण भी वास करते हैं। यह भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि मानी जाती है और इसे पुराणों में पुरुषोत्तम पुरी, पुरुषोत्तम क्षेत्र, पुरुषोत्तम धाम, नीलाचल, नीलाद्रि, श्रीश्रेष्ठ और शंखश्रेष्ठ जैसे कई नाम दिया गया हैं।
शिलांग
पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाने वाला शिलांग बेशक पूर्वोत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। हरे घने जंगल, अनुपम प्राकृतिक छटा, बादलों से ढंके पहाड़, फूलों से आती मीठी-मीठी खूशबू, मिलनसार लोग और औपनिवेशिक मेहमान नवाजी के अलावा उस दौर की निशानियां शिलांग पर्यटन की खासियत है। एक ओर जहां शिलांग हरयाली से अटा पड़ा है, वहीं दूसरी ओर शहर की भागम-भाग वाली जिंदगी शिलांग पर्यटन को बहुआयामी बना देती है।
दार्जिलिंग
भारतीय फिल्मों में तो आपने दार्जिलिंग को कई बार देखा होगा। हॉलीवुड की भी एक फिल्म में विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को दिखाया गया है। यह एक छोटी रेलवे सेवा जो पर्वतों से होकर गुजरती है। इस सफर में आप विहंगम प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं। दरअसल दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिल स्टेशन है और आप यहां बर्फ से ढंकी चोटियां देख सकते हैं।
पांडिचेरी
आधिकारिक तौर पर 2006 के बाद से पुडुचेरी नाम से जाना जाने वाला पांडिचेरी, इसी नाम से प्रसिद्ध संघ क्षेत्र की राजधानी है। यह शहर और क्षेत्र, दोनों ही फ्रेंच उपनिवेशवाद से प्राप्त विरासत में समृद्ध है जिसका इस क्षेत्र की अद्वितीय संस्कृति और विरासत में महत्वपूर्ण योगदान है। पांडिचेरी का संघ क्षेत्र तीन भारतीय राज्यों में फैले चार तटीय क्षेत्रों से बना हैः यानम(आंध्र प्रदेश में), पांडिचेरी शहर, कराईकल(दोनों तमिलनाडु के पूर्वी समुद्रतट पर स्थित) और माहे(केरल के पश्चिमी तट के पास स्थित है)।
अंड़मान और निकोबार
सालों से मनुष्य, एकांता की तलाश में कई समुंद्री तटों की ओर खींचा चला जाता है। चाहे वो ब्राज़ील के अमेज़न हो या फिर इबिज़ के समुंद्री तट, यहाँ के शांत वातावरण में मनुष्य एकांत प्राप्त करता है, जो विश्व के कुछ ही स्थानों में प्राप्त होती है। अगर आप भी, कुछ समय एकांत में बिताना चाहते हैं, तो अंड़मान - निकोबार द्वीप एक सही स्थान है।